कानपुर स्थित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटीके) अत्याधुनिक नैनो प्रौद्योगिकी के विकास के लिए तैयार है।
संस्थान में 15 करोड़ रुपये की लागत से तैयार नैनो विज्ञान के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान का उद्धाटन किया गया है। यह इकाई ई-बीम, मास्क लेस लीथोग्राफी, एसईएम, माइक्रो रैमन, लेजर एब्लेशन, प्रोफिलर और स्पिन कोटिंग जैसे उपकरणों से लैस है।
नैनो विभाग के प्रोफेसर अशुतोष शर्मा ने बताया कि 'बीते वर्षों के दौरान हमने नैनो प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है, लेकिन सुविधाओं के अभाव के कारण कुछ बाधाएं आती रही हैं। अब उम्मीद है कि अगले कुछ वर्षो के दौरान बड़ी कामयाबी हमारे हाथ लगेंगी।'
विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव टी रामासामी ने बताया कि 'हमने परियोजना के आवंटन के लिए आईआईटी कानपुर का चयन किया क्योंकि संस्थान से संसाधनों के अभाव के बावजूद बेहतरीन उपलब्धियां हासिल की है।' उन्होंने बताया कि विभाग नैनो विज्ञान पर एक्सर्ट डेटाबेस भी तैयार करेगा।
यह इकाई विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा देश भर में समर्थित 8 केंद्रों में से एक है, नैनो प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में बेहतरीन सुविधाओं और संसाधनों को मुहैया कराएगा।
आईआईटी, कानपुर के निदेशक एस जी धंड़े ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि मुहैया कराए गए संसाधनों के भरपूर इस्तेमाल के लिए संस्थान पहले ही 24 पीएचडी, 18 एमटेक और 12 शोधार्थियों को प्रशिक्षित कर चुका है।
उन्होंने यह परियोजना पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम और आईआईटी कानपुर के 40 वैज्ञानिकों के बीच हुई बैठक का नतीजा है। उन्होंने बताया कि 'इस इकाई की स्थापना करने में 2 साल का समय लगा।' संस्थान ने नैनो प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में पहले की काफी काम किया है।
शर्मा ने बताया कि 'हमने बेहद पतली बैटरी का विकास किया है जो मोबाइल, रक्षा उपकरण और सेटेलाइट को पॉवर मुहैया कराएगी। हम एक ऐसा चिपकाने वाला टेप तैयार करने वाले हैं, जिसे बार-बार इस्तेमाल किया जा सकता है।'
आईआईटी कानपुर के वैज्ञानिकों ने हाल में खोज की है कि भारतीय महिलाओं द्वारा इस्तेमाल में लाए जाने वाले काजल में कार्बन नैनोटयूब्स (सीएनटी) होते हैं। यह कण हमारे बालों से भी अधिक पतले हैं और बेहद छोटे इलेक्ट्रिानिक और अन्य घटकों द्वारा बने होते हैं।
आईआईटी कानपुर के वैज्ञानिकों का कहना है कि आज जबकि सारी दुनिया सीएनटी तैयार करने के बेहतर उपायों की खोज में लगी है, काजल तैयार करने की भारतीय पद्धति सीएनटी तैयार करने का सबसे आसान और सबसे सस्ता तरीका है।