जीएसटी से भरेगा दिल्ली सरकार का खजाना | रामवीर सिंह गुर्जर / नई दिल्ली February 24, 2017 | | | | |
दिल्ली सरकार की आर्थिक स्थिति वस्तु एवं सेवा (जीएसटी) लागू होने के बाद काफी मजबूत होने वाली है। दिल्ली की अर्थव्यवस्था में सेवा क्षेत्र की हिस्सेदारी करीब 82 फीसदी है और सेवा कर केंद्र वसूलता है। जीएसटी के बाद दिल्ली सरकार को भी सेवा कर का हिस्सा मिलेगा, जो जीएसटी के तहत केंद्र को दिल्ली से मिलने वाले बिक्री कर के हिस्से से लगभग दोगुना होगा।
ऐसे में जीएसटी व्यवस्था में दिल्ली का राजस्व मौजूदा वैट व्यवस्था से करीब 40 फीसदी बढ़ सकता है। दिल्ली के कारोबारियों को भी फायदा हो सकता हैं। चूंकि दिल्ली के कारोबारी ज्यादातर माल बाहरी राज्यों से मंगाते हैं। जीएसटी आने से उत्पाद शुल्क व कें द्रीय बिक्री कर खत्म होने से इन कारोबारियों को अधिक इनपुट क्रेडिट मिलेगा। इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट ऑफ इंडिया (आईसीएआइ) ने दिल्ली के कर तंत्र पर जीएसटी के प्रभाव पर दिल्ली वैट विभाग के लिए एक अध्ययन किया है। यह अध्ययन वर्ष 2015-16 में कर संग्रह के आधार पर किया गया है। इस अध्ययन के मुताबिक वर्ष 2015-16 में जीएसटी के बाहर रहने वाले उत्पादों से 4,887 करोड़ रुपये कर प्राप्त हुए। जीएसटी में शामिल होने वाले उत्पादों से उक्त वर्ष शुद्घ कर संग्रह 11, 821 करोड़ रुपये था। विलासिता, मनोरंजन व बेटिंग से संग्रह 661 करोड़ रुपये था। इस तरह मौजूदा व्यवस्था में दिल्ली का वैट संग्रह 17,369 करोड़
रुपये रहा।
जीएसटी में इससे बाहर रहने वाले उत्पादों से कर संग्रह मौजूदा व्यवस्था के बराबर यानी 4,887 करोड़ रुपये रहेगा, इसमें शामिल होने वाले उत्पादों से 5,712 करोड़ रुपये आने का अनुमान है। जीएसटी में राज्यों को सेवा कर वसूलने का अधिकार है। वर्ष 2015-16 के आधार पर दिल्ली को जीएसटी व्यवस्था में सेवा कर के रूप में 13,511 करोड़ रुपये मिलेंगे। इससे में मौजूदा व्यवस्था में सेवाओं से मिले 661 करोड़ रुपये घटाने पर दिल्ली को 12,850 करोड़ रुपये का सेवा कर के रूप में फायदा होगा, जबकि उत्पादों पर बिक्री कर के रूप में 6,109 करोड़ रुपये घाटा होगा।
कुल मिलाकर वर्ष 2015-16 के आधार पर जीएसटी व्यवस्था में दिल्ली का राजस्व 6,740 करोड़ रुपये बढ़कर 24,110 करोड़ रुपये हो जाएगा, जो मौजूदा व्यवस्था में प्राप्त राजस्व 17,369 करोड़ रुपये करीब 40 फीसदी अधिक है। इस अध्ययन को करने वाली टीम में शामिल एक पदाधिकारी ने बताया कि जीएसटी में उत्पाद शुल्क व सीएसटी खत्म हो रहा है, इसलिए दिल्ली के कारेाबारियों को बाहर से उत्पाद व सेवाएं मंगाने पर अधिक इनपुट क्रेडिट मिलेगा।
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