प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वक्त की नजाकत को बेहतर तरीके से समझते हैं और यही वजह है कि आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन के चकित करने वाले फैसले के दो दिन बाद सरकार ने निवेशकों में भरोसा बढ़ाने के लिए विमानन, रक्षा, फार्मा और एकल ब्रांड खुदरा में एफडीआई नियमों को और उदार बनाने का ऐलान कर दिया। सरकार के अधिकारियों को भी इसका आभास है कि राजन के संभावित उत्तराधिकारी को चुन लिया गया है और प्रधानमंत्री तथा वित्त मंत्री जल्द ही इसकी घोषणा कर सकते हैं... 10.15 बजे : मोदी ने एफडीआई नियमों को और उदार बनाने के लिए उच्च स्तरीय बैठक की 2.00 बजे : पीएमओ ने ट्वीट किया कि इन सुधारों से 'भारत दुनिया में सबसे खुली अर्थव्यवस्था' होगा 2.15 बजे : डीआईपीपी सचिव ने एफडीआई के नए नियमों के बारे में मीडिया को बताया 3.30 बजे : वाणिज्य मंत्री निर्मला सीतारामन ने इसके बारे में विस्तार से जानकारी दी 3.30 बजे : आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास ने इन बदलावों के गिनाए फायदे राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार ने सोमवर को हरकत में आते हुए विमानन, फार्मा, खाद्य कारोबार, रक्षा से लेकर रिटेल और टेलीविजन प्रसारण के क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के नियमों को और उदार बनाने का ऐलान किया। सरकार ने इसके पीछे मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने और रोजगार सृजन करने का तर्क दिया है। भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन के पद से विदाई की खबरें दो दिनों से सुर्खियों में रहने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी वाली एकल ब्रांड रिटेल कंपनियों को एफडीआई सीमा और शर्तों में ढील देने के लिए आज चुनिंदा कैबिनेट मंत्रियों और सचिवों के साथ बैठक बुलाई। सूत्रों का कहना है कि यह बैठक पहले से प्रस्तावित थी लेकिन अचानक उच्च स्तरीय बैठक बुलाने की वजह राजन मसले से लोगों का ध्यान हटाना था। करीब दो घंटे तक चली बैठक के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय ने ट्वीट कर कहा कि एफडीआई के लिहाज से भारत अब दुनिया में सबसे ज्यादा खुली अर्थव्यवस्था बन गई है। इसके बाद मंत्रियों और सचिवों ने भी एक के बाद एक संवाददाता सम्मेलन कर सरकार द्वारा उठाए गए सुधारवादी कदमों की जानकारी दी। स्थानीय स्तर पर आपूर्ति नियमों में ढील से ऐपल को सीधे लाभ होगा। दरअसल इसी मसले की वजह से अमेरिकी आईफोन निर्माता कंपनी को भारत में अपनी रिटेल योजना टालनी पड़ी थी। शर्तों में संशोधन के बाद ऐपल को कुल आठ साल के लिए स्थानीय स्तर पर आपूर्ति नियमों में छूट मिलेगी। यह निर्णय ऐपल के मुख्य कार्याधिकारी टिम कुक के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से नई दिल्ली में मुलाकात के करीब एक माह बाद लिया गया है। सरकार ने कहा कि स्थानीय स्तर पर आपूर्ति नियमों में सभी एकल ब्रांड कंपनियों को छूट मिलेगी, वहीं अत्याधुनिक और विशिष्टï प्रौद्योगिक वाली कंपनियों को अतिरिक्त पांच साल की छूट दी जाएगी। खाद्य उत्पादों का ई-कॉमर्स के जरिये खाद्य कारोबार करने के लिए सरकार की मंजूरी के साथ 100 फीसदी एफडीआई की अनुमति दी गई है। इसी तरह रक्षा क्षेत्र में 49 फीसदी एफडीआई के लिए अत्याधुनिक तकनीक की जगह आधुनिक प्रौद्योगिकी को शामिल किया गया है। मीडिया क्षेत्र में केबल से लेकर डीटीएच में 100 फीसदी एफडीआई की मंजूरी होगी, जिससे स्टार जैसी विदेशी कंपनियों को पूर्ण परिचालन में सहूलियत होगी। विमानन में पुराने हवाई अड्डïा परियोजनाओं में स्वत: मंजूरी मार्ग के जरिये 100 फीसदी एफडीआई की अनुमति दी गई है जबकि विदेशी विमानन कंपनियों के लिए 49 फीसदी निवेश की सीमा होगी। आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास ने कहा कि एफडीआई को स्वत: और प्रक्रिया आधारित बनाने का यथासंभव प्रयास किया गया है। इस कदम से न केवल देश में ज्यादा एफडीआई आएगा, बल्कि रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे। दास ने कहा विमानन क्षेत्र में नए नियमों को व्यापक बदलाव लाने वाला करार दिया और कहा कि इससे घरेलू विमानन कंपनियां ज्यादा दक्ष होंगी और रोजगार का सृजन होगा। ऐपल पर निर्णय के बारे में दास ने कहा कि अगले कुछ दिनों में इस पर स्पष्टता आएगी। ऐपल भारत में अपना आधार बढ़ाने को इच्छुक है। हालांकि इस बारे में बिजनेस स्टैंडर्ड की ओर से भेजे गए सवालों का कंपनी की ओर से खबर लिखे जाने तक जवाब नहीं आया।स्थानीय स्तर पर आपूर्ति नियमों में काफी उतार-चढ़ाव देखा गया है। पहले सभी एकल ब्रांड रिटेल कंपनियों के लिए 30 फीसदी स्थानीय खरीद को अनिवार्य बनाया गया। लेकिन बाद में डीआईपीपी ने मामला-दर-मामला अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी वाली कंपनियों को इसमें छूट देने का दिशानिर्देश जारी किया। लेकिन यह कभी प्रभावी नहीं हुआ। बाद में राजग सरकार मेक इन इंडिया के तहत देश में विनिर्माण को बढ़ावा देने का अभियान चलाया और आपूर्ति में रियायत नहीं देने का निर्णय किया। हालांकि अब इसमें आठ साल के लिए छूट का प्रावधान किया गया है। ऐपल पहले ही स्पष्टï कर चुकी थी कि कंपनी के लिए आपूर्ति नियमों का पालन करना संभव नहीं होगा। इसके बाद वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के साथ ही साथ वित्त मंत्रालय अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी वाली कंपनियों के लिए आपूर्ति नियमों में संशोधन की कवायद में जुट गए, लेकिन कोई निर्णय नहीं किया गया। हालांकि सोमवार को वाणिज्य मंत्री निर्माला सीतारामण ने कहा कि भारत में रिटेल शृंखला शुरू करने वाली कंपनियों को नए सिरे से आवेदन करना होगा।
