प्रमुख औषधि कंपनी बायोकॉन को अपने इंसुलिन और बायोसिमिलर कारोबार में वृद्धि को लगातार गति मिलने की उम्मीद है। कंपनी को अमेरिका में एफडीए के प्रस्तावित बायोसिमिलर दिशानिर्देशों से उत्पादों की मंजूरी पर कोई उल्लेखनीय जोखिम नहीं दिख रहा है। वित्त वर्ष 2017 की तीसरी तिमाही में बायोकॉन का शुद्ध लाभ पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 65 फीसदी बढ़कर 171 करोड़ रुपये हो गया जबकि राजस्व में 32 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई। कंपनी के कुल राजस्व में बायोलॉजिक्स श्रेणी सबसे अधिक योगदान करती है और पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले इस श्रेणी में 61 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई। कंपनी ने कहा है कि नोटबंदी का उस पर कोई खास प्रभाव नहीं पड़ा लेकिन भारत में उसके ब्रांडेड फॉर्मूलेशन की बिक्री इससे प्रभावित हुई। बायोकॉन के मुख्य कार्याधिकारी (सीईओ) अरुण चंदवरकर ने कहा, 'हमारे बायोलॉजिक्स कारोबार की रफ्तार मजबूत वृद्धि के साथ जारी रहने की उम्मीद है क्योंकि हम अपने जेनेरिक इन्सुलिन एवं बायोसिमिलर मोनोक्लोनल ऐंटीबॉडीज की बिक्री बढ़ा रहे हैं। इसके तहत मध्यम अवधि में हम अपने मौजूदा बाजारों एवं नए बाजारों में अपनी पैठ बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। मलेशिया संयंत्र में वाणिज्यिक उत्पादन शुरू होने से हमारी क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी जिससे हम दुनियाभर में रोगियों की बढ़ती जरूरतों को पूरा करने में समर्थ होंगे।' चंदवरकर का मानना है कि बायोसिमलर में अंतरबदलाव के लिए यूएसएफडीए के प्रस्तावित दिशानिर्देशों से कंपनी की मंजूरियों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। प्रमुख औषधि कंपनी माइलन के साथ संयुक्त रूप से कंपनी ने बायोसिमिलर ट्रास्टाजुमैब के लिए आवेदन जमार कराया है। यूरोप में दोनों कंपनियों ने तीन बायोसिमिलर उत्पादों के लिए आवेदन किया है। विश्लेषकों के अनुसार पिछले सप्ताह जारी मसौदा दिशानिर्देश काफी सख्त हैं और उससे उत्पादों की मंजूरी प्रक्रिया लंबी खिंच सकती है। उन्होंने कहा, 'अंतरबदलाव के लिए मसौदा दिशानिर्देश उम्मीद के मुताबिक हैं और उसे अंतिम रूप देना अभी बाकी है। इसलिए उसके प्रभाव पर टिप्पणी करना अभी जल्दबाजी होगी। दिशानिर्देशों में अंतरबदलाव के बारे में कहा गया है कि इसके तहत फॉर्मूलेटरी में किसी मूल बायोलॉजिक औषधि के लिए बायोसिमिलर को प्रतिस्थापित किया जा सकता है। हमारा मानना है कि इन दिशानिर्देशों से हमारे शुरुआती आवेदनों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। साथ ही प्रभाव उत्पादों पर निर्भर करेगा। हमारे शुरुआती नजरिये से ऐसा लगता है कि हमारी मंजूरियां इससे प्रभावित नहींं होनी चाहिए।' चंदवरकर ने कहा, 'हम वित्त वर्ष 2018 की पहली छमाही में अपने बेंगलूरु संयंत्र को चालू करने की राह पर अग्रसर हैं। यह ठोस खुराक वाली दवाओं के विनिर्माण के लिए हमारा पहला संयंत्र होगा जिससे हमारे नए उत्पादों को उतारने में मदद मिलेगी।'
