साझेदारी कानून के दायरे में आएंगे एलएलपी और जेवी | संजय जोग / मुंबई April 09, 2015 | | | | |
सीमित दायित्व भागीदारी (एलएलपी) और संयुक्त उपक्रम (जेवी) सहित साझेदारी के माध्यम से होने वाले सौदों में हस्तांतरित होने वाली संपत्ति के बाजार मूल्य के अनुरूप स्टाम्प शुल्क लगेगा। इसका विशेषकर रियल्टी क्षेत्र के संयुक्त उपक्रमों पर असर पडऩे का अनुमान है, क्योंकि इससे परियोजना लागत में इजाफा हो सकता है। टीडीआर दस्तावेजों पर भी इसका असर पडऩे का अनुमान है, क्योंकि बाजार मूल्य पर स्टाम्प शुल्क भी देना होगा। इससे पहले इसे 3 फीसदी माना जाता था। विधानसभा में पेश किए गए महाराष्ट्र स्टाम्प (संशोधन) विधेयक में इससे संबंधित प्रावधान किए गए हैं। इसके अलावा राज्य सरकार ने कम भुगतान के लिए स्टाम्प शुल्क को 200 फीसदी से बढ़ाकर 400 फीसदी करने का प्रस्ताव किया है और एक नियम शामिल किया है, जहां किसी भी दस्तावेज के लिए 100 रुपये के स्टाम्प पेपर की जगह 500 रुपये के स्टाम्प पेपर की जरूरत होगी।
इसके अलावा व्यक्तिगत, संस्थान, संगठन, कंपनी या एक संस्था निर्माण, क्रियान्वयन, रखरखाव, रिकॉर्डिंग और स्टाम्प शुल्क के योग्य साधनों से संबंधित जानकारियों के सत्यापन व उन्हें संबंधित विभाग को मुहैया कराने के लिए जवाबदेह होगी। अधिकारियों को शुल्क योग्य संपत्तियों के निरीक्षण और जब्ती के अधिकार दिए जाएंगे। इसके अलावा यदि कोई व्यक्ति किसी अधिकारी के प्रवेश को रोकता है तो उसे एक महीने तक के कारावास की सजा का सामना करना पड़ सकता है, जिसे 6 महीने के लिए बढ़ाया जा सकता है और 2,500 रुपये के जुर्माने का भी प्रावधान है। एक राजस्व विभाग के अधिकारी ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया, 'विधेयक को प्रशासन से संबंधित प्रक्रियागत पहलुओं के अनुकूल बनाया गया है और सामान्य भी बनाया गया है।' अधिकारी ने बताया कि स्टाम्प शुल्क की दरों को औचित्यपूर्ण बनाने के लिए एक खंड शामिल किया गया है। अधिकारी के मुताबिक कुछ चीजों पर स्टाम्प शुल्क जो लंबे समय पहले 100 या 200 रुपये तय किया गया था, को औचित्यपूर्ण बनाया जाएगा। कार्य से संबंधित अनुबंध पर स्टाम्प शुल्क की ऊपरी सीमा को भी बढ़ाया जाएगा।
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