तेजी के बाद 27 कंपनियों ने स्प्लिट किए शेयर | दीपक कोरगांवकर और पुनीत वाधवा / October 02, 2016 | | | | |
बजाज फाइनैंस, ग्रासिम इंडस्ट्रीज, 8के माइल्स सॉफ्टवेयर सर्विसेज और करूर वैश्य बैंक समेत 27 कंपनियों ने पिछले दो महीने में इक्विटी शेयरों को स्प्लिट किए जाने की मंजूरी प्रदान की। इन कंपनियों ने शेयर कीमतों में भारी तेजी के बाद यह कदम उठाया। प्राप्त आंकड़ों से पता चलता है कि चालू वित्त वर्ष 2016-17 में अब तक 45 कंपनियां शेयर स्प्लिट की घोषणा पहले ही कर चुकी हैं जबकि तीन कंपनियां - केपीआर मिल, कैपरी ग्लोबल कैपिटल और केएनआर कंस्ट्रक्शंस अगले दो सप्ताह में इस बारे में निर्णय लेंगी।
तुलनात्मक रूप से 48 कंपनियों ने वित्त वर्ष 2016 के पहले 6 महीनों (अप्रैल-सितंबर) के दौरान स्टॉक स्प्लिट की घोषणा की थी। चालू वर्ष 2016 में 65 कंपनियों ने स्टॉक स्प्लिट की घोषणा की है जबकि पिछले साल की समान अवधि में यह संख्या 68 थी।
शेयर स्प्लिट कंपनी के बोर्ड द्वारा शेयरों की संख्या बढ़ाने के लिए किया जाने वाला निर्णय है जिसके तहत मौजूदा शेयरधारकों को अधिक शेयर जारी किए जाते हैं। इसका प्रमुख उद्देश्य छोटे निवेशकों के लिए शेयरों को अधिक किफायती बनाना है, हालांकि कंपनी की अंतर्निहित वैल्यू में बदलाव नहीं आता है। उदाहरण के लिए, बजाज फाइनैंस ने हाल में 10 रुपये के अंकित मूल्य वाले अपने इक्विटी शेयरों को 2 रुपये के अंकित मूल्य के इक्विटी शेयरों में तब्दील किया है। उसने 1:1 के अनुपात में बोनस शेयर भी जारी किए हैं। कंपनी का शेयर 90 प्रतिशत बढ़कर शुक्रवार को 1,127 रुपये पर पहुंच चुका है जो 29 फरवरी को 593 रुपये पर था। कंपनी के अनुसार, शेयर स्प्लिट के पीछे तर्क तरलता में सुधार लाना और इन्हें छोटे निवेशकों के लिए अनुकूल बनाना भी रहा है।
मारुति सुजूकी भी स्टॉक स्प्लिट के विकल्प पर विचार कर रही है। मारुति सुजूकी इंडिया के चेयरमैन आर सी भार्गव ने हाल में आयोजित कंपनी की 35वीं सालाना आम बैठक (एजीएम) में कहा कि स्टॉक स्प्लिट के लिए शेयरधारकों के अनुरोध को विचार के लिए कंपनी के बोर्ड के समक्ष रखा जाएगा। भार्गव ने एक शेयरधारक द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में यह कहा। इस शेयरधारक ने यह चिंता जताई थी कि छोटे खुदरा निवेशक शेयर में भारी तेजी के बाद इसे खरीदने में सक्षम नहीं हो सकते।
पिछले तीन साल में मारुति का शेयर 302 फीसदी चढ़ा है जबकि इस अवधि में बीएसई के सेंसेक्स में 44 फीसदी की तेजी आई है। इकनोमिक्स रिसर्च ऐंड एडवाइजरी के संस्थापक एवं प्रबंध निदेशक जी चोकालिंगम ने कहा, 'कंपनियां सामान्य तौर पर तेजी के बाजार में स्टॉक स्प्लिट पर विचार करती हैं क्योंकि कई प्रवर्तक सेकंडरी बाजार द्वारा पैदा किए जाने वाले लाभ को बनाए रखना चाहते हैं। बोनस देना और शेयर स्पिलिट करना शेयरधारकों के हाथ में मुनाफा कमाने का अन्य माध्यम है। शेयर स्प्लिट से मारुति को अपना बाजार पूंजीकरण लगातार तेजी से बढ़ाने में मदद मिलेगी।'
निवेश रणनीति
हालांकि स्प्लिट का विकल्प शेयर को निवेशकों के लिए अधिक किफायती बनाता है, लेकिन विश्लेषकों का कहना है कि उन्हें अपनी मेहनत की कमाई निवेश करने से पहले कंपनी के बुनियादी आधार पर भी विचार करना चाहिए। विश्लेषकों का कहना है कि उन्हें ऐसे शेयरों में निवेश करने से पहले कंपनी के मुनाफे में आनुपातिक वृद्घि पर विचार करना चाहिए। इकनोमिक्स रिसर्च ऐंड एडवाइजरी के संस्थापक एवं प्रबंध निदेशक जी चोकालिंगम कहते हैं, 'निवेशकों को ऐसे शेयरों में पैसा लगाने से पहले मुनाफे में लगातार वृद्घि के साथ स्प्लिट या बोनस पर विचार करना चाहिए।'
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