निवेशकों को दीवाली का तोहफा | बीएस संवाददाता / नई दिल्ली November 10, 2015 | | | | |
बिहार चुनाव में करारी हार के बाद निवेशकों को संदेश देने और प्रधानमंत्री के ब्रिटेन दौरे से पहले सकारात्मक माहौल बनाने के लिए सरकार ने आर्थिक सुधारों की राह में बड़ा कदम उठाया है। इसके तहत कई प्रमुख क्षेत्रों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की राह आसान बनाने के साथ तमाम कारोबारी बाधाओं को दूर किया जाएगा। सुधारों की इस बड़ी पहल में सरकार ने निजी बैंकिंग क्षेत्र में एफडीआई सीमा को बढ़ाकर 74 फीसदी करने, निर्माण क्षेत्र से बाहर निकलने को आसान बनाने, समाचार चैनलों में अपलिंकिंग, डीटीएच, केबल नेटवर्क और क्षेत्रीय विमानन कंपनियों में एफडीआई की सीमा बढ़ाई है।
कुल मिलाकर एफडीआई पर उदारवाद की इस कवायद से 15 क्षेत्रों और 32 निवेश बिंदुओं को फायदा पहुंचेगा। औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग (डीआईपीपी) के सचिव अमिताभ कांत ने बताया, 'यह निवेशकों के लिए दीवाली का तोहफा है। यह सुधारों पर सरकार की सबसे बड़ी पहल है।' इसे स्वागतयोग्य बताते हुए आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास ने कहा कि यह तत्काल प्रभाव से अमल में लाया जाएगा। इसके साथ ही डीआईपीपी ने विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) की मंजूरी के लिए प्रस्ताव की सीमा भी 3,000 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 5,000 करोड़ रुपये कर दी है यानी स्वत: मार्ग से इतर 5,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश प्रस्ताव ही अब आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति के पास जाएगा।
निजी क्षेत्र के बैंकों में एफडीआई सीमा 74 फीसदी तक बढ़ाना एक अहम कदम है। निर्माण क्षेत्र में अभी तक विकास परियोजनाओं में फ्लोर एरिया 20,000 वर्ग मीटर के भीतर रखने और कारोबार शुरू होने के 6 महीने के भीतर कम से कम 50 लाख डॉलर का पूंजीकरण लाने की शर्त थी, उसे भी खत्म कर दिया गया है। तीन साल की लॉक इन अवधि के समाप्त होने के बाद निवेशक परियोजना से निकल भी सकते हैं। लॉक इन अवधि का निर्धारण विदेशी निवेश के प्रत्येक दौर के साथ किया जाएगा। किसी अन्य विदेशी निवेशक को अपनी हिस्सेदारी के हस्तांतरण में भी लॉक इन अवधि या सरकारी मंजूरी के मायने खत्म हो जाएंगे। हालांकि होटलों और टूरिस्ट रिसॉर्ट, अस्पतालों, विशेष आर्थिक क्षेत्रों (सेज), शैक्षणिक संस्थानों, वृद्घाश्रमों और प्रवासी भारतीयों (एनआरआई) द्वारा किए गए निवेश पर लॉक इन पैमाना लागू नहीं होगा।
रक्षा क्षेत्र में भी स्वचालित माध्यम से एफडीआई सीमा को बढ़ाकर 49 फीसदी कर दिया गया है। पोर्टफोलियो निवेश और विदेशी वेंचर कैपिटल निवेशकों की एफडीआई सीमा को मौजूदा 24 से बढ़ाकर 49 फीसदी कर दिया है। मीडिया, डीटीएच और मीडिया नेटवर्क में एफडीआई सीमा 74 फीसदी से बढ़कर शत प्रतिशत हो गई लेकिन एफआईपीबी से मंजूरी की शर्तें बरकरार रहेंगी। समाचार चैनलों की अपलिंकिंग में एफडीआई सीमा 26 से बढ़कर 49 फीसदी हो जाएगी। समाचार चैनलों से अलग चैनलों में कुछ सरकारी मंजूरियों के साथ अपलिंकिंग में 100 फीसदी एफडीआई किया जा सकेगा। विनिर्माता भी सरकारी मंजूरी के बिना ई-कॉमर्स के जरिये अपने उत्पाद बेच सकेंगे। एकल ब्रांड खुदरा स्टोर में घरेलू विनिर्माताओं से न्यूनतम 33 फीसदी खरीद की अनिवार्य शर्त में भी सरकार राहत दे सकती है।
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