...हर जुबान पर बस कलाम का ही नाम | बीएस संवाददाता एवं एजेंसियां / July 28, 2015 | | | | |
इतिहास में किसी शख्स को याद करने के ऐसे मौके बेहद कम आते हैं, जितनी शिद्दत से पूरे देश ने अपने पूर्व राष्टï्रपति अबुल पाकिर जैनुलआबदीन अब्दुल कलाम को याद किया। 83 वर्षीय कलाम का सोमवार को शिलांग में दिल का दौरा पडऩे से निधन हो गया था, उसके बाद से ही हर खासो-आम अपने-अपने अंदाज में उन्हें श्रद्घांजलि अर्पित करने में जुट गया। विभिन्न क्षेत्रों की हस्तियों ने उन्हें देश का 'सच्चा सपूत' और 'दुर्लभ रत्न' करार देते हुए बड़े आत्मीय ढंग से याद किया।
उनके निधन के असर का अंदाजा मंगलवार की दोपहर को नई दिल्ली के पालम हवाई अड्डïे पर उनकी पार्थिव देह के आगमन के साथ ही लगाया जा सकता था, जहां राष्टï्रपति प्रणव मुखर्जी, उप राष्टï्रपति हामिद अंसारी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर सहित तमाम गणमान्य लोगों ने उन्हें श्रद्घांजलि अर्पित की। मगर वायु सेना के मार्शल 96 वर्षीय अर्जन सिंह ने व्हील चेयर से उठकर कंपकंपाती देह के साथ जब कलाम को श्रद्घासुमन अर्पित किए तो लोगों की आंखें नम होने से रुक नहीं पाईं।
कलाम का अंतिम संस्कार तमिलनाडु में उनकी जन्मस्थली रामेश्वरम में पूरे सैन्य सम्मान के साथ 30 जुलाई को किया जाएगा। पूर्व राष्ट्रपति के पार्थिव शरीर को नई दिल्ली में 10, राजाजी मार्ग स्थित उनके आवास पर ले जाने से पहले उन्हें तीनों सेनाओं ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया और राष्ट्रपति तथा अन्य लोगों ने मौन रख कर दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की। उनके आवास पर पार्थिव देह के अंतिम दर्शन के लिए लोगों की लंबी कतारें लगी रहीं जिनमें स्कूल और कॉलेज के विद्यार्थियों की अच्छी खासी तादाद थी। युवाओं को बड़े सपने देखने के लिए प्रेरित करने वाले और 'जनता के राष्ट्रपति' के तौर पर मशहूर कलाम के आखिरी दर्शन के लिए युवा देर तक प्रतीक्षा में खड़े देखे गए।
नामचीन शख्सियतों में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत और वामदलों के नेता सीताराम येचुरी एवं डी राजा ने भी उनके आवास पर जाकर श्रद्घांजलि अर्पित की। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भी राष्ट्र के प्रति कलाम की सेवाओं की प्रशंसा करते हुए उनके निधन पर शोक प्रकट करने का प्रस्ताव पारित किया, जिसमें कहा गया, 'उनके निधन से देश ने एक दूरदृष्टा वैज्ञानिक, सच्चा राष्ट्रवादी और महान सपूत को खो दिया।' कलाम को श्रद्धांजलि देने के बाद आज संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही स्थगित कर दी गई।
लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही अब 30 जुलाई को होगी। सरकार ने पूर्व राष्ट्रपति के निधन पर सात दिन का राजकीय शोक घोषित किया है। सरकार ने अपने प्रस्ताव में कहा कि कलाम प्रौद्योगिकी के जरिये समाज को बदलना चाहते थे और मानव कल्याण के लिए विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करने के लिहाज से भारत के युवाओं को प्रेरित करने के पक्ष में थे। प्रस्ताव के अनुसार, 'कलाम ने भारत के पहले स्वदेश निर्मित उपग्रह प्रक्षेपण यान के विकास में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया और भारत को स्पेस क्लब का विशेष सदस्य बनाया।' इसके मुताबिक, 'भारत के मिसाइल मैन' के नाम से लोकप्रिय डॉ. कलाम को अग्नि और पृथ्वी मिसाइलों के विकास और उनके परिचालन का श्रेय भी जाता है। उन्होंने हल्के लड़ाकू विमानों को लाकर रक्षा प्रणाली में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा दिया।'
