'भारत में पायलटों के लिए प्रशिक्षण केंद्र स्थापित करेगी एयरबस' | अनीश फडणीस / March 16, 2016 | | | | |
एयरबस ने 500 से अधिक विमानों के ऑर्डर हासिल करने के साथ ही भारतीय नागरिक विमानन बाजार अपना वर्चस्व कायम किया है। एयरबस के कार्यकारी उपाध्यक्ष (विपणन एवं रणनीति) किरण राव ने अनीश फडणीस से बातचीत में कहा कि कंपनी भारत में एक पायलट प्रशिक्षण केंद्र स्थापित करेगी। उन्होंने उम्मीद जताई कि ए320 नियो इंजन को लेकर विवाद को जून तक निपटा लिया जाएगा। पेश हैं मुख्य अंश:
ए320 नियो इंजन विवाद को निपटाने के लिए एयरबस अपने ग्राहकों का समर्थन किस प्रकार कर रही है? इसे कब तक निपटने की उम्मीद है?
सबसे पहले मैं कहना चाहता हूं कि हमने इंडिगो को एक उत्कृष्टï विमान की आपूर्ति की है। इसमें ईंधन की कम खपत होती है और शोर भी कम होता है। यह भारत के लिए महत्त्वपूर्ण है क्योंकि यहां ईंधन पर काफी अधिक कर लगाया गया है। आपूर्ति में देरी इसलिए हुई क्योंकि हम उन्नत इंजन सॉफ्टवेयर का इंतजार कर रहे थे और अब वह हो चुका है। प्रैट ऐंड व्हाइटनी ने कहा है कि इंजन सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर के सभी मामले जून 2016 तक निपट जाएंगे।
आम धारणा यह है कि सस्ते ईंधन से ए320 नियो की मांग और पट्टे के प्रीमियम प्रभावित हो सकते हैं। इस पर आप क्या कहेंगे?
ईंधन लागत विमानन कंपनी की परिचालन लागत का एक अहम हिस्सा है। इसलिए विमानन कंपनियां हरसंभव ईंधन खर्च बचाने की कोशिश करती हैं चाहे कच्चे तेल का भाव 100 डॉलर प्रति बैरल हो अथवा 40 डॉलर प्रति बैरल। ऐसे में ए320 नियो से उन्हें काफी मदद मिलती है क्योंकि इसमें 15 फीसदी कम ईंधन खपत होती है। इस विमान की मांग मेंं हमें कोई कमी नहीं दिख रही है। बल्कि ग्राहक हमसे अग्रिम आपूर्ति के लिए आग्रह करते हैं।
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का कहना है कि एयरबस को किंगफिशर विमान के लिए आपूर्ति पूर्व भुगतान लौटा देना चाहिए। इस मुद्दे पर एयरबस का क्या रुख है?
एयरबस कानूनी विवादों पर कोई टिप्पणी नहीं करती है।
भारत में पायलट प्रशिक्षण केंद्र स्थापित करने के बारे में आप क्या कहेंगे?
हमें दिल्ली और बेंगलूरु में इंडिगो और सीएई के उड़ान प्रशिक्षण केंद्र की मदद करेंगे। हालांकि भारत में हम खुद का पायलट प्रशिक्षण केंद्र स्थापित करने की योजना बना रहे हैं। इसी साल हम इसके लिए जगह और योजना को अंतिम रूप देंगे। शुरू में यह केंद्र ए320 जैसे विमानों के लिए प्रशिक्षत देगा क्योंकि भारत में 70 फीसदी से अधिक बाजार इसी तरह के विमानों का है।
भारत में रखरखाव, मरम्मत एवं परिचालन (एमआरओ) हब विकसित करने संबंधी एयरबस की योजना की क्या स्थिति है?
हमें उम्मीद है कि भारत सरकार एमआरओ के लिए कर ढ़ांचे में रियायत देगी। तमाम मौकों पर इसका वादा किया गया है। हम भारत में एमआरओ हब विकसित करने के लिए अभी भी प्रतिबद्ध हैं लेकिन फिलहाल कराधान में बदलाव का इंतजार कर रहे हैं।
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