ओवीएल को 6,100 करोड़ रुपये का सेवाकर नोटिस | एजेंसियां / नई दिल्ली September 20, 2016 | | | | |
कर विभाग ने ओएनजीसी विदेश लिमिटेड (ओवीएल) को 6,100 करोड़ रुपये के सेवाकर का डिमांड नोटिस जारी किया है। इससे कंपनी का विदेश में तेल एवं गैस क्षेत्रों में निवेश प्रभावित हो सकता है। ओवीएल, ओएनजीसी की विदेश इकाई है। ओवीएल की दुनियाभर के 17 देशों में 37 तेल एवं गैस परियोजनाओं में भागीदारी है। यह भागीदारी विभिन्न सहायक कंपनियों, इकाइयों और संयुक्त उद्यमों के जरिए है।
सूत्रों के अनुसार सेवाकर विभाग का कहना है कि विदेशी इकाइयां ओवीएल को सेवा दे रही हैं इसिलए कंपनी को पूरी दर से सेवाकर का भुगतान करना होगा। विभाग ने 11 अक्टूबर 2011 को ओवीएल को डिमांड एवं कारण बताओ नोटिस जारी कर पूछा था कि उस पर 2,816.31 करोड़ रुपये में ब्याज एवं जुर्माने का सेवाकर क्यों न लगाया जाए। इसके बाद 31 मार्च 2015 तक की अवधि के लिए पांच और डिमांड एवं कारण बताओ नोटिस जारी किए गए। इनमें पूछा गया कि 3,286.36 करोड़ रुपये में ब्याज एवं जुर्माने का सेवाकर क्यों न लगाया जाए। ओवीएल ने इस बारे में विभाग के तर्काें का खंडन करते हुए कर मांग को कानूनी चुनौती दी है। उल्लेखनीय है कि 2015-16 में ओवीएल को 12,772 करोड़ रुपये के कारोबार पर 2,093.5 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था। ओवीएल के अनुसार, सहायक इकाइयों अथवा शाखाओं अथवा संयुक्त उद्यम के जरिये विदेश में किए गए निवेश पर कोई सेवाकर नहीं लगना चाहिए।
कंपनी निवेश पर 12 से 13 फीसदी आंतरिक रिटर्न दर के साथ परियोजनाओं का संचालन करती है और यदि उसे 14 से 15 फीसदी सेवाकर का भुगतान करना पड़ेगा तो उसका रिटर्न नकारात्मक हो जाएगा। साथ ही कंपनी ने यह भी कहा है कि कानून के लिहाज से देश के भीतर सेवाओं के इस्तेमाल पर सेवाकर देय होता है। ओवीएल ने 2015-16 में 12,772 करोड़ रुपये के कुल कारोबार पर 2,093.5 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा दर्ज किया। जबकि इससे पिछले वित्त वर्ष में उसने 19,148.9 करोड़ रुपये के कुल कारोबार पर 1,904.2 करोड़ रुपये का घाटा दर्ज किया था।
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