मायानगरी में आतंकी हमलों का पहला असर रिटेलरों पर दिखा, जो समूचे दिन ग्राहकों की बाट ही जोहते रहे।
आम तौर पर जो दुकानें ग्राहकों से खचाखच भरी रहती थीं, आज उनमें सन्नाटा ही पसरा रहा। जिन इलाकों में धमाके हुए, उनके आसपास तो दुकानों के शटर गिरे ही रहे। कोलाबा, नरीमन प्वॉइंट, विले पार्ले जैसे इलाकों में दुकानों पर काम करने वाले ही नदारद दिखे। जो दुकानें खुलीं, उन्हें ग्राहक मयस्सर नहीं हुए।
किशोर बियाणी के फ्यूचर समूह के बिग बाजार ने मुंबई सेंट्रल और परेल में अपने स्टोर बंद रखे। द मोबाइल स्टोर के राजीव अग्रवाल ने कहा, 'ग्राहकों का अता-पता ही नहीं है और कारोबार ठप पड़ा है। आतंकी हमले से लोगों में दहशत का माहौल है, जिसकी वजह से वे घरों से बाहर ही नहीं निकल रहे हैं।'
एस कुमार समूह की रीड ऐंड टेलर, स्टीफन्स ब्रदर्स, बेलमोंट और कर्माइकल जैसे ब्रांड का प्रबंधन करने वाली ब्रांड हाउस रिटेल ने अपनी लगभग 25 फ्रैंचाइजियों को गुरुवार को बंद करने का फैसला किया।
ब्रांड हाउस रिटेल्स के प्रबंध निदेशक तरुण जोशी ने बताया, 'हम अपने कर्मचारियों की जिंदगी खतरे में नहीं डालना चाहते हैं, इसीलिए हमने यह फैसला किया है। एक दिन स्टोर नहीं खुलने से होने वाला नुकसान ज्यादा मायने नहीं रखता है। वैसे भी, आतंक के इस माहौल में लोग खरीदारी करने से परहेज ही करेंगे।'
बिग बाजार के मुख्य कार्याधिकारी राजन मल्होत्रा ने बताया, 'कुछ नुकसान तो जरूर होगा, लेकिन बाद में इसकी भरपाई की जा सकती है। हम पुलिस के साथ मिलकर काम कर रहे हैं और पुलिस के निर्देश पर ही हमने अपने आज अपने स्टोर बंद करने का फैसला किया है।'
हालांकि जितने भी रिटेल कारोबारियों से बिजनेस स्टैंडर्ड ने बात की सभी ने कहा कि बहुत जल्द हालात फिर से सामान्य हो जाएंगे और हम इस नुकसान की भरपााई कर सकेंगे। तरुण जोशी ने कहा, 'मुंबई जिंदादिल लोगों का शहर है। यहां के लोग बाढ़, आतंकी हमले, हड़ताल और बाकी आपदाओं के बाद पहले की तरह ही काम में जुट जाते हैं और शॉपिंग करते हैं।'
फिनिक्स मिल्स के प्रबंध निदेशक अतुल रुइया ने बताया, 'सबसे जरूरी बात यह है कि आतंकी हमले बंद हो और जनजीवन सामान्य हो जाए। कारोबार के बारे में बाद में भी सोचा जा सकता है।'
दहशत में आमजन...
कई रिटेल स्टोर और मॉल गुरुवार को बंद रहे
जो खुले, वे दिनभर खरीदारों की बाट जोहते नजर आए
कारोबार को भारी नुकसान होने की आशंका