► 7 मार्च को एफआईपीबी की बैठक में की गई सिफारिशों के आधार पर दी गई एफडीआई प्रस्तावों को मंजूरी
► 6,885 करोड़ रुपये के एक एफडीआई प्रस्ताव को मंजूरी के लिए भेजा गया मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति के पास
► बीमा क्षेत्र में टॉरस वेंचर्स के प्रस्ताव को भी मिली हरी झंडी
► आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास ने ट्वीट किया - 'एफडीआई प्रवाह बरकरार है। मामलों को तेजी से निपटाने से फर्क पड़ता है।'
जापान की निप्पन लाइफ इंश्योरेंस, टाटा एआईए और अवीवा लाइफ उन 15 कंपनियों में शामिल हैं जिनके 7,262 करोड़ रुपये के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के प्रस्ताव को विदेशी निवेश संवद्र्धन बोर्ड (एफआईपीबी) ने मंजूरी दी है। इसके अलावा यस बैंक के विदेशी निवेश सीमा 41.87 प्रतिशत से बढ़ाकर 74 प्रतिशत करने के प्रस्ताव को आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) के पास भेज दिया गया है। वित्त मंत्रालय ने एक बयान में आज कहा, 'एफआईपीबी की सात मार्च को हुई बैठक में की गई सिफारिशों के आधार पर सरकार ने 7,261.6 करोड़ रुपये के 15 एफडीआई प्रस्तावों को मंजूरी दी। साथ ही 6,885 करोड़ रुपये के विदेशी निवेश के एक प्रस्ताव को मंजूरी के लिए मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति के पास भेजा गया है।'
बोर्ड ने बीमा क्षेत्र में टॉरस वेंचर्स के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी है। कंपनी ने मैक्स इंडिया लाइफ से अलगाव के तहत मैक्स इंडिया के शेयरधारकों के शेयर आवंटित करने की मंजूरी मांगी है। निप्पन लाइफ ने रिलायंस लाइफ इंश्योरेंस में 2,265 करोड़ रुपये का निवेश कर अपनी हिस्सेदारी 26 प्रतिशत से बढ़ाकर 49 प्रतिशत करेगी। एआईए को टाटा एआईए लाइफ इंश्योरेंस कंपनी में 2055 करोड़ रुपये के निवेश से हिस्सेदारी बढा कर 49 प्रतिशत करने की मंजूरी मिलेगी। अवीवा इंटरनेशनल 940 करोड़ का निवेश कर अवीवा लाइफ इंश्योरेंस में अपनी हिस्सेदारी 49 प्रतिशत करेगी। बिड़ला सन लाइफ इंश्योरेंस कंपनी, रहेजा क्यूबीई जनरल इंश्योरेंस कंपनी में भी विदेशी भागीदारों को क्रमश: 1664 करोड़ रुपये और 102 करोड़ रुपये के निवेश से अपनी हिस्सेदारी बढ़ा कर 49-49 प्रतिशत करने की मंजूरी दी गई है। आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास ने ट्विटर पर कहा, 'एफडीआई प्रवाह बरकरार है। मामलों को तेजी से निपटाने से फर्क पड़ता है।' आर्थिक मामलों के सचिव की अध्यक्षता वाली एफआईपीबी अंतर-मंत्रालयी समिति है और यह 5,000 करोड़ रुपये तक के विदेशी निवेश के प्रस्तावों को मंजूरी दे सकती है।