सीडीएमए के 50 लाख ग्राहकों को 4जी की सुविधा देगी आरकॉम | मालिनी भुप्ता / मुंबई April 07, 2016 | | | | |
रिलायंस कम्युनिकेशंस 4 मई से अपने 50 लाख सीडीएमए ग्राहकों को जियो के 4जी एलटीई नेटवर्क पर स्थानांतरित करने की तैयारी कर रही है। ये ग्राहक हालांकि आरकॉम के ही रहेंगे, लेकिन यह नेटवर्क जियो का आईपी आधारित नेक्स्ट जेनरेशन नेटवर्क होगा। कुछ जगह पर आरकॉम का अपना नेटवर्क है और जियो के साथ साझेदारी समझौते से अन्य इलाकों की सेवाएं संचालित होंगी। इस हफ्ते दूरसंचार विभाग को भेजी चिट्ठी में आरकॉम ने कहा है, 800 मेगाहट्र्ज बैंड में स्पेक्ट्रम के उदारीकरण के बाद हमारा इरादा सीडीएमए ग्राहकों को 4जी एलटीई सेवाओं की पेशकश का है।
आरकॉम ने इस साल जनवरी में 800 मेगाहट्र्ज बैंड के स्पेक्ट्रम का उदारीकरण 16 सर्किल में करने के लिए दूरसंचार विभाग को 5383 करोड़ रुपये का भुगतान किया है। इसकी मंजूरी भी गुरुवार को मिल गई। ग्राहकों को स्थानांतरित करने के लिए आरकॉम 4जी हैंडसेट्स पर आकर्षक पेशकश करेगी, जो एक बार फिर रिलायंस रिटेल के सहयोग से हो सकता है। साल 2013 में दोनों अंबानी बंधुओं ने दोनों कंपनियों के मौजूदा व भविष्य के बुनियादी ढांचे के अधिकतम इस्तेमाल के लिए विस्तृत समझौता किया था। अब ऐसा हो रहा है क्योंकि दोनों कंपनियां सक्रिय व निष्क्रिय बुनियादी ढांचे की साझेदारी पर विचार कर रही हैं।
स्पेक्ट्रम ट्रेडिंग और साझेदारी समझौते से बड़े अंबानी के जियो को 800 मेगाहट्र्ज बैंड तक पहुंचा देगा। वहीं अनिल अंबानी की आरकॉम के ग्राहक अब दोंनों के नेटवर्क पर अबाध गति से ब्रॉडबैंड की सेवाएं हासिल कर पाएंगे। यह व्यवस्था इंट्रा-सर्किल रोमिंग समझौते की तरह होगी, जो अभी दूरसंचार कंपनियोंं के बीच है। आरकॉम के ग्राहकों का जियो के नेटवर्क पर हस्तांतरण जांच के लिहाज से भी बेहतर होगा। ये ग्राहक अब न सिर्फ 40-70 एमबीपीएस की गति से इंटरनेट पा सकेंगे, बल्कि उनके पास आरकॉम के 2जी नेटवर्क पर वॉयस के लिए सर्किट स्विच फॉलबैक ऑप्शन भी होगा। इसी तरह जब जियो सेवाएं पेश करेंगी तब सीएसएफबी मार्ग के जरिए वॉयस सेवा की पेशकश के लिए वह संभवत: आरकॉम के 2जी नेटवर्क का इस्तेमाल करने पर विचार करेगी।
विश्लेषकों ने एलटीई पर वॉयस सेवा पेश करने की जियो की क्षमता पर सवाल उठाए हैं क्योंकि इसके पास वायरलेस नेटवक्र्स के जरिए वॉयस सेवा देने का परंपरागत तरीका नहीं है। जियो का इरादा वॉयस सेवा अपने डेटा नेटवर्क के जरिए देने की है, जो स्काईपी या वाट्सअप पर कॉल जैसा ही है। ऐसे में आरकॉम के साथ साझेदारी से चुनिंदा बाजार में वॉयस सेवा जियो के लिए काफी अहम दो सकता है। सूत्रों ने कहा कि ये टेस्ट पहले से ही हो रहे हैं। कैबिनेट की तरफ से 800 मेगाहट्र्ज बैंड में स्पेक्ट्रम के उïदारीकरण की अस्थायी कीमत ट्राई की सिफारिशोंं के मुताबिक किए जाने को मंजूरी देने की बाद जियो अपनी सेवाओं की पेशकश के और करीब पहुंच गई है।
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