रेलवे को नहीं मिली बोलियां | |
सुधीर पाल सिंह / नई दिल्ली 05 03, 2016 | | | | |
► 5 बोलीकर्ताओं में से किसी ने नहीं लगाई बोली, 3 मई थी बोली की आखिरी तिथि
► बोलीकर्ताओं का कहना है कि टेंडर के काम की मात्रा बढ़ाई जाए, जिससे परियोजना व्यावहारिक बन सके
► 160 किमी प्रति घंटे होगी ट्रेन सेट की रफ्तार
रेल से एक शहर से दूसरे शहर में तेजी से यात्रा के सपने को झटका लगा है। भारतीय रेल ने ट्रेन सेट या इलेक्ट्रिक मल्टिपल यूनिट (ईएमयू) की योजना बनाई थी। इसके लिए 5 बोलीकर्ताओं का चयन किया गया था, लेकिन 2,500 करोड़ रुपये के टेंडर में मंगलवार तक किसी ने भी बोली पेश नहीं की, जो बोली की आखिरी तारीख थी। पिछले साल बजट भाषण में रेल मंत्री सुरेश प्रभाकर प्रभु ने ट्रेन सेट परियोजना की घोषणा की थी।
सरकार की मेक इन इंडिया पहल का लक्ष्य हासिल करने के लिए बड़ी पहल के रूप में इसकी घोषणा हुई थी। रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया, '5 बोलीकर्ताओं में से किसी ने भी बोली प्रस्तुत नहीं की है। कंपनियों ने टेंडर के तहत काम की मात्रा बढ़ाने को कहा है। रेलवे बोर्ड अब प्रस्ताव का फिर से जांच करेगा।' ट्रेन सेट, दिल्ली मेट्रो से मिलती जुटली हैं। इसमें कई कोच लगे होते हैं, जो अलग अलग से प्रोपल्शन सिस्टम से युक्त होते हैं। इसकी वजह से इन्हें लोकोमोटिव की जरूरत नहीं होगी। भारतीय रेल ने 315 कोच के साथ 15 टे्रन सेट की खरीद और रखरखाव के साथ विनिर्माण के लिए 2,500 करोड़ रुपये की वैश्विक निविदा जारी की थी। 315 कोच या कार के लिए पिछले साल जून में निविदा जारी हुई थी। सफल बोलीकर्ता को 2 प्रोटोटाइप ट्रेन सेट खरीदने की अनुमति दी गई थी और इन ट्रेन सेट का विनिर्माण मेक इन इंडिया पहल के तहत भारत में करना होगा।
नवंबर 2015 के शुरुआती दौर में 5 बोलीकर्ताओं को योग्य घोषित किया गया था, जिसमें सीएएफ और बंबार्डियर, हिताची और एनसाल्डो व कावासाकी, तोशिबा और सरकारी कंपनी भारत हैवी इलेक्ट्रिकल, एल्सटम और सरकार की भारत अर्थ मूवर्स के संयुक्त उद्यम और सीमेंस शामिल हैं।
बोलीकर्ताओं को 2 मई तक बोली प्रस्तुत करना था। इसके अंतिम तिथि में कम से कम दो बार- दिसंबर और फरवरी में विस्तार किया गया। माना जा रहा है कि बोलीकर्ताओं ने टेंडर का आकार कम से कम बढ़ाकर 1,000 कोच करने को कहा है, जिससे परियोजना व्यावहारिक हो सके। मंत्रालय दो तरह के ईएमयू ट्रेन सेट खरीदना चाहता है। इसमें 20 रेल कार स्लीपर सुविधा के साथ वाले और 16 रेल कार बैठने की व्यवस्था वाले शामिल हैं। बोली हासिल करने वाले को 7 साल तक इनका रखरखाव भी करना होगा, जबकि इनकी कुल आयु 35 साल होगी और बाद में रखरखाव की जिम्मेदारी रेलवे की होगी।
उत्तर रेलवे के गाजियाबाद स्टेशन के निकट ईएमयू ट्रेन सेट के लिए रखरखाव केंद्र बनाने का प्रस्ताव किया गया है। ईएमयू ट्रेन सेट की रफ्तार 160 किलोमीटर प्रति घंटे होगी। भारतीय रेलवे ने प्रीमियम शताब्दी और राजधानी ट्रेनों को चलाने के लिए आधुनिक ईएमयू ट्रेन सेट पेश करने की योजना बनाी है, जिन्हें बगैर किसी अतिरिक्त व्यय के मौजूदा ट्रैक और सिग्नलिंग प्रणाली के माध्यम से चलाया जाना है।
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