संसद की स्थायी समिति ने दिवाला संहिता को मंजूरी दी : जेटली
भाषा / नई दिल्ली April 27, 2016
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि संसद की संयुक्त स्थायी समिति ने दिवाला एवं शोधन अक्षमता संहिता को मंजूरी दे दी है और इसे संसद के चालू बजट सत्र में ही चर्चा के लिए रखा जा सकता है। बैंकों के फंसे कर्ज (एनपीए) पर संसद की सलाहकार समिति की दूसरी बैठक को संबोधित करते हुए जेटली ने कहा कि फंसे कर्ज की बढ़ती समस्या से निपटने के लिए सरकार लोकसभा में दिवाला संहिता पेश करने सहित अनेक कदम उठा रही है। जेटली ने अपने शुरुआती संबोधन में कहा दिवाला संहिता को संसद की संयुक्त स्थायी समिति ने मंजूरी दे दी है। इसके अलावा बैंकों के फंसे कर्ज की वसूली में तेजी लाने तथा प्रक्रिया को बेहतर बनाने के लिए प्रतिभूतिकरण और वित्तीय आस्तियों का पुनर्गठन एवं प्रतिभूति हित का प्रवर्तन (सरफेइसी) कानून और ऋण वसूली न्यायाधिकरण (डीआरटी) कानून में संशोधन किया गया है। वित्त मंत्री ने कहा कि फंसे कर्ज के जिन मामलों में यह देखा गया है कि बैंक ने गारंटर के खिलाफ ऋण वसूली के लिए जो कार्रवाई की है वह काफी नहीं है, ऐसे मामलों में सरकार ने बैंकों से कहा है कि वह कर्ज की नियमित रूप से वसूली नहीं होने की स्थिति में गारंटर के खिलाफ सरफेइसी कानून, भारतीय अनुबंध कानून और आरडीडीबी ऐंड एफआई कानून की संबंधित धाराओं के तहत कार्रवाई करें। उन्होंने आगे कहा कि इस संबंध में बैंकों को पिछले महीने आदेश जारी कर दिए गए हैं। जेटली ने कहा कि सरकार ने फंसे कर्ज यानी गैर-निष्पादित राशि (एनपीए) के मामले में बैंकिंग क्षेत्र विशेषतौर से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के मामले से निपटने के लिए कई उपाय किए हैं।
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