वित्त मंत्री अरुण जेटली का कहना है कि भारत अगले एक दो दशक तक उच्च वृद्धि के मौजूदा मार्ग पर बना रहेगा और इससे जिससे लोगों को उदारीकरण काफायदा मिलेगा और गरीबी का शाप दूर होगा। उन्होंने आज यहां पेंशन कोष कंपनियों के शीर्ष प्रतिनिधियों की एक गोल मेज बैठक को संबोधित करते हुए ऑस्ट्रेलिया के सेवानिवृत्ति कोषों को भारत में निवेश के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने इस बात को रेखांकित किया कि भारत उच्च वृद्धि के मार्ग पर चल रहा है और यह दशा बनी रहेगी। जेटली ने कहा कि देश लम्बे समय तक उच्च वृद्धि की राह पर चलेगा, 'तभी भारत गरीबी के अभिशाप को दूर कर सकता है।' उम्मीद है कि वृद्धि दर अगले कम से कम 10-20 साल तक बनी रहेगी। उन्होंने कहा, 'हमारा मानना है कि 7.5 प्रतिशत (वार्षिक की मौजूदा वृद्धि) को बढ़ाया जा सकता है।' वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार कई क्षेत्र पर ध्यान दे रही है और 'विशेष तौर पर ग्रामीण भारत पर।'
जेटली ने कहा, 'भारत के लोगों को उदारीकरण की पूरी प्रक्रिया से फायदा हो रहा है।' इस बैठक में ऑस्ट्रेलिया के लघु उद्यम मंत्री एवं सहायक वित्त मंत्री केली ओडायर, फ्यूचर फंड के चेयरमैन कोस्टेलो और भारतीय उच्चायुक्त नवदीप सूरी ने भी भाग लिया। इस बैठक में उद्योग मंडल फिक्की के नेतृत्व में भारतीय व्यवसाय जगत के एक शिष्टमंडल ने भी हिस्सा लिया। जेटली ने कहा कि भारत में कारोबार और निवेश की व्यवस्था उदार बनाई गई है और करीब करीब सभी क्षेत्र अब विदेशी निवेश के लिए खुले हैं। सरकार ने विदेशी निवेशकों पर से कई शर्तें हटा दी हैं और वह नीतियों में स्थिरता के महत्व को समझती है। फिक्की के अध्यक्ष हर्षवर्धन नेवतिया ने कहा कि भारत में नीतिगत क्षेत्र में पिछले एक साल में काफी काम हुआ है और यह प्रगति वृद्धि, मुद्रास्फीति, राजकोषीय घाटे , चालू खाते के घाटे और विदेशी निवेश जैसे वृहद आर्थिक मानकों के स्तर पर सुधार में झलकती है।