एस्सार ऑयल को गैर-सूचीबद्ध कराने के बाद एस्सार समूह करीब 35 अरब डॉलर के सालाना राजस्व के साथ सबसे बड़ा निजी भारतीय कारोबार उपक्रम बन चुका है। अब समूह की एकमात्र सूचीबद्ध कंपनी एस्सार शिपिंग रह गई है जिसका बाजार पूंजीकरण करीब 500 करोड़ रुपये है। एस्सार ऑयल सूचीबद्धता खत्म करने वाली अब तक सबसे बड़ी निजी कंपनी है और इसके लिए उसने आम शेयरधारकों को 3,745 करोड़ रुपये का भुगतान किया। इससे पहले रुइया परिवार ने एस्सार पोट्ïर्स को गैर-सूचीबद्ध कराने के लिए शेयरधारकों को 1,430 करोड़ रुपये का भुगतान किया था।समूह ने एस्सार ऑयल, एस्सार पोट्ïर्स, एस्सार स्टील और इंडिया सिक्योरिटीज को गैर-सूचीबद्ध कराने के लिए कुल 7,200 करोड़ रुपये का भुगतान किया है। पिछले जून में समूह ने लंदन स्टॉक एक्सचेंज से एस्सार एनर्जी को भी गैर-सूचीबद्ध कराया था। समूह ने 1.2 अरब पाउंड जुटाने के लिए एस्सार एनर्जी को लंदन स्टॉक एक्सचेंज में 2010 में सूचीबद्ध कराया था और उस समय उसके कारोबार का मूल्यांकन 5.4 अरब पाउंड हुआ था। यह पिछले दो साल के दौरान लंदन स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध होने वाली सबसे बड़ी कंपनी थी। जुलाई में रूस की रोजनेफ्त ने गुजरात की वाडिनार रिफाइनरी में 45 फीसदी हिस्सेदारी के अधिग्रहण के लिए एस्सार समूह के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किए।
