प्रतिस्पर्धियों की प्रतिभाओं पर डोरे डाल रही स्पाइसजेट | अरिंदम मजूमदार / नई दिल्ली April 22, 2016 | | | | |
देश की दूसरी सबसे बड़ी सस्ती विमानन सेवा स्पाइसजेट अपने पुनर्गठन के बाद विमानन उद्योग से प्रतिभाओं को आकर्षित कर रही है। विमानन कंपनी को इससे पहले संकट के दौर से गुजर चुकी है और उस दौरान उसे अपने कार्यकारियों, पायलटों और केबिन क्रू के पलायन का सामना करना पड़ा था। सूत्रों के अनुसार, मझोले से वरिष्ठï स्तर के करीब 40 कार्यकारी इस विमानन कंपनी में शामिल होने वाले हैं जो प्रतिस्पर्धी विमानन कंपनी इंडिगो से आ रहे हैं। इंडिगो के वरिष्ठï प्रबंधक (राजस्व प्रबंधन) सप्तऋषि बोस स्पाइसजेट में बतौर महाप्रबंधक (राजस्व प्रबंधन एवं नेटवर्क प्लानिंग) लौट रहे हैं। इंडिगो को सूचीबद्ध कराने वाली टीम में शामिल पी लाल स्पाइसजेट के बतौर उप प्रमुख (कॉरपोरेट रणनीति एवं परियोजनाएं) अपना कार्यभार संभाल रहे हैं।
स्पाइसजेट के चेयरमैन अजय सिंह ने कहा, 'हमारे कई पूर्व कार्यकारी अधिकारी वापस लौट रहे हैं। अन्य विमानन कंपनियों में काम करने वाले लोग भी अब कंपनी से जुडऩा चाहते हैं।' सिंह ने मझोले स्तर के वफादार कार्यकारी अधिकारियों को बड़ी भूमिका देने का फैसला किया है। स्पाइसजेट के पुराने कर्मचारी किरण कोटेश्वर को मुख्य वित्तीय अधिकारी का कार्यभार सौंपा गया है। विमानन कंपनी की पूर्व उप महाप्रबंधक सुकन्या अनबालागन को शालिनी वोहरा की जगह मानव संसाधन विभाग का प्रमुख बनाया गया है। स्पाइसजेट का प्रबंधन बेहतर प्रदर्शन करने वाले कर्मचारियों को स्टॉक ऑप्शंस देने की योजना बना रहा है। सिंह ने कहा, 'हम दूसरे स्तर को कहीं अधिक जिम्मेदारी देना चाहते हैं। इससे टीम को आगे बढऩे के लिए प्रेरित किया जा सकेगा।'
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