पिछले दो साल से खाद्यान्नों की चढ़ती कीमतों से परेशान लोगों को राहत मिलना तो दूर, अभी और बड़ी आफत से दो-चार होना पड सकता है।
दरअसल, फूड एंड एग्रीकल्चरल ऑर्गेनाइजेशन (एफएओ) के अनुमान के मुताबिक, आने वाले दिनों में भी कमोडिटी की कीमतों में तेजी का रुख रहेगा। हाल ही में एफएओ ने यूरोपियन बैंक फॉर री-कंस्ट्रक्शन एंड डेवलपमेंट ने कमोडिटी की बढ़ती कीमतों पर एक रिपोर्ट तैयार की है, जिसमें इस बात के स्पष्ट संकेत हैं कि भविष्य में भी महंगाई का दौर जारी रहेगा। खास तौर से चीन और भारत में बढ़ती मांग की वजह से खाद्यान्नों की कीमत सातवें आसमान पर है।
इसके साथ ही वैकल्पिक ईंधन (बायो-ईंधन) की ओर तेल कंपनियों के बढ़ते रुझान की वजह से भी पाम ऑयल, सोयाबीन तेल, चीनी आदि के भाव मुंह चिढ़ा रहे हैं।
रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र है कि खाद्यान्नों के वायदा कारोबार की वजह से इसकी कीमतों में उछाल आया है।
एफओए की रिपोर्ट पर सहमति जाताते हुए क्रिसिल के मुख्य अर्थशास्त्री डी. के. जोशी ने कहा कि अगर ये सभी कारक आगे भी प्रभावी रहे, तो भविष्य में मांग और आपूर्ति के बीच अंतर और बढ़ेगा। लिहाजा, कमोडिटी की कीमतों में उछाल का दौर जारी रहेगा। एफएओ के मुताबिक, वर्ल्ड फूड प्राइस इंडेक्स 2007 में यह 23 फीसदी तक पहुंच गया है।