पानी ने बढा़ई परेशानी
► केरल में कंपनी अधिकारियों के खिलाफ पुलिस में की गई है शिकायत
► एफआईआर में कंपनी पर भूजल स्रोतों के अत्यधिक दोहन और प्रदूषण का लगाया गया है आरोप
► कोका कोला ने भारत को विश्व में अपना पांचवां सबसे बड़ा बाजार बनाने का रखा है लक्ष्य जो फिलहाल है छठा सबसे बड़ा बाजार
प्रमुख बेवरिजेस कंपनी कोका कोला फिर जल समस्या में घिर गई है। हालांकि कुछ समय पहले उसे अपने बॉटलिंग संयंत्रों में भूजल के अत्यधिक इस्तेमाल जैसे सवालों का सामना करना पड़ा था, लेकिन अब केरल में कंपनी के अधिकारियों के खिलाफ पुलिस में शिकायत की गई है। एफआईआर में कंपनी पर भूजल स्रोतों के अत्यधिक दोहन और उसे प्रदूषित करने का आरोप लगाया गया है।
पीटीआई की खबर के अनुसार, कंपनी के भारत प्रमुख सहित शीर्ष अधिकारियों के खिलाफ की गई शिकायत में कहा गया है कि इससे प्लाचिमाडा क्षेत्र में अनुसूचित जाति के समुदाय को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। हालिया विवाद के केंद्र रहने वाले इस संयंत्र का संचालन कोका कोला की बॉटलिंग सहायक इकाई हिंदुस्तान कोका कोला बेवरिजेस (एचसीसीबी) करती है।
सवालों के घेरे में रहने वाले इस संयंत्र को मार्च 2004 में बंद कर दिया गया था। कंपनी के खिलाफ स्थानीय लोगों के जबरदस्त विरोध को देखते हुए कुछ ही समय के परिचालन के बाद इसे बंद करना पड़ा था। इस संयंत्र के आसपास के निवासियों का आरोप है कि कंपनी भूजल का अत्यधिक दोहन कर रही है। हालांकि एचसीसीबी ने कहा है, 'हमने समाचार पत्रों में इसके बारे में पढ़ा है। चूंकि अभी हमें एफआईआर की प्रति नहींं मिली है, इसलिए हम कोई प्रतिक्रिया देने की स्थिति में नहीं हैं। एफआईआर की प्रति मिलने पर हम उसका अध्ययन करेंगे और उसके आधार पर अपना जवाब देंगे।'
कोका कोला ने भारत को विश्व में अपना पांचवां सबसे बड़ा बाजार बनाने का भी लक्ष्य रखा है जो फिलहाल छठा सबसे बड़ा बाजार है। कोका कोला के अध्यक्ष (भारत एवं दक्षिण पश्चिम एशिया) वेंकटेश किनी के अनुसार, अगले कुछ वर्षों में उत्पादन बढ़ाने के लिए चार नए संयंत्र स्थापित किए जाएंगे। हाल के वर्षों में कंपनी कई बार विवादों में घिरी है और उसे विरोध का सामना करना पड़ा है। जनवरी में एचसीसीबी को जयपुर जिले के काला डेरा क्षेत्र में घटते भूजल स्तर के कारण अपने संयंत्र को बंद करना पड़ा था। हालांकि कंपनी ने अपने करीब 115 कर्मचारियों को दूसरी जगह स्थानांतरित किया था लेकिन ठेके पर काम करने वाले करीब 170 कामगार इससे बेरोजगार हो गए थे। समाजसेवी संगठन इंडिया रिसोर्स सेंटर (आईआरसी) के अनुसार, '1998 में ही उस क्षेत्र के भूजल के अत्यधिक दोहन वाला क्षेत्र घोषित कर दिया गया था जो भारत में सबसे खराब श्रेणी है। इसके बावजूद कोका कोला ने 2000 में एक नया बॉटलिंग संयंत्र स्थापित किया।'
आईआरसी के अमित श्रीवास्तव के अनुसार, पिछले दो साल के दौरान कोका कोला के करीब छह संयंत्रों पर स्थानीय निवासियों और विभिन्न समाजसेवी संगठनों ने भूजल के अत्यधिक दोहन संबंधी सवाल उठाए हैं। कोका कोला इंडिया 57 बॉटलिंग इकाइयों से शीतल पेय खरीदती है।