सॉफ्टवेयर डेवलपर के लिए पोस्टमैन की 'जादुई दुनिया' | आयान प्रमाणिक / December 04, 2016 | | | | |
पोस्टमैन ने सॉफ्टवेयर विकसित करने का तरीका बदलने की योजना बनाई है। यह जल्द ही कंपनियों के लिए शुरू करेगी अपनी सेवाएं। बता रहे हैं आयान प्रमाणिक
25 वर्षीय तकनीक विशेषज्ञ साईतेजा वीरा को अपने साथी डेवलपरों को कोड साझा करने में घंटों बिताते पड़ते थे। लेकिन आज कुशल पेशेवरों को भर्ती करने वाली स्टार्टअप बिलॉन्ग डॉट सीओ का यह सह-संस्थापक सॉफ्टवेयर लिखता है और पोस्टमैन का इस्तेमाल कर एक साथ अन्य इंजीनियरों को साझा कर देता है।
सॉफ्टवेयर बनाने के प्लेटफॉर्म कोई नए नहीं हैं। बेंगलूरु की पोस्टमैन द्वारा दुनियाभर के सॉफ्टवेयर डेवलपरों को दी जाने वाली सेवा की अनोखी बात उसका सहकार्य है। बिड़ला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी ऐंड साइंस, पिलानी के एक पूर्व छात्र अभिनव अस्थाना ने 2012 मेंं एक सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट ऐंड टेस्टिंग प्लेटफॉर्म बनाने का फैसला किया। उनका सबसे ज्यादा जोर बेहतर संवादात्मक समाधान मुहैया कराने पर था। पोस्टमैन ने इस्तेमाल में आसान डेवलपमेंट टूल बनाने की रूपरेखा बनाई थी।
पोस्टमैन ने हाल में नेक्सस वेंचर्र्स से फंंडिंग की सीरीज-ए में 70 लाख डॉलर जुटाए हैं। इसने एक प्लेबुक बनाई है, जिसकी मदद से सॉफ्टवेयर या ऐप डेवलपर अपना काम संगठित तरीके से कर सकते हैं। कंपनी के स्पेशल फीचर को पोस्टमैन क्लेक्शन नाम दिया गया है। यह एक ऐसा टूल है, जो डेवलपरों को एक ही प्लेटफॉर्म पर ऐप्लिकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस (एपीआई) डॉक्यूमेंटेशन, टेस्ट सुइट ऐंड वर्कफ्लो में मदद करता है। स्टार्टअप को नेक्सस से सीड फंडिंग में 10 लाख डॉलर प्राप्त हुए थे।
अवधारणा
पोस्टमैन के इस उत्पाद को बड़ी संख्या में डेवलपर अपना रहे हैं। अस्थाना इसकी वजह भी बताते हैं। आमतौर पर एपीआई को समझना बहुत जटिल समझा जाता है। उन्होंने कहा, 'पोस्टमैन आपको यह दर्शाती है कि एपीआई किस तरह से व्यवहार कर रहा है। एक आसान सिस्टम के जरिये आप यह जान सकते हैं कि क्या चल रहा है और उसके बाद आप फैसला ले सकते हैं। हमारा यह उत्पाद कुछ ऐसे कार्य करता है, जो लोगों को इकाइयां बनाने और उन्हें अन्य डेवलपरों को साझा करने में मदद करता है।'
सॉफ्टवेयर डेवलपरों की तादाद तेजी से बढ़ रही है, जिससे पोस्टमैन ऐसा कुछ बनाने के लिए प्रेरित हुई है जो सॉफ्टवेयर लिखने और उसके परीक्षण का तरीका बदल सके। जल्द डिलिवरी की मांग और टूल्स के बीच समन्वय न होने से डेवलपरों के लिए अच्छी गुणवत्ता का एपीआई मुहैया कराना मुश्किल हो जाता है। ऐसा लगता है कि पोस्टमैन का मॉडल व्यापक कार्य प्रक्रिया और दस्तावेजी फीचर के जरिये इस समस्या को दूर कर रहा है।
अवसर
अस्थाना और उनकी टीम इसमें बड़े अवसर देखती है, क्योंकि पोस्टमैन को 30 लाख व्यक्तिगत ग्राहकों के जरिये पहले ही कम से कम 30,000 कंपनियों द्वारा इस्तेमाल किया जा रहा है। अस्थाना की टीम में अंकित शोबटे और अभिजीत काने शामिल हैं। अंकित शोबटे पहले याहू में उनके साथ काम करते थे, जबकि अभिजीत काने उनके पहले स्टार्टअप टेलीपोर्टमी में इंटर्न थे।
