शराबबंदी के कानून में बदलाव के संकेत | बीएस संवाददाता / पटना November 22, 2016 | | | | |
बिहार सरकार जल्दी ही अपने शराबबंदी कानून में बदलाव कर सकती है। इसके संकेत राज्य सरकार ने मंगलवार को सर्वदलीय बैठक में दिए। सूत्रों के मुताबिक इस बारे में राज्य सरकार विधानसभा के आगामी शीतकालीन सत्र में एक विधेयक भी पेश कर सकती है।
हालांकि, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने साफ कर दिया है कि यह बदलाव सिर्फ सजा के प्रावधान में होगा। उनके मुताबिक पूर्ण शराबबंदी के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं होगी। मंगलवार को नए शराबबंदी कानून के मुद्दे पर विधानसभा के वाचनालय में एक सर्वदलीय बैठक बुलाई। इस बैठक में पक्ष और विपक्ष के करीब एक दर्जन नेता शामिल हुए। देर शाम तक चली इस बैठक में राज्य सरकार ने संकेत दिए कि सजा के प्रावधानों पर वह कुछ बातें मान मान सकती है। दूसरी तरफ, विपक्षी भारतीय जनता पार्टी ने इस बैठक में राज्य सरकार से बिहार मद्यनिषेध व उत्पाद कानून, 2016 को वापस लेने की मांग की। बैठक में मौजूद सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री ने इस दौरान इस नए कानून में फेरबदल के साफ संकेत दिए। उनके मुताबिक मुख्यमंत्री ने कहा, 'हमारा मकसद कड़ाई से शराबबंदी का पालन करना है। हम इस बारे में किसी भी सूरत में समझौता नहीं करेंगे। कड़ाई से शराबबंदी को लागू करने के लिए इस कानून में कई कड़े प्रावधानों को जोड़ा गया था, जिसे कुछ आज 'तालिबानी' करार दे रहे हैं। इसीलिए मैं आज आपसे पूछ रहा हूं कि इस गैर-तालिबानी कैसे बनाया जाए? अगर आज इस कानून में बदलाव की जरूरत है, तो इस बारे में बात होनी चाहिए। सरकार आपसे जानना चाहती है कि शराबबंदी को और अधिक प्रभावी कैसे बनाया जा सकता है।'
इस बैठक में जदयू के साथ राजद, कांग्रेस, भाजपा, लोजपा और वाम दलों के नेताओं ने भी शिरकत की। सतारूढ़ गठबंधन के नेताओं के मुताबिक इस बारे में सरकार विचार करेगी।
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