मार्च 2015 की तिमाही में ऊर्जा क्षेत्र की कंपनियों की कमाई मिली-जुली रहने की उम्मीद है। टाटा पावर और अदाणी पावर की कमाई में तेजी दिख सकती है क्योंकि केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग (सीईआरसी) के आदेश के मुताबिक कंपनियों को अपनी बिजली परियोजनाओं के लिए शुल्क में बढ़ोतरी की अनुमति होगी जो अव्यावहारिक दरों की वजह से घाटे के दबाव से जूझ रही थीं। जेएसडब्ल्यू एनर्जी सहित आयातित कोयला आधारित बिजली उत्पादन कंपनियों को भी कोयले की कीमतों में कमी और निश्चित बिक्री की वजह से तेज वृद्धि दर्ज करने की उम्मीद है।
हालांकि सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी एनटीपीसी की कमाई में वृद्धि की उम्मीद नहीं है क्योंकि इस पर वित्त वर्ष 2015-2019 के दौरान सीईआरसी के संशोधित नियमन का असर पड़ सकता है। इसके मुताबिक परिचालन नियमों में सख्ती बरती गई है। बाजार फिलहाल इस बात का इंतजार करेगा कि एनटीपीसी के मूल मुनाफे पर नए सीईआरसी नियमन का कितना असर पड़ता है। एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने अपने शोध पत्र में कहा है कि संयंत्र की उपलब्धता कारक (पीएएफ) के मुकाबले संयंत्र पर ज्यादा भार बढऩे (पीएलएफ) से जुड़े इंसेंटिव में बदलाव से भी इसमें कमी आई है।
केंद्रीय पारेषण कंपनी पावरग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (पीजीसीआईएल) को भी बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है। हालांकि निजी स्वतंत्र बिजली उत्पादन कंपनियां मसलन टाटा पावर और अदाणी पावर दरों में बढ़ोतरी के मसले पर कैसे कदम उठाती हैं यह देखना लाजिमी होगा क्योंकि सीईआरसी के आदेश को विद्युत अपीलीय पंचाट (एपीटीईएल) में चुनौती दी गई है। एनटीपीसी ने भी दिल्ली उच्च न्यायालय में सीईआरसी के नियमन को चुनौती दी है।
मुंबई क्षेत्र के लिए टाटा पावर के वितरण लाइसेंस का नवीकरण 25 सालों के लिए कर दिया गया है जबकि मुंद्रा अल्ट्रा मेगा पावर प्रोजेक्ट (यूएमपीपी) पर उच्चतम न्यायालय या एपीटीईएल के अंतिम आदेशों को देखने की जरूरत होगी। साथ ही खदान के उत्पादन आदि पर भी नजर रखने की जरूरत होगी। कोयला कारोबार में कम मुनाफे का असर भी कुल मुनाफे पर पड़ सकता है। हालांकि एनटीपीसी और पावर ग्रिड की स्थिति बेहतर नजर आती है खासतौर पर ऐसे अनिश्चित माहौल में जहां बिजली खरीद समझौते, ईंधन और शुल्क की दरों में स्पष्टता का अभाव है।
रिलायंस पावर के पीएटी पर असर पड़ सकता है क्योंकि रोसा और बुटीबोरी परियोजनाओं के लिए ईंधन आपूर्ति और सासन में खनन की लागत से जुड़े कुछ मसले खड़े हो सकते हैं। रोसा परियोजना के पीएलएफ का अनुमान 82 फीसदी पर है जो पिछले साल के बराबर ही है जबकि बुटीबोरी के लिए पीएलएफ पिछले साल की तिमाही के 42 फीसदी की तुलना में 85 फीसदी होने की उम्मीद है।
एडलवाइस सिक्योरिटीज लिमिटेड के सह निदेशक, शंकर के का कहना है, 'नियंत्रित कंपनियां मुनाफे में स्थिर वृद्धि दर्ज कर सकती हैं जबकि दूसरी कंपनियों की कमाई में निचले स्तर से थोड़ी बढ़ोतरी हो सकती है। तिमाही के दौरान आयातित कोयले की कीमत और डॉलर स्थिर रहा। सीईआरसी के आदेश की वजह से टाटा पावर और अदाणी पावर की कमाई में तेजी दिख सकती है।' उनका कहना है, 'हमें लैंको, जीवीके और जीएमआर की कमाई में तेजी की उम्मीद नहीं दिख रही है क्योंकि बिजली संयंत्रों में गैस की आपूर्ति एक समस्या के तौर पर बनी रहेगी। पीटीसी के कारोबार में सुधार की उम्मीद है। जेएसडब्ल्यू एनर्जी पर बाड़मेर संयंज्ञ में 45 दिनोंं की बंदी का असर पड़ सकता है। सीईएससी के मुनाफे में भी तेजी दिखनी चाहिए।'
Business Standard Private Ltd. Copyright & Disclaimer feedback@business-standard.com
This site is best viewed with Internet Explorer 6.0 or higher; Firefox 2.0 or higher at a minimum screen resolution of 1024x768
* Stock quotes delayed by 10 minutes or more. All information provided is on
"as is" basis and for information purposes only. Kindly consult your
financial advisor or stock broker to verify the accuracy and recency of all
the information prior to taking any investment decision.
While due diligence is done and care taken prior to uploading the stock
price data, neither Business Standard Private Limited, www.business-standard.com nor any
independent service provider is/are liable for any information errors,
incompleteness, or delays, or for any actions taken in reliance on
information contained herein.