सरकार इस बात को मान रही है कि वर्ष 2009-10 में भी मंदी जारी रहेगी और इस पर नियंत्रण पाने के लिए अगले वित्त वर्ष में भी आर्थिक पैकेज की जरूरत पड़ेगी। योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया ने कहा कि हाल में घोषित राहत पैकेज से राजकोषीय घाटा बढ़ेगा और इस बारे में सरकार उचित समय पर संसद को वस्तुस्थिति से अवगत करा देगी। उन्होंने कहा कि सरकार ने पहले हीं इस बात का भरोसा दिलाया था कि महंगाई दर नीचे आएगी और वास्तव में वह नीचे आ रही है। उम्मीद है कि भविष्य में यह और नीचे आएगी। उन्होंने बताया कि अगर सात फीसदी की विकास दर हासिल की जाती है, तो उसे अच्छा संकेत माना जाएगा।
