भारत की आर्थिक राजधानी मुंबई पर हाल में हुए आंतकी हमलों ने ऑटो निर्माता कंपनियों को भी धक्का पहुंचाया है।
देश की सबसे बड़ी स्पोट्र्स यूटिलिटी वाहन बनाने वाली कंपनी महिंद्रा ऐंड महिंद्रा (एमऐंडएम) और इटली के लोकप्रिय कार ब्रांड फिएट की भारतीय इकाई ने अपने नए वाहन बाजार में उतारने की अपनी योजनाओं को टाल दिया है। अब दोनों जनवरी में अपने वाहन बाजार में उतारेंगी।
महाराष्ट्र में अपने-अपने मुख्य कार्यालयों वाली दोनों कंपनियों की योजना पहले दिसंबर के मध्य में अपने वाहन पेश करने की थी, लेकिन वाहनों की मांग के दर्द को मुंबई में हुए आतंकी हमलों ने और भी बढ़ा दिया, इसलिए कंपनियों ने एक महीने तक अपनी योजना को टाल दिया है।
एमऐंडएम की योजना अपने बहुपयोगी वाहन क्जाइलो (पहले इंजेनियो) और फिएट इंडिया ऑटोमोबाइल्स (एफआईएएल)की योजना सीडान लिनीया को दिसंबर में बाजार में उतारने की थी।
एमऐंडएम के एक अधिकारी का कहना है, 'बाजार पहले से ही मंदा चल रहा है, लेकिन अब मुंबई में आतंकी हमलों के बाद हमने क्जाइलो को बाजार में उतारने के दिन को इस महीने से बढ़ाकर अगले महीने करने का फैसला लिया है।'
एफआईएएल के प्रवक्ता का कहना है, 'हमने मुंबई में स्थितियों के मद्देनजर लिनीया को बाजार में उतारने की तारीख बदलने का फैसला किया है। इससे पहले हम 16 दिसंबर को लिनीया को पेश करने वाले थे।'
गौरतलब बात है कि दोनों वाहनों को बाजार में उतारना कंपनियों के लिए काफी अहम है, क्योंकि 6 से 7 साल बाद कंपनियां नए उत्पाद पेश करने जा रही हैं। इससे पहले एमऐंडएम का पूरी तरह से नया उत्पाद स्कॉर्पियो थी, जिसे कंपनी ने 2002 में पेश किया था।
फिएट का आखिरी नया उत्पाद सात साल पहले बाजार में उतारा गया था। हालांकि एमऐंडएम ने कई नए उत्पाद पेश किए हैं और फिएट भी इस फेहरिस्त में पीछे नहीं है, ये वाहन पिछले वाहनों की बाहरी या आंतरिक रूपरेखा और इंजन में बदलाव कर बाजार में उतारे गए थे।
मुंबई के एक विशेषज्ञ का कहना है कि मुंबई बाजार को देखते हुए बड़ी-बड़ी ऑटो निर्माता कंपनियों का अपने उत्पादों को बाजार में उतारने की तारीख को बढ़ा देना एक बेहतर कदम है।
बावजूद इसके विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि मौजूदा वित्त वर्ष की आखिरी तिमाही ऑटो निर्माताओं के लिए कुछ राहत भरी हो सकती है, क्योंकि उन्हें उम्मीद है कि इस तिमाही के दौरान नकदी प्रवाह को बढ़ाने के लिए बैंक की ऑटो कर्ज पर ब्याज दरें कम हो सकती हैं।
एक ब्रोकिंग संस्थान के ऑटो विशेषज्ञ का कहना है, 'बिल्कुल नए साल में नए उत्पाद ऑटो निर्माताओं के लिए बिक्री बढ़ाने में मददगार साबित हो सकते हैं।'