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ट्रैक्टर निर्माताओं का प्रदर्शन रहेगा उम्दा

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 12, 2022 | 3:08 AM IST

विभिन्न राज्यों में अनलॉकिंग की प्रक्रिया तेज होने के साथ वाहनों की बिक्री धीरे-धीरे बढ़ रही है, ऐसे में बाजार का मानना है कि वॉल्यूम में पूरा सुधार (जो पिछली बार मार्च 2021 मेंं दिखा था) अगस्त के आखिर से त्योहारी सीजन के आगाज के साथ देखने को मिलेगा। उपभोक्ता श्रेणी में कार निर्माताओं के लिए रिकवरी दोपहिया कंपनियों के मुकाबले तेज होगी। मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेज के जिनेश गांधी और विपुल अग्रवाल का मानना है कि दोपहिया का वॉल्यूम कमजोर बना रह सकता है, वहीं यात्री वाहनों की मांग में तेजी से सुधार देखने को मिल सकता है क्योंकि लोग अब व्यक्तिगत वाहनों को प्राथामिकता दे रहे हैं। इसे 10-20 दिन के बची इन्वेंट्री से भी सहारा मिलेगा।
व्यक्तिगत वाहनों की दरकार के अतिरिक्त विश्लेषक अचानक उभरने वाली मांग को भी रेखांकित कर रहे हैं, जैसा कि पिछले साल देखने को मिला था। इसके अलावा स्वविवेक से होने वाले खर्च में सुधार का भी यात्री वाहनों की रफ्तार पर असर देखने को मिलेगा। विदेशी ब्रोकरेज फर्म के विश्लेषक ने कहा, पिछले साल दोपहिया वाहनों में सुधार हुआ था, लेकिन ग्रामीण इलाकों में बिक्री इस बार काफी कमजोर रही है, खास तौर से शुरुआती मॉडलों की बिक्री। इसके अलावा इस सेगमेंट में कीमत बढ़ोतरी 20 फीसदी रही है जबकि यात्री वाहनों की कीमतें एक अंक में बढ़ाई गई है।
मारुति और हीरो मोटोकॉर्प की तरफ से हुई कीमत बढ़ोतरी का असर ज्यादा रहने की संभावना है। कार बाजार के कई सेगमेंट में मारुति की वर्चस्व की स्थिति के बावजूद उसका परिचालन मार्जिन 15 फीसदी से घटकर 9 फीसदी रह गया है, जो दोपहिया निर्माताओं के लाभ से भी कम है। हीरो का मार्जिन भी सिकुड़ेगा क्योंकि वॉल्यूम व प्रतिस्पर्धी दबाव मौजूद है। पर मारुति पर हालिया बढ़ोतरी का कम प्रभाव दिखेगा। यह कहना है विश्लेषकों का।
अन्य क्षेत्रों की बात करें तो ट्रकों की मांग में सुधार सितंबर तिमाही के आखिर में देखने को मिल सकता है, लेकिन ट्रैक्टरों की मांग लगातार मजबूत बनी हुई है। मई में ट्रैक्टर के वॉल्यूम पर लॉकडाउन का असर पड़ा क्योंकि कोरोना की दूसरी लहर तेज थी। पर एमके रिसर्च के विश्लेषकों का कहना है कि उपभोक्ताओं की अवधारणा को सरकार की तरफ से अतिरिक्त खरीद का सहारा मिलेगा। साथ ही अच्छे मॉनसून, खरीफ फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य में इजाफा का भी इस पर असर दिखेगा। इससे सूचीबद्ध कंपनियों में महिंद्रा ऐंड महिंद्रा व एस्कॉट्र्स को फायदा पहुंचेगा।
बाजार दूसरी तिमाही में जिन अन्य क्षेत्रों पर दांव लगा रहा है उनमें वैसे वाहन निर्माता शामिल हैं, जिनकी मौजूदगी वैश्विक स्तर पर है मसलन टाटा मोटर्स व मदरसन सूमी, एंड््यूरेंस टेक, भारत फोर्ज, वेरॉक इंजीनियरिंग, अपोलो टायर्स जैसे ग्लोबल सप्लायर्स। अमेरिका में अगली कुछ तिमाहियों में कार का उत्पादन उच्चस्तर पर पहुंचने की संभावना है, लक्जरी कार की मांग भी यूरोप व अमेरिका में मजबूत है। पुरानी कार की कीमतों में तेज बढ़ोतरी से नई कारों की बिक्री को मजबूती मिलेगी, खास तौर से लीजिंग मार्केट में, जो बिक्री में 30-40 फीसदी का योगदान करता है।
अल्पावधि में वैश्विक कंपनियां ज्यादा शानदार दिख रही हैं, लेकिन देसी कंपनियों में वित्त वर्ष 22 की दूसरी छमाही ेमं सुधार दिखेगा, यह कहना है रिलायंस सिक्योरिटीज के शोध प्रमुख मितुल शाह का। उनका मानना है कि ट्रैक्टर सेगमेंट व वैश्विक बाजार में मौजूदगी वाली भारतीय कंपनियां सितंबर तिमाही में उम्दा प्रदर्शन करेंगी और इस बढ़त की अगुआई एस्कॉट्र्स, बजाज ऑटो, भारत फोर्ज व आरके फोर्जिंग करेगी।

First Published : July 1, 2021 | 12:19 AM IST