जीएम सरसों की बिक्री शुरू करने पर रोक | शुभायन चक्रवर्ती / नई दिल्ली October 07, 2016 | | | | |
उच्चतम न्यायालय ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए सरसों की जीन संवर्धित (जीएम) किस्म की व्यावसायिक बिक्री शुरू करने पर 17 अक्टूबर तक रोक लगा दी है। इस याचिका में कहा गया था कि जीएम सरसों से पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ सकते हैं। यह याचिका एक दिन पहले ही अरुणा रॉड्रिग्स ने दायर की थी। इसमें धारा सरसों हाइब्रिड डीएमएच11 बीज जैसी हर्बीसाइड टॉलरेंट फसलों के खेतों में परीक्षण और व्यावसायिक बिक्री को स्थगित करने की मांग की गई थी। हालांकि धारा सरसों हाइब्रिड डीएमएच11 बीज को पर्यावरण मंत्रालय की तकनीकी समिति मानव उपयोग और पर्यावरण के लिए सुरक्षित बता चुकी है।
याची के मुख्य वकील प्रशांत भूषण के कार्यालय के एक वकील प्रणव सचदेवा ने बताया कि अदालत इस मामले की सुनवाई 17 अक्टूबर को करेगी। पर्यावरण मंत्रालय ने गुरुवार को कहा था कि विभिन्न पर्यावरण और किसान संस्थाओं के विरोध के बाद उसे समिति के फैसले पर 759 जन प्रतिक्रिया मिली हैं। इन प्रतिक्रियाओं की जांच यही समिति करेगी। पर्यावरण मंत्री अनिल माधव दवे ने गुरुवार को इसकी डेडलाइन तय करने से इनकार कर दिया था कि समिति अपनी जांच का ब्योरा कब देगी।
पर्यावरण मंत्रालय के तहत जीएम फसलों की नियामक जीन अभियांत्रिकी मूल्यांकन समिति के तहत आने वाली तकनीकी समिति ने 5 सितंबर को हाइब्रिड डीएमएच-11 को पर्यावरण स्वीकृति दी थी। ऐक्टिविस्ट ने हाइब्रिड किस्म को जारी करने के पर्यावरण पर असर को किए गए मूल्यांकन को लेकर कई सवाल उठाए थे। उनका एक दावा यह था कि डीएमएच-11 के मूल्यांकन में बीटी बैगन के मुकाबले बहुत कम परीक्षण किए गए।
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