महंगाई और मंदी की मार से परेशान वाहन उद्योग के लिए नवंबर का महीना काले महीनों में गिना जाएगा। पिछले पांच सालों में बिक्री के मामले में इस साल का यह महीना वाहन कंपनियों के लिए सबसे बुरा रहा।
पिछले महीने यात्री कार की बिक्री में 19 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई, जिसके भंवर में हरेक दिग्गज कंपनी फंसी। बैंकों की ओर से ब्याज की दरें बढ़ाने और वाहन ऋण देने में हीला हवाली की वजह से चार पहिया वाहनों की हालत खास तौर पर पतली हो गई।
वाहन बनाने वाली भारतीय कंपनियों के संगठन सियाम की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक पिछले महीने देश में कुल 83,509 यात्री कारों की बिक्री हुई, जबकि पिछले साल नवंबर में यह आंकड़ा 103,031 रहा था। आंकड़ों की बात करें, तो कार कंपनियों की हालत इस पूरे साल बहुत खराब रही है।
नवंबर तो सबसे खराब निकला। पिछले पांच साल के दौरान देश में यात्री कारों की बिक्री में ऐसी गिरावट दर्ज नहीं की गई थी। इससे पहले काला दौर फरवरी 2003 में आया था, जब यात्री कार बिक्री का आंकड़ा 31 फीसदी कम हुआ था।
दोपहिया भी सुस्त
दोपहिया वाहन बनाने वाली कंपनियों के लिए भी मुश्किलों का दौर इस महीने जारी रहा। बाइक की बिक्री में इस दौरान तकरीबन 20.24 फीसदी की कमी दर्ज की गई।
इस साल नवंबर में देश में कुल 4,31,171 बाइक बिकीं, जबकि पिछले साल नवंबर में 5,40,553 मोटरसाइकिलों की बिक्री हुई थी।
हालांकि सरकार की ओर से केंद्रीय उत्पाद शुल्क में कटौती का फैसला किए जाने के साथ ही तमाम कार कंपनियों ने अपने उत्पादों की कीमतें घटाने के ऐलान किए हैं।
लेकिन नवंबर में उन्हें यह मौका नहीं मिला था, इसीलिए मारुति सुजुकी और हुंडई मोटस समेत तमाम दिग्गज कंपनियों के लिए आंकड़े मायूसी भरे रहे। कर्ज नहीं होने और मंदी की आहट सुनाई देने की वजह से ग्राहक शोरूमों के आसपास भी नहीं फटके।
लुढ़के दिग्गज
घरेलू बिक्री के मोर्चे पर देश की सबसे बड़ी कार कंपनी मारुति सुजुकी को तगड़ा नुकसान उठाना पड़ा। नवंबर में कंपनी महज 47,704 कारें बेच सकी, जो पिछले साल नवंबर के मुकाबले 26.85 फीसदी कम रहीं। हुंडई मोटर ने इस महीने में 14,605 कारें बेचीं, जो पिछले नवंबर की अपेक्षा 23.34 फीसदी कम थी।
बिक्री पर लगातार चोट झेल रही टाटा मोटर्स नवंबर के दौरान कुल मिलाकर 30,556 वाहन ही बेच पाई, जो आंकड़ा पिछले वर्ष नवंबर महीने की तुलना में 29.30 फीसदी कम रहा।
जनरल मोटर्स की बिक्री में भी नवंबर महीने के दौरान सुस्ती देखी गई। कंपनी ने पिछले महीने कुल 4,307 कारें और एमयूवी बेचे, जो पिछले नवंबर के मुकाबले 19.59 फीसदी कम रहीं।
बढ़ गया निर्यात
निर्यात के मोर्चे पर जरूर कार कंपनियों को मुस्कुराने का मौका मिला। मारुति ने इस महीने में 5,007 कारों का निर्यात किया, जो पिछले साल नवंबर के मुकाबले 11.69 फीसदी अधिक था।
देश की सबसे बड़ी कार निर्यातक कंपनी हुंडई मोटर ने 187.94 फीसदी के इजाफे के साथ इस दौरान 28,500 कारों का निर्यात किया।
दोपहिया कंपनियों में हीरो होंडा मोटर्स की बिक्री में 0.12 फीसदी की मामूली कमी हुई। उसने 281,659 दोपहिया बेचे। बजाज ऑटो के लिए यह महीना काफी खराब रहा और 51.27 फीसदी की कमी के साथ वह महज 92,350 दोपहिया ही बेच सकी। होंडा मोटरसाइकिल ऐंड स्कूटर इंडिया के बिक्री के आंकड़े जरूर अच्छे रहे।
स्कूटर की बिक्री के मामले में अव्वल नंबर की इस कंपनी ने नवंबर महीने में कुल 94,222 दोपहिया बेचे, जो पिछले साल नवंबर के बिक्री आंकड़ों के मुकाबले 32.26 फीसदी ज्यादा थे।टीवीएस मोटर कंपनी के लिए बुरा दौर अभी थमा नहीं।
कंपनी ने पिछले महीने कुल 77,812 दोपहिया बेचे। पिछले साल नवंबर के मुकाबले यह आंकड़ा तकरीबन 23.98 फीसदी कम रहा। यामाहा मोटर की बिक्री में 1.48 फीसदी की कमी आई और उसने 16,701 दोपहिया बेचे।