उत्तर प्रदेश की वाणिज्यिक राजधानी कानपुर के प्रापर्टी बाजार पर वैश्विक आर्थिक मंदी का मिला जुला असर देखा जा रहा है ।
यहां पॉश आवासीय इलाकों को छोड़कर बाकी जगह कीमतों में कमोबेश बढ़ोतरी ही देखने को मिल रही है। यहां के स्थानीय उपभोक्ता अब निचले और मध्यम प्रापर्टी क्षेत्रों की ओर रुख कर रहे हैं। हालांकि कानपुर के डेवेलपर्स और बिल्डर्स की मानें तो देश के अन्य शहरों के मुकाबले यहां के प्रापर्टी बाजार पर मंदी का बहुत प्रतिकूल असर नहीं पड़ा है।
कानपुर बिल्डर संघ (केबीए) के सचिव अनूप अस्थाना ने बताया, 'हमें व्यावसायिक या फिर आवासीय प्रापर्टी क्षेत्रों की मांग में खास बदलाव का सामना नहीं करना पड़ रहा है। यहां तक कि किराए में भी स्थिरता बनी हुई है और पिछले चार महीनों के दौरान शहर के कुछ प्रमुख क्षेत्रों में भाव ऊपर की ओर ही चढ़े हैं।'
हालांकि प्रोमोटरों और डेवेलपरों के कहे से इतर असंगठित और छोटे प्रापर्टी एजेंट इस बात को स्वीकारते हैं कि स्वरूप नगर, सिविल लाइन्स और कल्याणपुर जैसे पॉश इलाकों में आवासीय प्रापर्टी के दरों में इस साल सितंबर महीने में 5 से 10 फीसदी तक की गिरावट आई है।
इसके अलावा 40,000 रुपये प्रति वर्ग मीटर से अधिक के प्रापर्टी सौदों में करीब 10 से 15 फीसदी तक की गिरावट दर्ज की गई है। शहर के प्रमुख डेवेलपर प्रापर्टी की कीमतों में आई कमी को मानने से इनकार कर रहे हैं जबकि कल्याणपुर और सिविल लाइन्स क्षेत्रों में बंगलों की खरीदारी करने वाले उपभोक्ताओं ने प्रापर्टी में आई कमी की पुष्टि करते हैं।
इस दिवाली पर स्वरूप नगर में मकान की खरीद करने वाले विनय यादव ने बताया, 'मैंने एक लिज प्लाट को 65 लाख रुपये में खरीदा है जिसकी कीमत अभी से चार महीने पहले 70 लाख रुपये की पेशकश की जा रही थी।'
कानपुर में वाणिज्यिक प्रापर्टी और ऑफिस स्पेस की कीमत में पहले की तरह ही बढ़ोतरी जारी है। केबीए अध्यक्ष ललित खन्ना ने बताया, 'माल रोड, जीटी रोड और सिविल लाइन्स जैसे क्षेत्रों में ऑफिस स्पेस के किराये में 5 से 10 फीसदी तक की बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है।'
शहर में 1000-1200 वर्ग फीट अपार्टमेंट की कीमत उसके लोकेशन और सुविधाओं के आधार पर 5 से 35 लाख रुपये में उपलब्ध है। उनके बातों का समर्थन करते हुए अस्थाना कहते हैं कि 1500 वर्ग फिट से अधिक फ्लैटों की मांग की गति पहले की तरह बनी हुई है जोकि शहर के संगठित रियल एस्टेट व्यापार का करीब 80 फीसदी है।
अस्थाना ने बताया, 'इस मंदी के दौर में भी यहां का प्रापर्टी बाजार स्थिर बना हुआ है। डॉफिन डेवेलपर्स के विश्वनाथ गुप्ता ने बताया कि पॉश इलाकों में हालिया प्रशासनिक नियंत्रण की वजह से यहां प्रापर्टी बाजार में थोड़ी गिरावट देखने को मिली है।
लखनऊ के अर्थशास्त्र के प्रोफेसर अरविंद मोहन का कहना है कि इटावा, कन्नौज और उन्नाव जैसे छोटे शहर वैश्वीकरण से बहुत ज्यादा प्रभावित नहीं हुए हैं।
पॉश इलाके कीमत
सिविल लाइन्स 3600
जवाहरपुरम 1700
पटेल नगर 1600
कल्याणपुर 1600
किदवई नगर 2500
सस्ते इलाके कीमत(अनुमानित)
विष्णुपुरी 2200
इंद्रानगर 1300
गांधीग्राम 1200
पनकी 1400
यशोदा नगर 1600
(कीमत रुपये में प्रति वर्ग फीट)