टाटा समूह ने बढ़ाया नवोन्मेष | अभिनीत कुमार / मुंबई May 04, 2016 | | | | |
टाटा समूह ने कहा है कि टाटा इनोविस्टा में साल 2013 के 3500 प्रकाशित पेटेंट के मुकाबले साल 2015 में प्रकाशित पेटेंट की संख्या दोगुनी यानी 7,000 हो गई है। टाटा इनोविस्टा समूह का एक सालाना कार्यक्रम है, जिसके जरिए टाटा कंपनियों की तरफ से किए गए नवोन्मेष को प्रोत्साहन दिया जाता है, इसकी पहचान की जाती है और इसे सामने रखा जाता है। समूह की कंपनियों ने शोध व विकास पर 2014-15 में 17,896 करोड़ रुपये यानी 2.9 अरब डॉलर खर्च किया, जो समूह के कुल कारोबार का 2.7 फीसदी है। 2013-14 में इसने 16,000 करोड़ रुपये यानी समूह के कारोबार का 2.5 फीसदी इस पर खर्च किया था। ऐसे खर्च की बदौलत ही कंपनी ने प्रकाशित पेटेंट में यह मुकाम हासिल किया है।
अकेले 2015 में टाटा समूह की कंपनियों ने भारत व भारत से बाहर 2000 से ज्यादा पेटेंट के लिए आवेदन किया। ये पेटेंट मुख्य रूप से कंप्यूटेशन व डेटा प्रोसेसिंग, मैटीरियल, कोटिंग, कास्टिंग व व्हीकल प्रोपल्शन, दूरसंचार, इंजन व हाइब्रिड, र्ईंधन व नियंत्रण से जुड़े थे। टाटा स्टील ने गैल्वनाइज्ड स्टील उत्पाद में टिकाऊपन बनाए रखने की चुनौती का सामना किया, जो जिंक कोटिंग की मोटाई आदि पर निर्भर करती है। जिंक कोटिंग की मोटाई में इजाफे से कई तरह की चिंता मसलन मुश्किल प्रसंस्करण, उच्च लागत आदि सामने आ सकती है। टाटा स्टील की एक टीम समाधान लेकर आई और इसने वायरनआयूष के नाम से इसका पेटेंट कराया।
किसी एंटरप्राइज की तकनीकी पहलू के संचालन में ऑटोमेशन एक समाधान की तरह है, लेकिन आईटी परिचालन की पारंपरिक पद्धति के जरिए स्वचालन बहुत ज्यादा टिकाऊ साबित नहीं होती और इससे सतत वैल्यू की डिलिवरी नहीं हो पाती। टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज ने इग्नियो विकसित किया और यह एंटरप्राइजेज के लिए दुनिया का पहला तटस्थ ऑटोमेशन सिस्टम बना। टाटा के मुताबिक यह मानव मस्तिष्क की तरह काम करती है। ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग में पारंपरिक तरीके के तहत फिजिकल प्रोटोटाइप टेस्टिंग का इस्तेमाल होता रहा है, जिसमें लागत व लंबा वक्त जुड़ा होता है। जगुआर लैंड रोवर की टीम ने महंगे प्रोटोटाइप टेस्टिंग को समाप्त करने के लिए वर्चुअल टूल बनाया है। इस तरह का नवोन्मेष 1900 वैसे विचारों का हिस्सा है, जिसे पिछले साल टाटा समूह ने क्रियान्वित किया है, जो एक साल पहले के मुकाबले 20 फीसदी ज्यादा है।
ऐसे नवोन्मेष से टाटा समूह को 1 अरब डॉलर का सालाना फायदा हासिल करने में मदद मिली। टाटा संस के ग्रुप मुख्य तकनीकी अधिकारी गोपीचंद ने कहा, इसमें अतिरिक्त राजस्व के अलावा लागत के फायदे शामिल हैं, जो नवोन्मेषी प्रक्रिया के चलते मिलते हैं। उन्होंने कहा, समूह के स्तर पर हमने नए आंतरिक व बाहरी सहयोग वाली व्यवस्था तैयार की है ताकि तकनीक के स्तर पर नवोन्मेष किया जा सके। हमारे पास नवोन्मेष के लिए प्लेटफॉर्म भी है। गोपीचंद समूह के पहले ऐसे तकनीकी अफसर हैं जिन्होंने नवोन्मेषी कवायद में तेजी लाई है।
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