रामलिंग राजू के बयान और इस्तीफे के बाद भी एक 'सत्यम ब्रांड' से ग्राहक कंपनियों का भरोसा नहीं उठा है।
सत्यम की दागदार छवि को देखकर सभी यह अनुमान लगा रहे थे कि इस कंपनी के ग्राहक अब दूसरी कंपनियों का दामन थाम लेंगे।
कंपनी को अभी भी कारोबार मिल रहा है। एक तरफ जहां सत्यम के संस्थापक और पूर्व चेयरमैन रामलिंग राजू की पेशी मजिस्टे्रट के सामने हो रही है वहीं दूसरी तरफ कंपनी के अधिकारी गुड़गांव में रेलवे के लिए 50 लाख रुपये के पायलट प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं।
अगर यह प्रोजेक्ट सफल रहता है तो सत्यम को रेलवे की ओर से लगभग 2,000 करोड़ रुपये का ठेका मिल सकता है।
कंपनी के एक वरिष्ठ कार्याधिकारी ने बताया कि नवंबर-दिसंबर में कंपनी को अच्छा कारोबार ही मिला था। कंपनी के सूत्रों ने बताया कि नवंबर में कंपनी ने दो बड़े करार किए थे।
उन्होंने बताया, 'इन दो करारों की कीमत लगभग 1,450 करोड़ रुपये थी। इस बारे में सभी कर्मचारियों को ई-मेल के जरिए बताया गया था।
सत्यम ने डेक्सिया बैंक के साथ भी एक बड़े करार का नवीनीकरण किया था। इस परियोजना को कंपनी को 2010 तक पूरा करना है। इसके अलावा कंपनी को नैशनल ऑस्ट्रेलिया बैंक से भी 320 करोड़ रुपये का ठेका मिला था।'
सत्यम के बिजनेस डेवलपमेंट कर्मियों का कहना है कि कंपनी को मलेशियन एयरलाइंस और भारतीय रेलवे जैसे नए ग्राहक मिलने से कर्मचारियों में काफी उत्साह है।
कंपनी के एक कर्मचारी ने बताया, 'इस हफ्ते हमारे प्रबंधन से हमें कई बार यह कहा गया है कि कंपनी के 80 फीसदी ग्राहक कंपनी के साथ ही हैं। इससे हमें काफी राहत मिली है।'
सूत्रों ने बताया कि कंपनी के ग्लैक्सोस्मिथलाईन फार्मा, ब्रिटिश पेट्रोलियम, ऑरेकल, जनरल इलेक्ट्रिक और निसान जैसे बड़े ग्राहकों ने कंपनी के साथ अपने करार के नवीनीकरण को लेकर सकारात्मक प्रतिक्रिया ही दी है।