ढांचागत बदलावों के लिए 'नवारंभ' | रेल बजट | | बीएस संवाददाता / नई दिल्ली February 25, 2016 | | | | |
आगामी कुछ महीनों में भारतीय रेलवे में ढांचागत बदलाव होंगे। रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने 7 मिशन सहित 7 रणनीतियों की घोषणा की। इस पूरी मुहिम को नवारंभ नाम दिया गया है। इन उपायों के साथ ही मंत्री ने कहा कि एक नियामक स्थापित करने के लिए प्रारूप विधेयक का खाका तैयार किया जाएगा। यह नियामक सेवाओं की उचित कीमत तय करने, प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने, ग्राहकों के हितों की रक्षा करने और कुशलता मानक तय करने में सक्षम होगा। रेल विकास प्राधिकरण का प्रारूप भागीदारों के साथ विचार-विमर्श करने के बाद तय किया जाएगा। मंत्री ने कहा, 'पारदर्शी एवं सुव्यवस्थित चयन प्रक्रिया और इसे रेल मंत्रालय से दूर रखकर इस संस्थान की स्वतंत्रता सुनिश्चित करना जरूरी है।'
नियामक के अलावा मंत्री ने रेलवे बोर्ड के पुनर्गठन का भी संकेत दिया। उन्होंने कहा कि रेलवे बोर्ड को व्यवसाय की तर्ज पर पुनर्गठित किया जाएगा। लोक सभा में अपने भाषण में प्रभु ने कहा, 'गैर-किराया राजस्व, रफ्तार बढ़ाने, ईंधन और सूचना तकनीक जैसे क्षेत्रों पर ध्यान देने के पहले कदम के रूप में रेलवे बोर्ड में क्रॉस फंक्शनल निदेशकों की नियुक्ति की जाएगी। हम अधिकारियों की नई नियुक्तियों के लिए कैडर को एकजुट करने की संभावना तलाशेंगे।'
इसके अलावा वर्तमान बुनियादी ढांचे के विकास और इसमें नई जान डालने के लिए रेलवे योजना एवं निवेश संगठन की स्थापना की जाएगी। यह संगठन 5 साल के मध्यम और 10 साल के लंबे कॉरपोरेट प्लान बनाएगा और इनके आधार पर उन परियोजनाओं को चिह्नित करेगा, जो कॉरपोरेट लक्ष्यों को पूरा करती हैं। इसके साथ ही राज्य सरकारों, सार्वजनिक प्रतिनिधियों और प्रासंगिक केंद्रीय मंत्रालयों सहित सभी भागीदारों के साथ विचार-विमर्श कर एक राष्ट्रीय रेल योजना (एनआरपी-2030) बनाई जाएगी। इस एनआरपी का मकसद रेल नेटवर्क को परिवहन के अन्य साधनों के साथ जोडऩा है।
इस पुनर्गठन योजना के तहत रेलवे की सरकारी कंपनियों के लिए एक प्रारूप बनाया जाएगा। मंत्री ने कहा कि उन्हें एक होल्डिंग कंपनी के ढांचे के तहत लाने की संभावनाओं के बारे में भी विचार किया जाएगा। इससे सभी संसाधनों का फायदा उठाने के लिए आवश्यक ताकत मिलेगी। तकनीक के मोर्चे पर विदेशी रेल तंत्रों के साथ साझेदारी की भी योजना है।
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