कैबिनेट की बैठक से पहले भाजपा संसदीय दल की बैठक हुई। प्रधानमंत्री ने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति असाधारण व्यक्तित्व वाले साधारण व्यक्ति थे, जो जिस पद पर भी रहे अपना सर्वश्रेष्ठ काम किया। मोदी ने कहा कि कलाम के निधन से देश ने एक दुर्लभ रत्न खो दिया। उन्होंने कहा कि उनके सपने पूरे करना ही उनके प्रति सच्ची श्रद्घांजलि होगी।
विदेशी मीडिया भी हुआ कलाम का मुरीद
विदेशी मीडिया ने भी कलाम के योगदान पर रोशनी डालते हुए उन्हें भारत की परमाणु क्षमताओं को 'जबरदस्त तरीके से आगे बढ़ाने वाला' वैज्ञानिक करार दिया। 'द न्यू यॉर्क टाइम्स' ने लिखा है, 'उन्होंने अपनी लोकप्रियता का इस्तेमाल करके भारत के लोगों से अपनी सैन्य क्षमताएं बढाने और स्वयं को बाहरी ताकतों की प्रभुता के खतरे से आजाद करने की अपील की।' एक अन्य अमेरिकी अखबार 'वॉशिंगटन पोस्ट' ने लिखा है कि कलाम को उनके देश के पहले अंतरिक्ष उपग्रह विकसित करने में मदद करने का श्रेय दिया जाता है। उन्होंने 1980 के दशक में परमाणु आयुध ले जाने में सक्षम 'पृथ्वी' और 'अग्नि' बैलिस्टिक मिसाइलों के डिजाइन में मदद की। वहीं 'द वॉल स्ट्रीट जर्नल' ने कहा कि तमिलनाडु में एक गरीब मुस्लिम परिवार में जन्मे कलाम अंतरिक्ष कार्यक्रम विकसित करने के अपने देश में प्रयासों में अग्रणी थे और वह रक्षा तकनीक में भारत को आत्म निर्भर बनाने के मजबूत समर्थक थे। विदेशों में बसे भारतीयों ने भी कलाम के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। कर्ई विदेशी शहरों में उन्हें श्रद्घांजलि अर्पित की गई।
ट्विटर पर रहेंगे मौजूद
भले ही ए पी जे अब्दुल कलाम हमारे बीच नहीं रहे लेकिन उनका ट्विटर अकाउंट बदस्तूर चलता रहेगा और उसके जरिये लोगों को प्रेरित करता रहेगा। उनके सहयोगियों की टीम 'इन मेमोरी ऑफ डॉक्टर कलाम' नाम से सक्रिय रहने वाला उनका ट्विटर अकाउंट चलाती रहेगी, जो उनकी शिक्षाओं को आगे बढ़ाएगा। इस पर ट्वीट किया गया है, 'उनकी कभी न मिटने वाली यादों को समर्पित यह ट्विटर खाता अब उनके विचारों, उनकी शिक्षाओं और मिशन को दर्शाएगा। हम आपको बहुत याद कर रहे हैं, सर।' कलाम फरवरी, 2011 में इस माइक्रो ब्लॉगिंग साइट से जुड़े थे और उनके 14 लाख से ज्यादा फॉलोअर हैं। उनके निधन के बाद सोमवार रात से ही वह लगातार ट्विटर के टॉप ट्रेंड में रहे।
दिखाई भरपूर दिलेरी
