घटा एनसीडीईएक्स का कारोबार | दिलीप कुमार झा / मुंबई June 20, 2016 | | | | |
कृषि जिंसों पर केंद्रित डेरिवेटिव ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म नैशनल कमोडिटी ऐंड डेरिवेटिव्ज एक्सचेंज (एनसीडीईएक्स) के पिछले छह महीनों में दो जिंसों में कारोबार स्थगित करने से उसके कारोबार में भारी गिरावट आई है। एक साल पहले एक्सचेंज का औसत दैनिक कारोबार 5,230 करोड़ रुपये था, जो अरंडी में कारोबार स्थगित करने से एक महीने पहले दिसंबर 2015 में गिरकर 3,243 करोड़ रुपये पर आ गया। अब पिछले सप्ताह चना वायदा में कारोबार स्थगित किए जाने के बाद औसत कारोबार और घट गया है।
बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड ने इस जिंस डेरिवेटिव एक्सचेंज को उसके अगले आदेश तक चने के नए अनुबंध शुरू नहीं करने का आदेश दिया है। नियामक ने भागीदारों के नई पॉजिशन लेने पर भी रोक लगा दी है। सेबी के परिपत्र में कहा गया है कि एक्सचेंज प्लेटफॉर्म पर इसकी केवल बिकवाली की जा सकती है।
कमोडिटी पार्टिसिपेशन एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीपीएआई) के पूर्व अध्यक्ष बी के सभरवाल ने कहा, 'इसका निश्चित रूप से कृषि वायदा के कुल कारोबार पर सीधा असर पड़ेगा। कृषि जिंसों की मात्रा और टर्नओवर दोनों में गिरावट आएगी। इन अनुबंधों के स्थगित होने से बाजार भागीदारों का विश्वास टूट रहा है।' संभवतया जिंस बाजारों के भागीदार काफी पहले ही सेबी की इस कार्रवाई का अनुमान लगा रहे थे।
जब से हाजिर बाजार में चने की कीमतें बढऩे लगी हैं, तब से एनसीडीईएक्स पर चने के अनुबंधों की बाजार हिस्सेदारी लगातार गिरावट आ रही थी। उदाहरण के लिए सितंबर 2015 में चने के अनुबंधों का एनसीडीईएक्स के टर्नओवर में कीमत के लिहाज से 23.10 फीसदी और मात्रा के लिहाज से 23.39 फीसदी योगदान था, जो धीरे-धीरे घटकर जनवरी 2016 में कीमत के लिहाज से 3.39 फीसदी और मात्रा के लिहाज से 3.28 फीसदी रह गया। हालांकि जनवरी में अरंडी के कारोबार पर रोक लगाए जाने के बाद एनसीडीईएक्स के कारोबार में चने के अनुबंधों का योगदान बढ़कर कीमत और मात्रा दोनों लिहाज से करीब 10 फीसदी हो गया था।
हालांकि मई में चने के अनुबंधों का योगदान कीमत और मात्रा के लिहाज से घटकर क्रमश: 6.10 फीसदी और 4.98 फीसदी रह गया। सभरवाल ने कहा, 'इसके अलावा बाजार में कमजोर पड़ते रुझान से कृषि जिंसों के कारोबार में कीमत और मात्रा दोनों लिहाज से गिरावट आएगी।' कारोबारी मात्रा में गिरावट की चुनौती से निपटने के लिए एक्सचेंज क्या कदम उठा रहा है? एनसीडीईएक्स के प्रवक्ता ने कहा, 'एक्सचेंज ने अपने जोखिम प्रबंधन और निगरानी तंत्र को काफी मजबूत किया है। इसके अलावा ग्राहकों और सदस्यों के लिए अपने ग्राहक को जानो (केवाईसी) प्रक्रिया को कड़ी करेगा। एक्सचेंज अन्य एक्सचेंजों की बेहतर चीजों को अपनाने की योजना बना रहा है और निगरानी पर सेबी के कानूनों से बाजार प्लेटफॉर्म और मजबूत होगा।' हालांकि हाजिर बाजार में चने का कारोबार वायदा कीमतों से ऊपर हो रहा है। केडिया कमोडिटीज के निदेशक अजय केडिया ने कहा, 'फंडामेंटल से कीमतों में बढ़ोतरी को सहारा मिला है। भारत में दालों की आपूर्ति मांग से काफी कम है। इस खाई को अत्यधिक आपूर्ति से पाटा जा सकता है। अगले 4 से 5 महीनों में आपूर्ति कम रहने की वजह से कारोबारी चने के दाम 7,500 से 7,800 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंचने के अनुमान जता रहे हैं।'
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