शौकिया विक्रेताओं के लिए स्नैपडील लाई एक नया मंच | अनिता बाबू / January 31, 2016 | | | | |
स्नैपडील के शून्य कमीशन वाले मार्केटप्लेस शॉपो जो ऑनलाइन बिक्री का एक मंच मुहैया कराता है, ने करीब 10 लाख शौकिया विक्रेताओं को ऑनलाइन जोडऩे का लक्ष्य बनाया है जिसके जरिये इस साल करीब 1 करोड़ उत्पादों को सूचीबद्ध कराया जा सके। इस साल कंपनी कई लक्ष्यों को पूरा करने के बारे में सोच रही है ताकि इसे स्नैपडील के बराबर लाया जा सके। शॉपो के वरिष्ठ उपाध्यक्ष संदीप कुमारवेल्ली कहते हैं, 'अगले एक साल में विक्रेताओं के गठजोड़ के आधार पर हमारा दायरा स्नैपडील या उससे भी बड़ा हो जाएगा। यह मंच चीन के ताओबाओ (अलीबाबा समूह के स्वामित्व वाले ऑनलाइन मार्केटप्लेस) की तरह हो जाएगा।'
स्नैपडील ब्रांडेड और संगठित उत्पादों के लिए एक प्रबंधित मार्केटप्लेस है और शॉपो पर कोई भी एक विक्रेता बन सकता है। यह मंच विक्रेताओं को एक डिजिटलीकृत मंच मुहैया कराने के साथ ही विभिन्न डाटा अंकों और विभिन्न पहलुओं के विश्लेषण की साझेदारी भी मुफ्त करता है।
छह महीने पुराने ऐप आधारित प्लेटफॉर्म पर करीब 50,000 विक्रेता और 30 लाख से ज्यादा उत्पाद सूचीबद्ध हैं। फिलहाल ई-कॉमर्स स्पेस का नियंत्रण दो बुनियादी मॉडलों से नियंत्रित होता है मसलन प्रबंधित मार्केटप्लेस और वर्गीकृत मॉडल। शॉपो इन दोनों के बीच के अंतर को पाटता है। स्नैपडील ने ताओबाओ से प्रेरणा लेते हुए शॉपो की स्थापना की है। कुमारवेल्ली कहते हैं, 'हम शून्य कमीशन वाले एक मार्केटप्लेस की शुरुआत करना चाहते थे क्योंकि हम अपने ग्राहकों के लिए इसे बेहद सहज और सुगम बनाना चाहते थे।'
उनका कहना है, 'हम आगे बढ़ चुके हैं और हमने एक ऐसा मंच तैयार किया है जहां विक्रेता अपना उद्योग खुद चला रहे हैं। ये विक्रेता अपनी मर्केंडाइजिंग खुद करते हैं, वे अपने भावी ग्राहकों आदि के साथ संवाद करते हैं। इस तरह दूसरी ऑनलाइन बिक्री वाले वेबसाइटों के मुकाबले विक्रेताओं की इस मंच पर निर्भरता भी कम है। यह उनके लिए अहम भी है क्योंकि यह मात्रा पर आधारित कारोबार नहीं है।'
शॉपो पर फैशन और होम श्रेणी भी लोकप्रिय हैं। कुमारवेल्ली के मुताबिक कंपनी दूसरी श्रेणियों मसलन इलेक्ट्रॉनिक्स आदि में भी आगे रहना चाहती है। फिलहाल शॉपो यूजरों के लिहाज से वृद्धि पर जोर देती है और फिलहाल इस मंच को भुनाने की इसकी कोई तात्कालिक योजना नहीं है। जब यह वृद्धि के एक निश्चित स्तर पर पहुंच जाएगी तब विज्ञापन आदि के जरिये यह इसे वित्त्तीय आधार पर भुनाने की कोशिश करेगी।
इस सेगमेंट में दूसरा खिलाड़ी शॉपमेटिक है। सिंगापुर मुख्यालय वाले शॉपमेटिक से उद्यमियों को मदद मिलती है ताकि वे ऑनलाइन बिक्री कर सकें और उन्होंने अक्टूबर में भारत में अपना परिचालन शुरू किया था। कंपनी उन लोगों की मदद करती है जो ऑनलाइन बिक्री करना चाहते हैं। कंपनी उनका वेबस्टोर तैयार करने, मार्केटप्लेस पर उसकी सूची तैयार करने और ऑनलाइन बिक्री के लिए दिशानिर्देश देने जैसी सेवाएं महज 1,300 रुपये प्रतिमाह में देती है।
स्नैपडील, फ्लिपकार्ट और एमेजॉन के बाद भारत में तीसरी सबसे बड़ी ऑनलाइन खुदरा कंपनी है जिसका मूल्यांकन करीब 5 अरब डॉलर तक है। इसने हाल ही में विक्रेताओं के लिए विभिन्न पहल शुरू की है मसलन कैपिटल असिस्ट, स्नैपडील एड्स प्लेटफॉर्म और शेरपालो आदि। कैपिटल असिस्ट जहां पूंजीगत सेवाओं को सुनिश्चित करता है जबकि स्नैपडील एड्स विक्रेताओं और ब्रांड के लिए ऐसा मंच है जो ऑनलाइन विज्ञापन के लिए प्रचार-प्रसार वाले अभियान शुरू करता है। शेरपालो सभी विक्रेता सेवाओं मसलन ऑन बोर्डिंग, प्रशिक्षण, उत्पाद सूचीबद्धता, भंडार, ऑर्डर और रिटर्न मैनेजमेंट, विज्ञापन, थर्ड पार्टी सर्विसेज, पूंजीगत सहायता और हेल्प सेंटर के लिए सिंगल विंडो तंत्र मुहैया कराता है।
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