यात्री किराये में इस बार नहीं हुई बढ़ोतरी | रेल बजट | | बीएस संवाददाता / नई दिल्ली February 25, 2016 | | | | |
केंद्रीय रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने आज पेश रेल बजट में यात्री किराये से कोई छेड़छाड़ नहीं की। उन्होंने शायद कम किराये में हवाई सफर कराने वाली कंपनियों से मिल रही कड़ी टक्कर और पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखकर ही ऐसा किया होगा। कई लोग मान रहे थे कि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के कारण पडऩे वाले बोझ की भरपाई करने और रेल को ठीक से चलाने के लिए रेल मंत्री किरायों में 10 फीसदी तक बढ़ोतरी कर सकते हैं। लेकिन प्रभु ने रेल में रोजाना सवार होने वाले करीब 2.3 करोड़ यात्रियों पर बोझ नहीं डाला।
इसके साथ ही रेल मंत्रालय ने अगले वित्त वर्ष के लिए बढ़त के अपने लक्ष्य में भी कटौती की है। बजट भाषण में रेल मंत्री ने कहा कि यात्री किराये से होने वाली आमदनी में 12.4 फीसदी की बढ़ोतरी का अनुमान है और इसी के मुताबिक साल 2016-17 के लिए यह 51,012 करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया गया है। हालांकि 2015-16 में बढ़त का वास्तविक लक्ष्य 18.9 फीसदी रहा क्योंकि 2014-15 में यात्री किराये से आय संशोधित अनुमान से कम रहा। 2013-14 व 2014-15 में यात्री किराये से वास्तविक आय क्रमश: 36,532 करोड़ रुपये व 42,189 करोड़ रुपये रही। 2015-16 के लिए यात्री किराये से आय का बजटीय अनुमान 50,175 करोड़ रुपये था, लेकिन यह 45,376 करोड़ रुपये रहा है। 2016-17 के लिए यात्री किराये से आय का बजटीय अनुमान 51,012 करोड़ रुपये रखा गया है।
पिछली बार जून 2014 में यात्री किराये में इजाफा किया गया था। समझा जाता है कि रेलवे को पिछले एक साल में हवाई किरायों में कमी से झटका लगा है। कच्चे तेल की कीमतों में भारी गिरावट के कारण विमानन कंपनियां किरायों में जमकर कमी कर रही हैं। नागरिक विमानन महानिदेशालय के आंकड़ों से पता चलता है कि विमानन यात्रियों की संख्या जनवरी में 22.58 फीसदी बढ़ी है। इस साल जनवरी में 76.5 लाख यात्रियों ने हवाई सफर किया, जबकि जनवरी 2015 में 62.5 लाख यात्रियों ने ही विमानों में यात्रा की थी।
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