बाजार के लिए यह सप्प्ताह भी कारोबार के नजरिये से ठीक नहीं रहा और लगातार दूसरे सप्ताह बाजार में गिरावट का दौर जारी रहा।
फंड प्रबंधकों के नेटवर्थ में इस सप्ताह भी जबरदस्त गिरावट देखी गई। हालांकि उम्मीद की किरण हमेशा देखने को मिली और हमारे फंड प्रबंधक लगातार बेंचमार्क को मात देते रहे। एक ओर जहां बीएसई 200 का सूचकांक पिछले सप्ताह 6.3 फीसद नीचे चला गया वहीं हमारे हरेक फंड प्रबंधकों के नेटवर्थ में 0.5 से 2.5 फीसद की गिरावट दर्ज की गई।
इसके अलावा फंड प्रबंधकों ने लगातार बेंचमार्क को मात देना जारी रखा। एक सितंबर 2008 में जब से स्मार्ट पोर्टफोलियो की शुरूआत हुई, तब से सेंसेक्स में 41 फीसद तक की गिरावट आ चुकी है। जहां तक फंड प्रबंधकों की बात है तो सबसे ज्यादा घाटा कश्यप पुजारा को हुआ जिनके नेटवर्थ में 41 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई जबकि अमर अंबानी के पोर्टफोलियो में 0.34 प्रतिशत का मामूली सुधार देखा गया।
कारोबार की दृष्टि से यह सप्ताह काफी फीका रहा और मात्र 20 विभिन्न सौदे हुए जिनमें कश्यप पुजारा और सदानंद शेट्टी का एक-एक सौदा शामिल है। आनंद अग्रवाल ने सबसे ज्यादा 11 सौदे किए जिनमें 9 सौदे बिकवाली के रहे।
अमर अंबानी ने एक बार फिर अपने सारे शेयरों को बेच दिया है और अब उनके पास शत-प्रतिशत नकदी हैं। दिलचस्प बात यह है कि उन्होंने शुक्रवार को उस समय अपने सारे शेयर बेच डाले जिस समय बाजार में सुधार देखा गया।
सारांश: सप्ताह के अंत में ऐसा लग रहा है कि फंड प्रबंधक विभिन्न दिशाओं पर अपना ध्यान केंद्रित कर रहें हैं। एक ओर जहां कश्यप पुजारा वित्तीय शेयरों को खरीदने की कोशिश में लगे हैं वहीं आनंद अग्रवाल बड़ी कंपनियों पर अपना ध्याान लगाए हुए हैं। सदानंद शेट्टी ने खुद को कारोबार से अलग रखा, वहीं अमर अंबानी ने अपने सारे शेयर बेच डाले।
कश्यप पुजारा
फंड प्रबंधक, एनम डायरेक्ट
कश्यप पुजारा ने एचडीएफसी के 50 शेयर खरीदे। इससे उनको अभी तक 13.5 फीसद का रिटर्न मिला है। हालांकि उनका नेटवर्थ साप्ताहिक आधार पर 20.16 फीसद से घटकर 21.59 फीसद पहुंच गया। उनके पोर्टफोलियो में शामिल आईसीआईसीआई बैंक और सेंचुरी टेक्सटाइल को क्रमश:15.3 और 23.2 फीसद का नुकसान उठाना पड़ा।
पिछले सप्ताह कारोबार की समाप्ति केबाद उनकानेटवर्थ 1.43 फीसदी की गिरावट के साथ 7.84 लाख रुपये रहा जिसमें 4.64 लाख रुपए नकदी हैं। उनके नेटवर्थ का 13 फीसदी वित्तीय शेयरों पर लगा है और इस हिसाब से निश्चित रूप से वो आनेवाले दिनों में कुछ राहत के लिए इन पर दांव लगा रहे हैं।
आनंद अग्रवाल
फंड प्रबंधक, रिलायंस मनी
पिछले सप्प्ताह अपने 11 सौदों के साथ आनंद अग्रवाल सबसे अधिक सक्रिय फंड प्रबंधक बन कर उभरे। महत्वपूर्ण बात यह रही कि इन 11 में से 9 सौदे बिकवाली के थे जिससे संकेत मिला कि उन्होंने निचले स्तर पर कुछ अच्छे सौदे किए।
अग्रवाल ने अपने पास उपलब्ध कैश का करीब 30 फीसद हिस्सा निवेश किया। इसके बाद उनकी रकम में गिरावट देखी गई और यह 5.45 लाख के स्तर से घटकर 3.80 लाख रुपये के स्तर पर आ गई। पिछले सप्ताह उनके पोर्टफोलियो में 2.4 फीसदी की अधिकतम गिरावट देखी गई।
अग्रवाल के पास बीएचईएल और एसबीआई के शेयर हैं जिनका उनके 52.2 फीसद केपोर्टफोलियो में 18.6 प्रतिशत हिस्सा है। अग्रवाल का नेटवर्थ फिलहाल 7.94 लाख रुपये है।
सदानंद शेट्टी
उपाध्यक्ष, कोटक सिक्योरिटीज
पिछले सप्प्ताह सदानंद शेट्टी असमान्य रूप से कारोबार की दृष्टि से शांत रहे। उन्होंने सिर्फ ल्यूपिन के पांच शेयरों को बेचा।
शेट्टी की देखो और इंतजार करो नीति का अच्छा परिणाम देखने को मिला और पिछले सप्प्ताह उनके पोर्टफोलियों में सबसे कम यानी मात्र 0.55 फीसद की गिरावट देखने को मिली। अभी भी उनके पास 86 फीसदी से अधिक नकदी है। पिछले सप्ताह कारोबार की समाप्ति पर उनका नेटवर्थ 8.97 लाख रुपये था जिसमें 7.81 लाख रुपये नकदी थे।
अमर अंबानी
उपाध्यक्ष (रिसर्च) इंडिया इन्फोलाइन
अपनी सारी हिस्सेदारियों में नुकसान उठाने के बाद अमर अंबानी एक बार फिर नकदी पर बैठे हैं। उनके पोर्टफोलियो में सबसे ज्यादा नुकसान ऐक्सिस बैंक, जयप्रकाश एसोसिएट्स और इंडियाबुल्स रियल एस्टेट को उठाना पडा।
इन तीनों को क्रमश: 23.2, 29.3 और 17.4 फीसद का नुकसान उठाना पड़ा। उनके पास फिलहाल 10.3 लाख रुपये कैश के रुप में हैं।