► उपभोक्ताओं के आधार से जुड़े बैंक खातों में केरोसिन सब्सिडी का सीधे अंतरण किया जाएगा
► 1 अप्रैल से 9 राज्यों के 40 जिलों में लागू की जानी थी यह योजना
► लाभार्थियों के बॉयोमेट्रिक डेटा बेस तैयार करने में हो रही समस्याओं के कारण इसके शुरू किए जाने का कार्यक्रम 1 महीने टला
बैंक खाते न होने, खातों को आधार से जोडऩे और लाभार्थियों की बॉयोमेट्रिक डेटाबेस बनाने में आ रही समस्या की वजह से केरोसिन के लिए प्रत्यक्ष नकदी अंतरण (डीबीटीके) व्यवस्था शुरू करने की योजना कम से कम एक महीने पीछे चली गई है। डीबीटीके के तहत केरोसिन सब्सिडी का अंतरण सीधे लाभार्थियों के खाते में किया जाना है। रसोई गैस सब्सिडी की तरह ही इसे खाते में डाले जाने की योजना है। इसकी शुरुआत 1 अप्रैल से 9 राज्यों के 40 जिलों में की जानी थी। मंत्रालय के एक अधिकारी ने नाम न दिए जाने की शर्त पर कहा, 'कई समस्याओं की वजह से डीबीटीके योजना को लागू करने में अभी एक महीने की देरी होगी। सभी लाभार्थियों के बैंक खाते नहीं खुल पाए हैं। साथ ही इसे अभी आधार संख्या से जोड़ा जाना है।'
इससे पता चलता है कि केंद्रीकृत डेटाबेस की कमी की वजह से इस योजना को लागू करने में दिक्कत हो रही है, जहां राज्य सरकारों को इसे लागू करना है। डीबीटीके का मकसद सब्सिडीयुक्त केरोसिन की राह में से आपूर्ति शृंखला को हटाना और लाभार्थियों को सीधे सब्सिडी देना है, जिससे लाभार्थियों तक इसका फायदा पहुंचाया जा सके। इसका मकसद केरोसिन के कारोबार से कालाबाजारी खत्म करना और डीजल में इस सस्ते ईंधन को मिलाने से रोकना भी है। गुजरात व महाराष्ट्र जहां प्रत्यक्ष नकदी अंतरण लागू करने को तैयार हैं, वहीं अन्य राज्यों को अभी ऐसा करना है।
योजना के तहत उपभोक्ता को खरीद करते समय केरोसिन के गैर सब्सिडी वाले दाम का भुगतान करना होगा। उसके बाद सब्सिडी वाली राशि लाभार्थी के बैंक खाते में डाल दी जाएगी। लाभार्थियों को शुरुआत में दिक्कत न हो, इसे ध्यान में रखते हुए सभी योग्य लोगों के खाते में सब्सिडी की शुरुआती राशि का हस्तांतरण कर दिया जाएगा। अधिकारी ने कहा, 'अन्य प्रमुख मसला लाभार्थियों के डेटाबेस तैयार करने को लेकर हो रही है, जो बिक्री केंद्र (सस्ते राशन की दुकान) पर भी किया जाना है। साथ ही उज्ज्वला योजना से इसके आच्छादन को लेकर भी दिक्कत आ रही है।'
उज्ज्वला योजना के तहत सरकर ने गरीबी रेखा के नीचे रह रहे 5 करोड़ लोगों को अगले 3 साल में रसोई गैस मुहैया कराने की योजना बनाई है। पिछले महीने पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने राज्य सरकार के प्रतिधियों के साथ बैठक कर डीबीटीके पर बात की थी। केंद्र सरकार ने आश्वासन दिया था कि डीबीटी को आसान बनाने के लिए शुरुआत में सब्सिडी का अग्रिम अंतरण कर दिया जाएगा। राज्यों ने इसे लागू करने को लेकर अपनी समस्याएं उठाई थीं। इस बैठक में 19 राज्य व केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधियों और तेल विपणन कंपनियों के वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया था।
मंत्रालय ने कहा था, 'राज्य सराकरों ने इस योजना को लागू करने को लेकर कई व्यावहारिक समस्याएं बताई गईं, जिसमें लाभार्थियों को चिह्नित किए जाने, प्वाइंट आफ सेल मशीन, मौजूदा सार्वजनिक वितरण प्रणाली से इसे अलग किा जाना और बगैर सब्सिडी वाले सफेद केरोसिन के तौर तरीके जैसे मसलों पर चर्चा हुई।'