कीमत पर नजर से नेस्ले की बिक्री पड़ी कमजोर | |
विवेट सुजन पिंटो और अर्णव दत्ता / मुंबई/नई दिल्ली 08 25, 2016 | | | | |
इस कैलेंडर वर्ष के पहले छह महीनों के दौरान नेस्ले इंडिया की बिक्री में वृद्धि पहले की तरह मैगी इंस्टेंट नूडल्स पर ज्यादा निर्भर रही। नेस्ले को पेय, चॉकलेट व मिठाई और दूध उत्पादों से करीब 80 फीसदी कमाई होती है, लेकिन फिर भी वह मैगी इंस्टेंट नूडल्स पर जोर दे रही है। पिछले साल नूडल्स पर रोक लगने के बाद से मैगी नूडल्स से नेस्ले की आमदनी करीब 20 फीसदी रह गई है। यह रोक से पहले 31 फीसदी थी।
हालांकि वृद्धि के हिसाब से बिक्री के आंकड़े मैगी के पक्ष में हैं। साल की पहली छमाही के दौरान घरेलू बाजार में नेस्ले की बिक्री में वृद्धि 7.3 फीसदी रही, लेकिन नूडल्स से इतर श्रेणियों का योगदान महज 0.5 फीसदी था। समीक्षाधीन अवधि में कंपनी के गैर-नूडल्स पोर्टफोलियो की कीमत के लिहाज से वृद्धि 0.7 फीसदी घटी। विश्लेषकों का कहना है कि कंपनी के प्रीमियम उत्पादों पर ध्यान देने की रणनीति से कुल बिक्री बढ़ोतरी में नेस्ले के गैर-नूडल्स पोर्टफोलियो का कम योगदान है।
ब्रोकरेज फिलिपकैपिटल के सह-प्रमुख (अनुसंधान) नवीन कुलकर्णी कहते हैं कि हमेशा से ही नेस्ले ने अपनी ज्यादातर उत्पाद श्रेणियों में कीमतें प्रतिस्पर्धियों से ज्यादा रहने का विकल्प चुना है। विशेषज्ञों के मुताबिक यह कीमत प्रीमियम ज्यादातर श्रेणियों में 15 से 20 फीसदी कम नहीं है। नूडल्स जैसी बड़ी मात्रा में बिक्री वाली श्रेणी में भी नेस्ले ने रोक से पहले मैगी की कीमत 20 फीसदी बढ़ाई थी और फिर लॉन्च करने पर भी कीमतें उसी स्तर पर रखीं, जबकि अन्य कंपनियां 10 रुपये प्रति पैकेट कीमत पर मैगी बेच रही हैं।
नेस्ले के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक सुरेश नारायणन ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया था कि इसके नतीजतन यह मुख्य रूप से शहरों पर केंद्रित और प्रीमियम कंपनी रही है। कुछ विश्लेषकों का कहना है कि यह कंपनी के डीएनए में है। विशेषज्ञों का कहना है कि हाल के एक कॉन्फ्रेंस कॉल में कंपनी ने अधिक कीमत की रणनीति को छोड़कर दहाई अंक में मात्रा वृद्धि का संकेत दिया था, लेकिन यह आसान नहीं होगा।
इस क्षेत्र के विश्लेषकों ने कहा कि कीमत की बदौलत वृद्धि पर ध्यान देने से यह सुनिश्चित हुआ है कि नेस्ले का परिचालन मार्जिन फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स में लगातार अधिक रहा है। यह पिछली पांच तिमाहियों के दौरान 19 से 22 फीसदी के बीच रहा है। कंपनी का परिचालन मार्जिन केवल सितंबर 2015 में गिरकर 15.3 पर आ गया था, उस समय मैगी पर रोक थी। उन्होंने कहा कि कीमत की बदौलत वृद्धि से कंपनी के ध्यान हटाने का मार्जिन पर असर पड़ सकता है।
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