रोसनेफ्ट-एस्सार की मुलाकात से सौदे पर बनेगी बात | देव चटर्जी / मुंबई September 06, 2016 | | | | |
एस्सार ऑयल में रोसनेफ्ट की तरफ से 49 फीसदी हिस्सेदारी के अधिग्रहण में तेजी लाने के लिए एस्सार समूह और रूस की तेल क्षेत्र की दिग्गज रोसनेफ्ट की कानूनी टीम की इस हफ्ते मुलाकात होने जा रही है ताकि भारतीय बैंक की तरफ से सामने रखे गए मसले और रूसी कंपनी के ऊपर अमेरिका की पाबंदी के असर का निदान निकाला जा सके। इस बैठक में समाधान निकालने की कोशिश की जाएगी कि आखिर इस लेनदेन में कैसे तेजी लाई जा सकती है, यह देखते हुए कि भारतीय बैंक रोसनेफ्ट के मालिकाना हक वाली एस्सार ऑयल में कर्ज को लेकर चिंतित हैं और यह अमेरिका व यूरोपीय यूनियन में उनके निवेश को जोखिम में डाल सकता है। एस्सार ऑयल के ऊपर भारतीय बैंकों का कर्ज 27,000 करोड़ रुपये है।
साल 2014 में रूस की तरफ से यूक्रेन के क्रीमिया क्षेत्र पर कब्जे के बाद अमेरिका ने रूस पर आर्थिक पाबंदी लगा दी थी। ये प्रतिबंध रूसी कंपनियों को बाहरी देशों की कंपनियों के साथ किसी भी तरह से कारोबारी संबंध को रोकते हैं। इसी वजह से भारतीय बैंक इस सौदे पर मंजूरी देने के मामले में चिंतित हो रहे हैं। इस प्रगति पर नजर रखने वाले एक वकील ने कहा कि पाबंदी तभी लागू होगी जब रोसनेफ्ट एस्सार ऑयल की 50 फीसदी से ज्यादा हिस्सेदारी खरीदती है। लेकिन रोसनेफ्ट की हिस्सेदारी 50 फीसदी से नीचे है, लिहाजा अमेरिकी पाबंदी का भारतीय बैंकों पर असर नहीं पड़ेगा। वकील उन तर्कों पर चर्चा करेंगे कि कैसे एस्सार-रोसनेफेट का सौदा भारतीय बैंकों पर नकारात्मक असर नहीं डालेगा। दोनों कंपनियों की प्रबंधन टीम इस साल अक्टूबर तक सौदा पूरा करने का लक्ष्य लेकर चल रही है।
इस संबंध में एस्सार ऑयल के प्रवक्ता ने टिप्पणी करने से मना कर दिया। रोसनेफ्ट को 2.8 अरब डॉलर की नकदी पर 49 फीसदी हिस्सेदारी बेचने के अलावा रुइया की योजना 25 फीसदी हिस्सेदारी कमोडिटी ट्रेडर ट्रैफिगूरा समूह को बेचने की है, जिससे यह अल्पांश हिस्सेदार रह जाएगी। कंपनी का कुल मूल्यांकन करीब 6 अरब डॉलर है। यह बैठक इस रिपोर्ट की पृष्ठभूमि में हो रही है कि रूस का वीटीबी बैंक एस्सार ग्लोबल का 3.5 अरब डॉलर का कर्ज स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक, आईसीआईसीआई बैंक और ऐक्सिस बैंंक से खरीदने पर बातचीत कर रहा है। वीटीबी बैंक के सीईओ एंड्यू कोस्टिन ने ब्लूमबर्ग से कहा कि वह उनका कर्ज खरीदने के लिए तीन बैंकों से बातचीत कर रहे हैं। रोसनेफ्ट से मिली रकम का इस्तेमाल प्रवर्तक कंपनियों के कर्ज के पुनर्भुगतान पर होगा।
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