चुनौतियां बाकी | संपादकीय / June 15, 2016 | | | | |
माइक्रोसॉफ्ट द्वारा 26.2 अरब डॉलर की राशि खर्च करके लिंक्डइन के अधिग्रहण की घोषणा सत्य नाडेला के नेतृत्व में सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र की इस दिग्गज कंपनी की नई और आक्रामक नीति का ही परिचायक है। हालांकि दोनों कारोबारों के बीच तमाम तालमेल संभावित हैं लेकिन सबसे अहम बात यह है कि दोनों ही कंपनियां एकसमान पेशेवरों से ताल्लुक रखती हैं। माइक्र्रोसॉफ्ट अपने ऑफिस सॉफ्टवेयर की मदद से पेशेवरों के काम में मदद करती है जिसे ऑपरेटिंग सिस्टम से संचालित कंप्यूटरों में प्रयोग किया जाता है। वहीं लिंक्डइन इन्हीं पेशेवरों को रोजगार के बेहतर अवसर तलाश करने में मदद करती है। साथ ही यह साइट इन पेशेवरों को अपने जैसे अन्य पेशेवरों से नेटवर्किंग के अवसर भी मुहैया कराती है।
माइक्रोसॉफ्ट बहुत तेजी से वेब और क्लाउड आधारित सेवाओं का रुख कर रहा है। ऑफिस 365, स्काइप, कोर्टाना और डायनामिक्स (कारोबारी प्रबंधन का एक सॉफ्टवेयर) जैसे उत्पादों और सॉफ्टवेयर की बतौर सेवा आपूर्ति के साथ उसने इस दिशा में ध्यान केंद्रित कर दिया है। एमेजॉन के बाद वह दुनिया में क्लाउड सेवा के क्षेत्र में दूसरा सबसे बड़ा खिलाड़ी है। हालांकि नोकिया के 7.9 अरब डॉलर के अधिग्रहण समेत उसका मोबाइल क्षेत्र में प्रवेश कुछ खास सफल नहीं रहा। इसके बावजूद वह अपने नए ऑपरेटिंग सिस्टम विंडोज 10 के साथ मोबाइल क्षेत्र में अपनी पकड़ मजबूत करने के प्रयास में लगा हुआ है।
जाहिर तौर पर लिंक्डइन इंटरनेट आधारित सेवा है। कंपनी ने वर्ष 2002 में अपनी शुरुआत के बाद से पेशेवरों के सामाजिक नेटवर्क की अवधारणा को काफी आगे बढ़ाया है। लिंक्डइन में कारोबार से कारोबार संपर्क का दबदबा है और इसके करीब 43.3 करोड़ से अधिक सदस्य हैं। जब भी मानव संसाधन विभाग के लोग किसी खास कौशल और अनुभव वाले कर्मचारी की नियुक्ति की प्रक्रिया में होते हैं तो वे निश्चित तौर पर इस वेबसाइट पर एक नजर मारते हैं। अधिकांश उद्योगों में भी यह प्रथा सी बन गई है कि किसी कारोबारी बैठक में शामिल होने के पहले लिंक्डइन प्रोफाइल को खंगाल लिया जाए। तमाम अन्य वेब आधारित उद्यमों के उलट लिंक्डइन मुनाफे में है। वर्ष 2015 में कंपनी का परिचालन लाभ 26.6 करोड़ डॉलर रहा जबकि कंपनी का राजस्व 3.2 अरब डॉलर रहा। अगर कंपनी के कर्मचारियों के लिए शेयर विकल्प की योजना के प्रभाव की अनदेखी कर दी जाए तो इसे विशुद्घ रूप से लाभ में चलने वाली कंपनी माना जा सकता है। जाहिर है माइक्रोसॉफ्ट ने उसके ताजा मूल्यांकन पर अच्छा खासा प्रीमियम दिया है। प्रति शेयर 196 डॉलर की उसकी पेशकश गत शुक्रवार को कंपनी के 131 डॉलर से 50 प्रतिशत अधिक रही। मजेदार बात यह है कि माइक्रोसॉफ्ट इस सौदे के लिए अत्यंत कम ब्याज दर पर ही सही लेकिन ऋण लेना चाहता है। जबकि कंपनी की बैलेंस शीट पर 100 अरब डॉलर की राशि उपलब्ध है।
इसमें शक नहीं कि यह विलय मानव संसाधन के क्षेत्र में बहुत बड़े आंकड़े एकत्रित करने का काम करेगा। माइक्रोसॉफ्ट को आउटलुक सॉफ्टवेयर की बदौलत पहले से ही कई कर्मचारियों के कैलेंडर और उनकी नियुक्ति आदि के बारे में जानकारी रहती है। उसकी पहुंच उनके आधिकारिक मेल और उनके द्वारा बनाए जाने वाले दस्तावेजों तक है। कंपनी के पास कोर्टाना के रूप में एक शक्तिशाली और लोकप्रिय डिजिटल निजी सहयोग सॉफ्टवेयर प्रोग्राम है। लिंक्डइन में कौशल, रोजगार समेत विभिन्न कंपनियों के संगठनात्मक ढांचे, पेशेवर नेटवर्क और रोजगार संबंधी फेरबदल के आंकड़े हैं। इन सबका एकीकरण और मुद्रीकरण चुनौती है। माइक्रोसॉफ्ट ने सफलता और मुनाफे की उम्मीद में ही इतना बड़ा दांव लगाया है।
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