वैश्विक जिंस कीमतों में नरमी तथा मॉनसून सामान्य रहने के अनुमानों के बीच सरकार का मानना है कि वित्त वर्ष 2016-17 में खुदरा मुद्रास्फीति घटकर 4.5-5 प्रतिशत रहेगी।वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आर्थिक समीक्षा 2015-16 आज संसद में पेश की। इसके अनुसार संभावना से कम वृद्धि वाले एक और साल का मतलब उत्पादन अंतर बढऩा होगा जिससे मुद्रास्फीति पर और (घटने का) दबाव आएगा जो कि पहले ही पांच प्रतिशत से नीचे है। इसके अनुसार इस बीच अगर मॉनसून सामान्य रहता है तो खाद्य कीमतों में नरमी आएगी क्योंकि सरकार मोटे अनाज के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य में अनुशासित बढ़ोतरी को प्रतिबद्ध है। समीक्षा में कहा गया है,'उक्त सभी कारणों के मद्देनजर हमारा अनुमान है कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित मुद्रास्फीति 2016-17 में 4.5-5 प्रतिशत के बीच रहेगी। ऐसे में हमारा मानना है कि मौद्रिक नीति के प्रभावी रूख में ढील दी जा सकी है।' सरकार ने 2016-17 में आर्थिक वृद्धि दर 7-7.75 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है।
