केंद्र को उम्मीद है कि नई रक्षा खरीद नीति से भारत को विदेश पर अपनी निर्भरता कम करने और घरेलू कंपनियों से ही रक्षा उपकरण खरीदने में मदद मिलेगी। यह बात आज केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री राव इंदरजीत सिंह ने कही। गोवा में रक्षा प्रदर्शनी के उद्घाटन के दौरान सिंह ने कहा, '..पूरी रक्षा खरीद, उसका पूंजीगत पक्ष, विदेशों से आता है। लोगों को अब उम्मीद है कि आने वाले दिनों में हम घरेलू स्तर पर खरीद कर सकेंगे। वह विदेशी कंपनियों के साथ भागीदारी में हो सकता है या फिर हमारे अपने घरेलू उद्योगों से जो अब तक रक्षा उद्योग क्षेत्र से बाहर रखे गए थे।' रक्षा मंत्रालय ने आज यहां अपनी बहु-प्रतीक्षित रक्षा खरीद प्रक्रिया जारी की। प्रदर्शनी स्थल पणजी से करीब 50 किलोमीटर दूर है। सिंह ने कहा, 'पिछली सदी में हम एक ऐसे दौर से गुजरे जिसे औद्योगिक क्रांति कहा गया। लेकिन भारत, दुर्भाग्य से अभी भी विकसित देशों के विनिर्माण के स्तर पर नहीं पहुंच सका है।'
उन्होंने कहा, 'हमारे यहां औद्योगिक क्रांति नहीं हुई .. हमें अभी भी कृषि प्रधान देश के तौर पर जाना जाता है .. पिछले 70 साल में देश में सशक्त विनिर्माण उद्योग स्थापित करने में कामयाब हुए हैं, सभवत: ऐसा हमारे उद्योगों एवं सरकारी नीतियों के कारण हुआ है।' सिंह ने कहा, 'आज हम उम्मीद कर रहे हैं कि हम न सिर्फ भारत में विनिर्माण कर सकेंगे बल्कि भारत में ही सामान का डिजाईन और उसका विकास भी कर सकेंगे .. हमारा लक्ष्य यही है।' इस मौके पर रक्षा मंत्री मनोहर पार्रिकर, रेल मंत्री सुरेश प्रभु, केंद्रीय आयुष मंत्री श्रीपाद नाइक, गोवा के मुख्य मंत्री लक्ष्मीकांत पारसेकर भी मौजूद थे।
संबंधित खबर के लिए यहां क्लिक करें।