जीवनशैली और तकनीकी पत्रिकाओं के शौकीनों के लिए खुशखबरी है। जल्द ही उन्हें संयुक्त अरब अमीरात और नीदरलैंड की प्रसिद्ध पत्रिकाएं यहीं पढ़ने को मिलेगी।
विदेशी निवेश संवर्द्धन बोर्ड ने हाल में ही संयुक्त अरब अमीरात और नीदरलैंड के प्रकाशकों को स्थानीय प्रकाशकों के साथ मिलकर भारतीय संस्करण प्रकाशित करने की अनुमति दे दी है।
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के नियमों के मुताबिक जीवनशैली और तकनीक से जुड़े प्रकाशनों में 100 फीसदी विदेशी निवेश किया जा सकता है।
संयुक्त अरब अमीरात का अल-अब्बास समूह की प्रकाशक इकाई ट्वेंटी फर्स्ट सेंचुरी बेंगलुरु की कोनेज्योर के साथ संयुक्त उपक्रम बना रही है।
इस उपक्रम में दोनों की बराबर हिस्सेदारी होगी। इसके तहत कोनेज्योर इंडिया इस पत्रिका के प्रकाशन और संस्कृति, इतिहास, संगीत, फैशन और बाकी सामाजिक मामलों पर कंटेंट उपलब्ध कराएगी।
अल-अब्बास समूह संयुक्त अरब अमीरात में जीवनशैली की अग्रणी पत्रिका 'गल्फ कोनेज्योर' का प्रकाशन करती है। कोनेज्योर इंडिया की प्रवर्तक संयुक्त अरब अमीरात की एक पत्रकार मीनाक्षी नारायण हैं।
शुरुआती तौर पर एफआईपीबी से इस उपक्रम में 1 लाख रुपये ही निवेश करने की अनुमति मिली है। कोनेज्योर इंडिया ने एफआईपीबी को बताया कि उसकी योजना इसमें लगभग 35 लाख रुपये निवेश करने की है।
इसके अलावा नीदरलैंड की रीड एलसेवियर ओवरसीज को भी एफआईपीबी से अपनी भारतीय इकाई रीड एलसेवियर इंडिया के तहत तकनीकी पत्रिका शुरू करने की अनुमति मिल गई है।
रीड एलसेवियर को एफआईपीबी से कंपनी मद्रास लॉ जर्नल, लेबर लॉ जर्नल और मद्रास क्रिमिनल लॉ जर्नल के प्रकाशन के लिए लगभग 5 लाख रुपये निवेश करने की अनुमति मिल गई है। फिलहाल ये पत्रिकाएं 1,500-4,000 रुपये के सालाना सब्सक्रिप्शन पर ऑनलाइन उपलब्ध हैं।