जर्मनी की प्रमुख उपभोक्ता वस्तु कंपनी हेंकेल एजी इस साल ज्योति लैबोरेटरीज में निवेश कर सकती है। ज्योति लैबोरेटरीज उजाला ब्रांड के तहत फैब्रिक केयर और डिटरजेंट उत्पाद बनाती है। कंपनी के संयुक्त प्रबंध निदेशक एवं मुख्य वित्तीय अधिकारी उल्लास कामत ने बिजनेस स्टैंडर्ड से बातचीत में कहा कि हेंकेल एजी के निवेश को लेकर संकेत फिलहाल सकारात्मक हैं लेकिन अभी कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है। उन्होंने कहा, 'हमारे पास आने और बात करने के लिए उनका विकल्प खुला है। हम बोर्ड बैठक (23 मई को) खत्म होने का इंतजार कर रहे थे जो अब हो चुकी है। अब वे हमसे बात कर सकते हैं। कंपनी में निवेश के लिए उनका विकल्प मार्च 2017 में खत्म हो जाएगा।' रोजमर्रा के इस्तेमाल की वस्तुएं (एफएमसीजी) बनाने वाली कंपनी ज्योति लैबोरेटरीज में जर्मनी की इस प्रमुख कंपनी की दिलचस्पी के बारे में पिछले कुछ महीनों से कयासों का बाजार गरमा रहा है। ज्योति लैबोरेटरीज ने मई 2011 में हेंकेल एजी के भारतीय कारोबार का अधिग्रहण किया था। उस समय हेंकेल एजी के पास यह विकल्प मौजूद था कि पांच साल बाद वह ज्योति लैबोरेटरीज में 26 फीसदी हिस्सेदारी हासिल कर सकती है। विश्लेषकों के अनुसार, सवाल यह था कि क्या हेंकेल एजी अपने उस विकल्प को भुनाएगी अथवा नहीं। उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि जर्मनी की कंपनी अब उस विकल्प को भुनाना चाहती है। समझा जाता है कि हेंकेल 500 से 600 रुपये प्रति शेयर के हिसाब से ताजा शेयर जारी कर अथवा तरजीही आवंटन के जरिये ज्योति लैबोरेटरीज में हिस्सेदारी हासिल करने पर विचार कर रही है। कामत ने इस मुद्दे पर टिप्पणी करने से इनकार किया। ज्योति लैबोरेटरीज में प्रवर्तक समूह की हिस्सेदारी 31 मार्च 2016 तक 66.74 फीसदी थी। बंबई स्टॉक एक्सचेंज पर ज्योति लैबोरेटरीज के शेयरधारिता आंकड़ों के अनुसार, मार्च 2016 तिमाही के दौरान कंपनी में विदेशी संस्थागत निवेशकों और घरेलू संस्थागत निवेशकों की हिस्सेदारी कुल मिलाकर 23.79 फीसदी थी। जबकि इस दौरान कंपनी में व्यक्तिगत एवं अन्य निवेशकों की हिस्सेदारी 9.46 फीसदी थी। हेंकेल इंडिया के विलय के बाद ज्योति लैबोरेटरीज का कुल कारोबार 1,300 करोड़ रुपये था जो अब करीब 27 फीसदी बढ़कर वित्त वर्ष 2016 में 1,645 करोड़ रुपये हो चुका है। हालांकि यह ज्योति लैबोरेटरीज के शुरुआती आकलन से कम है। शुरू में कंपनी ने अगले पांच साल में 3,000 करोड़ रुपये की शुद्ध बिक्री तक पहुंचने का लक्ष्य रखा था। विश्लेषकों का कहना है कि हेंकेल अपनी वापसी की संभावनाएं तलाश रही है और ऐसे में ज्योति लैबोरेटरीज की रफ्तार भी बदल सकती है। हेंकेल के निवेश से ज्योति लैबोरेटरीज को उसके अंतरराष्टï्रीय अनुभव और जानकारी का फायदा मिल सकता है। कामत ने कहा कि यदि हेंकेल बोर्ड में शामिल होती है तो कारोबारी योजनाओं में भी बदलाव हो सकता है क्योंकि वह अपने कुछ उत्पादों को भारत में उतारने का भी फैसला कर सकती है। जर्मनी की कंपनी 2 फीसदी रॉयल्टी पर अपने दो ब्रांडों- प्रिल और फा- के लिए लाइसेंस पहले ही दे चुकी है। विश्लेषकों ने कहा कि जर्मनी की कंपनी यदि 26 फीसदी हिस्सेदारी हासिल करती है तो वह अपने कुछ अन्य ब्रांडों के लिए ज्योति लैबोरेटरीज को लाइसेंस जारी कर सकती है।
