ऑटो क्षेत्र की दिग्गज जापानी कंपनी होंडा मोटर की भारतीय इकाई होंडा सिएल कार्स इंडिया (एचएससीआई) ने राजस्थान में कंपनी अपने संयंत्रों में असेंबलिंग का काम बंद और विस्तार टालने की योजना बना रही है।
घरेलू बाजार में कारों की घटती मांग के कारण कंपनी ने यह फैसला किया है। होंडा चालू वित्त वर्ष के अंत तक राजस्थान के इस संयंत्र की क्षमता बढ़ाने की योजना बना रही है। कंपनी क ा मुख्य संयंत्र ग्रेटर नोएडा में है।
हाल में ही निसान-रेनो ने भी चेन्नई में लगने वाले दूसरे संयंत्र की परियोजना टाल दी है। दरअसल मंदी के कारण अंतरराष्ट्रीय और घरेलू बाजार में कारों की घटती मांग के कारण कंपनियां उत्पादन घटा रही हैं और विस्तार परियोजनाएं टाल रही हैं।
होंडा की राजस्थान इकाई की सालाना उत्पादन क्षमता 60,000 है औैर इसी इकाई में 1,000 करोड़ रु पये का निवेश करने की योजना बना रही है।
कंपनी ने बताया, 'अंतरराष्ट्रीय मंदी के कारण कंपनी ने चालू वित्त वर्ष की आखिरी तिमाही में इस संयंत्र की क्षमता का विस्तार करने की योजना टाल दी है। बाजार में मांग कम होने के कारण कंपनी ने ऐसा फैसला किया है। लेकिन कंपनी बाजार के हालात पर नजर रखे हुए है, हालात सुधरते ही हम फिर से उत्पादन बढ़ा देंगे।'
इस संयंत्र की क्षमता विस्तार योजना टालने की घोषणा होंडा मोटर के अध्यक्ष और मुख्य कार्याधिकारी ताकेओ फु कुई ने जापान में की। कंपनी ने ग्रेटर नोएडा स्थित संयंत्र में भी उत्पादन घटाने का फैसला किया है।
कंपनी ने बताया, 'हम बाजार की स्थिति पर लगातार नजर रख रहे हैं और इसी के अनुसार हम महीने दर महीने उत्पादन घटा या बढ़ा रहे हैं। ' घरेलू बाजार में कारों की मांग में गिरावट आने के बाद भी होंडा भारत में अगले साल प्रीमियम श्रेणी की कार जैज उतारने की अपनी योजना पर कायम है।
होंडा एकॉर्ड क ा नया संस्करण बाजार में उतारने के बाद नवंबर में कंपनी की बिक्री में 15 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। निसान और रेनो ने ऑटोमेटिव बाजार की बिक्री में गिरावट के कारण भारत में विस्तार की योजनाएं टालने की घोषणा की थी। उपक्रम पहले भारत में 2 नए संयंत्र लगाने की योजना बना रहा था।