'मुंबई वासियों को सस्ते में घर देना नैतिक जिम्मेदारी' | सुशील मिश्र / मुंबई February 07, 2017 | | | | |
मुंबई के लोगों को अपने घर का सपना पूरा करने के लिए राज्य सरकार सस्ते मकान पर जोर दे रही है। इसके लिए जरूरी है कि मुंबई में अब जो सीमित संसाधन है वह गरीबों को केंद्रित कर उपयोग की जाए। इसमें बीएमसी की भूमिका मुख्य होगी। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दावा किया कि वह मुंबई में 50 लाख रुपये में घर उपलब्ध कराने की कोशिश कर रहे हैं। इसके लिए बीएमसी में भी भाजपा की सत्ता हो यह जरूरी है।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बीएमसी में व्याप्त भ्रष्टाचार को खत्म करने पर जोर देते हुए कहा कि मुंबई महानगर पालिका का बजट कई राज्यों से ज्यादा है। यह देश की सबसे अधिक पैसे वाली महानगरपालिका है, लेकिन भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी की वजह से शहर का विकास नहीं हो पा रहा है। बीएमसी के हर काम में कमीशन लिया जा रहा है जो काम किए नहीं जाते उसका भी बिल पास किया जाता रहा है। ऐसे में शहर का विकास कैसे हो सकेगा। मुंबई में रहने वाला हर व्यक्ति किसी राज्य या धर्म का हो वह मुंबई का वासी है और मुंबई वासियों को सस्ते दर पर घर उपलब्ध कराना हमारी नैतिक जिम्मेदारी है। इसके लिए जमीन और सीमित संसाधनों का विकास गरीबों को ध्यान में रखकर करना होगा।
फडणवीस ने कहा कि मुंबई को झोपड़पट्टी मुक्त करने के लिए एसआरए योजना कई वर्षों से चल रही है, लेकिन यह योजना सफल नहीं हो सकी क्योंकि बहुत सारी झोपड़ पट्टी बस्तियां केंद्र सरकार के अधीन आने वाली जमीन पर है जबकि एसआरए योजना सिर्फ राज्य सरकार के अधीन आने वाली जमीन पर लागू होती है। इसलिए केंद्र सरकार से हम विशेष प्रस्ताव पास कराए गए हैं। अब एसआरए केंद्र सरकार की जमीन पर भी लागू हो सकेगी। इसके तहत हवाई अड्डे के इलाके की झोपड़पट्टी बस्ती का विकास किया जाएगा। शहर में गैरकानूनी तरीके से बनने वाली भवनों पर लगाम लगाने के लिए सरकार रियल एस्टेट कानून लेकर आई है। इसे लागू करने की कवायद शुरू हो चुकी है। इसके बाद मुंबई में गलत तरीके से घर बनाने या फिर ग्राहकों से साथ होने वाली धोखाधड़ी की कोई जगह नहीं रहेगी। शिवसेना से गठबंधन टूटने पर फडणवीस ने कहा कि कि शिवसेना और भाजपा का गठबंधन हिंदुत्व और राष्ट्रवाद की वजह से था। दोनों की विचारधारा मिलती है। यह गठबंधन विचारधारा की वजह से नहीं बल्कि कार्यप्रणाली की वजह से टूटा है। हम बीएमसी से भ्रष्टाचार खत्म करने की बात करते हैं जिस पर वह सहमत नहीं है। फडणवीस का कहना है कि सीटों का बंटवारा मुख्य समस्या नहीं थी। वह बीएमसी में पारदर्शिता लाना चाहते हैं और भाजपा की इस मांग की वजह से गठबंधन टूट गया। बीएमसी चुनाव के बाद भाजपा शिवसेना फिर एक हो जाएंगे सवाल पर उन्होंने कहा कि भाजपा बीएमसी में पूर्ण बहुमत से आ रही है और अपने दमपर बीएमसी में सरकार बनाएगी। उन्हें शिवसेना की जरूरत नहीं पड़ेगी।
फडणवीस ने शहर के विकास पर जोर देते हुए कहा कि एमएमआरडीए का सालाना बजट करीब चार-पांच हजार करोड़ रुपये का होता है जिसके अध्यक्ष वह खुद हैं। मुंबई में जितने बड़े काम हुए हैं वह एमएमआरडीए कर रही है या फिर किया है, जबकि 35 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा बजट वाली बीएमसी शहर की मूलभूत सुविधाएं भी सही नहीं कर पा रही है। इसकी सबसे बड़ी वजह बीएमसी में व्याप्त भ्रष्टाचार है। केंद्र में भाजपा और राज्य में भाजपा की सरकार है। ऐसे में मुंबई महानगर पालिका में भी भाजपा की सरकार होना जरूरी है जिससे शहर का तेजी से विकास किया जा सके।
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