देश की रक्षा तैयारी को नए क्षितिज पर ले जाने वाले कलाम ने राष्टï्रपति के रूप में भी खासी दिलेरी दिखाई। उन्होंने सुखोई लड़ाकू विमान में उड़ान भरी, पनडुब्बी में सफर किया, दुनिया के सबसे ऊंचे युद्घ क्षेत्र सियाचिन ग्लेशियर का दौरा किया और नियंत्रण रेखा पा जाकर सैनिकों से बात कर उनका हौसला बढ़ाया। एक बार तो उनके विमान ने आइजॉल हवाई अड्डïे से रात के समय उड़ान भरी तो रनवे को लालटेन और टॉर्च की रोशनी से जगमग किया गया। 2005 में जब अपनी मिजोरम यात्रा के दौरान सभी आधिकारिक कार्यक्रम पूरे कर लिए। उनका अगली सुबह रवाना होने का कार्यक्रम था। मगर कलाम ने उसी रात ही दिल्ली के लिए उड़ान भरने का निर्णय किया।
फांसी का विरोध
देश में मृत्युदंड और फांसी को लेकर अक्सर बहस जोर पकड़ती रहती है और इसमें राष्टï्रपति का माफी देने का पहलू भी खासा अहम होता है। हालांकि उन्होंने धनंजय की फांसी माफ करने की अर्जी को मंजूर नहीं किया था। मगर मुंबई बम धमाकों के कसूरवार याकूब मेमन को मौत की सजा देने या न देने के मुद्दे पर छिड़ी बहस के बीच दिवंगत ए पी जे अब्दुल कलाम ने मौत की सजा का प्रावधान खत्म करने का समर्थन करते हुए हाल ही में कहा था कि भारत के राष्ट्रपति के तौर पर उन्हें ऐसे मामलों पर फैसला करने में दुख का अनुभव होता था क्योंकि उनमें से ज्यादातर के 'सामाजिक एवं आर्थिक पूर्वग्रह' होते हैं। हाल में विधि आयोग को उन्होंने राय दी थी कि फांसी की सजा बंद कर दी जाए।
अब किताबों में कलाम
पूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए पी जे अब्दुल कलाम की जीवनी मध्य प्रदेश के स्कूलों में विद्यार्थियों को पढ़ाई जाएगी। डॉ. कलाम के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश के स्कूलों में विद्यार्थियों को डॉ. कलाम के जीवन पर आधारित एक अध्याय पढ़ाया जाएगा। इससे विद्यार्थी जीवन में अपने लक्ष्यों को हासिल करने के लिए प्रेरित होंगे और अच्छे नागरिक बन सकेंगे। चौहान ने कहा कि उनके निधन से देश को अपूरणीय क्षति हुई है लेकिन उनका जीवन विद्यार्थियों के लिए प्रेरणास्रोत बना रहेगा। चौहान ने बताया कि उनका जीवन छात्रों के लिए प्रेरणास्रोत है कि एक साधारण परिवार का बालक भी योग्यता के दम पर शिखर पर पहुंच सकता है।
शब्दों में यूं बयां की अपनी व्यथा
उनके जाने से जो शून्य पैदा हुआ है, उसे भरा नहीं जा सकता। कवि हृदय वाले कलाम ने देश की रक्षा क्षमताओं को बढ़ाने में अहम
योगदान दिया।'
प्रणव मुखर्जी, राष्ट्रपति
वह असाधारण शख्सियत वाले 'राष्टï्र रत्न' थे। उन्होंने देश को आगे बढ़ाने के लिए जो सपने देखे उन्हें साकार करना ही उनके लिए सबसे बेहतर श्रद्घांजलि होगी।'
नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री
उनमें युवाओं से जुडऩे की जबरदस्त क्षमता थी। हम उन्हें, उनकी सोच और उनके नजरिये को याद रखेंगे। उन्होंने अपने जीवन के अंतिम क्षण तक काम किया। '
राहुल गांधी,कांग्रेस उपाध्यक्ष
राष्टï्रपति कलाम सच्चे देशभक्त एवं राजनेता थे। वह बेहतरीन तरीके से लोगों से जुड़े और तमाम लोगों खासतौर से युवाओं को बहुत प्रेरित किया। वह एक महान आदर्श थे।'
एन आर नारायण मूर्ति, संस्थापक-इन्फोसिस
उनका निधन देश के लिए अपूरणीय क्षति है। वह 1960 के दशक में इसरो में हमारे साथ थे और पहली उपग्रह यान परियोजना के निदेशक थे, जो हमारे देश के लिए एक अहम पड़ाव साबित हुई।'
के राधाकृष्णन, इसरो के पूर्व अध्यक्ष
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