बेंगलूरु की इस स्टार्टअप ने अपनी यात्रा 2013 में शुरू की थी। अस्थाना कहते हैं, 'हमारा विचार यह था कि एपीआई के विकास को सहयोगपूर्ण बनाया जाए। ऐसे समन्वय के पीछे सोच यह थी कि इसमें बहुत से भागीदार हैं और उनकी मदद के लिए कई सिस्टम हैं, लेकिन उनके बीच आपसी सहयोग नहीं था। हमने इसे त्वरित, आसान और समन्वयात्मक बना दिया।' आत्मविश्वास से भरे हुए सह-संस्थापक ने कहा कि कंपनी को लोकप्रियता का सबसे पहले पता ट्विटर से चला। उन्होंने कहा, 'हमारे कार्य का प्रसार लोगों के बीच आपसी संवाद से हुआ। हम कभी अपने उत्पाद को बेचने के लिए नहीं गए।'
चुनौतियां और वृद्धि
इस स्टार्टअप के समक्ष कई चुनौतियां थीं। अस्थाना कहते हैं, 'वास्तविक अच्छे डेवलपरों के लिए एक प्लेटफॉर्म विकसित करना प्रमुख चुनौती थी।' यह तय करना अहम था कि ऐसे प्लेटफॉर्म को कैसे त्वरित बनाया जाए और संस्थापक के एपीआई में अनुभव से मांग पर लेकर स्थिति साफ हुई। शुरुआती दिनों में धन के प्रबंधन में थोड़ी दिक्कत आई। हालांकि कंपनी ने एक अच्छा उत्पाद विकसित करने पर ध्यान बरकरार रखा, जिसे बाद में फंडिंग भी प्राप्त हो। अस्थाना ने बीते दिनों को याद करते हुए कहा, 'मैंने कई अलग-अलग तरीके अपनाए। पोस्टमैन को चंदा मिला, जिससे हम अपना वजूद बनाए रख पाए। कुछ समय तक पोस्टमैन के प्रायोजक भी थे। मैंने थोड़ा सलाहकार का भी काम किया। हमने शुरू से ही नींव मजबूत बनाने और अच्छे लोगों के साथ काम करने की बात सोची थी।' अन्य कंपनियां सहयोगपूर्ण तरीके से सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट का प्लेटफॉर्म मुहैया नहीं कराती हैं। कर्ल भी एक एपीआई आधारित महत्त्वपूर्ण प्लेटफॉर्म है, जो बुनियादी विकास में मदद करता है।
पोस्टमैन का बड़ी सोच यह है कि एक डेवलपमेंट के लिए की आसान प्रक्रिया के लिए एक सिस्टम बनाया जाए और इसका विस्तार किया जाए। इसके 40 फीसदी यूजर अमेरिका के और शेष भारत, चीन और यूरोप के हैं। कंपनी ने अपना एक कार्यालय सैन फ्रांसिस्को में खोला है और अपने उत्पाद के प्रसार के लिए विपणन प्रमुख नियुक्त किया है। इस साल जनवरी से पोस्टमैन क्लाउड ने भुगतान वाली सेवाएं शुरू की थीं। इस मॉडल के तहत सेवाएं डेवलपरों की एक टीम को मुहैया कराई जाती हैं। अगले साल से यह बड़ी कंपनियों के लिए पोस्टमैन एंटरप्राइज नाम का उत्पाद शुरू करेगी। इसकी मासिक कीमत 21 डॉलर प्रति यूजर होगी। यह मुख्य उत्पाद के साथ कस्टमाइजेशन और अतिरिक्त फीचर भी मुहैया कराएगी।
अस्थाना ने कहा, 'हमारा अनुमान है कि इन दो पेशकशों से हमें राजस्व में मदद मिलेगी।' नेक्सस वेंचर्स के जिश्नु भट्टाचार्य को पोस्टमैन के इन दो उत्पादों मेंं पूरा भरोसा है। इससे प्रत्येक डेवलपर को फायदा होगा, जबकि पोस्टमैन आधुनिक सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट का अनिवार्य हिस्सा बन जाएगी। भट्टाचार्य कहते हैं, 'यह आपस में जुड़े हुए सॉफ्टवेयर का जमाना है, जिनके ताना-बाना एपीआई द्वारा बुना जा रहा है। इसे दुनियाभर के डेवलपरों द्वारा तेजी से अपनाया जा रहा है।'
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