सात नामचीन हस्तियों वाले प्रतिष्ठित निर्णायक मंडल ने कारोबारी उत्कृष्टता के लिए बिज़नेस स्टैंडर्ड के वार्षिक पुरस्कारों पर पिछले हफ्ते वर्चुअल बैठक की और 2022 के लिए विजेता के तौर पर भारतीय उद्योग के नगीने चुने। निर्णायक मंडल की अध्यक्षता आदित्य बिड़ला समूह के चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला ने की।
इसमें सिरिल अमरचंद मंगलदास में मैनेजिंग पार्टनर सिरिल श्रॉफ, ईवाई इंडिया के चेयरमैन राजीव मेमानी, मल्टीपल्स अल्टरनेट ऐसेट मैनेजमेंट की संस्थापक और प्रबंध निदेशक रेणुका रामनाथ, मैकिंजी ऐंड कंपनी में सीनियर पार्टनर नोशिर काका, सोरिन इन्वेस्टमेंट्स के संस्थापक और चेयरमैन संजय नायर तथा बेन कैपिटल प्राइवेट इक्विटी इंडिया के चेयरमैन अमित चंद्रा शामिल थे।
बिड़ला ने कहा, ‘निर्णायक मंडल ने गहराई के साथ बेहद दिलचस्प विचार-विमर्श किया तथा विभिन्न नजरियों के साथ अलग-अलग बिंदुओं पर चर्चा की। मुझे लगता है कि सभी उम्मीदवार परिचालन पेशेवरों के विविधता और संभावना भरे समूह से आते हैं और उनमें वास्तव में विजेता बनने की कुव्वत है।
मैं सभी विजेताओं को हार्दिक बधाई देता हूं।’ निर्णायक मंडल ने हिंदुस्तान यूनिलीवर के मुख्य कार्याधिकारी (सीईओ) और प्रबंध निदेशक (एमडी) संजीव मेहता को ‘सीईओ ऑफ द इयर’ सम्मान के लिए चुना और टाइटन कंपनी को समीक्षाधीन अवधि के दौरान उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए ‘कंपनी ऑफ द इयर’ के खिताब से नवाजा गया।
सैमसंग इंडिया को ‘स्टार एमएनसी ऑफ द इयर’ घोषित किया गया तथा रक्षा क्षेत्र के लिए विमान बनाने वाली कंपनी हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स ने ‘स्टार पीएसयू ऑफ द इयर’ का खिताब अपने नाम किया। इसी तरह फाइन ऑर्गेनिक इंडस्ट्रीज को ‘स्टार एसएमई ऑफ द इयर’, तेजी से विकास कर रही सॉफ्टवेयर सेवा (सास) कंपनी जोहो कॉर्पोरेशन को ‘न्यू एज कंपनी ऑफ द इयर’ का तमगा मिला।
इस साल देश-दुनिया में ख्याति अर्जित करने वाली नई तकनीकी कंपनियों को शामिल करने के लिए इस श्रेणी का नाम ‘स्टार्ट अप ऑफ द इयर’ के बजाय बदलकर ‘न्यू एज कंपनी ऑफ द इयर’ किया गया है।
निर्णायक मंडल ने ‘लाइफटाइम अचीवमेंट’ सम्मान के लिए इन्फोसिस के सह-संस्थापक और गैर-कार्यकारी चेयरमैन नंदन नीलेकणी के नाम पर समहति जताई। नीलेकणी के बारे में बिड़ला ने कहा, ‘लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार वास्तव में ऐसी शख्सियत के लिए है, जिसके काम का व्यापक असर हो और जो वास्तव में उत्कृष्ट हो। मुझे लगता है कि विजेता के तौर पर हमें ऐसे व्यक्ति पसंद हैं, जिन्होंने अपनी कंपनी और अपने क्षेत्र से भी परे असर डाला हो।’ नीलेकणी 2009 से 2014 तक भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) के चेयरमैन रह चुके हैं। इस पद पर उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा हासिल था।
67 साल के नीलेकणी का जन्म बेंगलूरु में हुआ था। उन्होंने आईआईटी बंबई से स्नातक किया था। वर्ष 2005 में उन्हें अर्थशास्त्र, आर्थिक विज्ञान और राजनीति में नवोन्मेषी सेवाओं के लिए प्रतिष्ठित जोसेफ शुम्पीटर पुरस्कार से नवाजा गया था। 2006 में उन्हें भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान में से एक पद्म भूषण से भी सम्मानित किया गया था। जनवरी 2023 में नीलेकणी को ‘आर्थिक कायांतरण, वित्तीय समावेश और विकास के लिए डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे पर जी 20 कार्यबल’ का सह अध्यक्ष बनाया गया।
निर्णायक मंडल के अध्यक्ष की हैसियत से बिड़ला ने प्रत्येक जूरी सदस्य से पुरस्कार श्रेणी में दो उम्मीदवारों को छांटने का अनुरोध कर चर्चा शुरू की। मार्च 2022 में समाप्त वित्त वर्ष के दौरान वित्तीय प्रदर्शन के बिज़नेस स्टैंडर्ड रिसर्च ब्यूरो द्वारा संकलित आंकड़ों के आधार पर उम्मीदवार छांटे गए थे।
बिड़ला ने जोर देकर कहा कि वित्तीय लेखा-जोखा तो देखा ही जाए, कोविड महामारी के कारण उभरी अप्रत्याशित चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए मजबूत नैतिक सिद्धांतों और दीर्घकालिक व्यापार दृष्टि पर भी विचार किया जाए। निर्णायक मंडल की चर्चा पर्यावरणीय, सामाजिक और प्रशासनिक (ईएसजी) अनुपालन, संकट प्रबंधन तथा बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा देश में नया प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) लाने जैसे मुख्य विषयों पर केंद्रित रही।
निर्णायक मंडल ने माना कि किस तरह कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान मेहता ने देश की सबसे बड़ी एफएमसीजी कंपनी हिंदुस्तान यूनिलीवर (एचयूएल) को सबसे मुश्किल दौर में आगे बढ़ाया। कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान एचयूएल का परिचालन से कुल राजस्व 11.5 प्रतिशत बढ़कर 52,446 करोड़ रुपये हो गया क्योंकि इसने कच्चे माल की लागत में वृद्धि की भरपाई करने के लिए कीमतों में बढ़ोतरी की। वित्त वर्ष के दौरान कंपनी का कर के बाद मुनाफा 11.2 प्रतिशत बढ़कर 8,892 करोड़ रुपये हो गया।
महामारी के दो वर्षों की वजह से एचयूएल कारोबार के रूप में और भी अधिक जवाबदेह कंपनी बन गई। ग्रामीण क्षेत्रों की कम मांग के बावजूद एचयूएल कारोबार और मूल्य के लिहाज से बाजार में बेहतर प्रदर्शन करने में कामयाब रही। रामनाथ ने कहा कि मेहता को ‘सीईओ ऑफ द इयर’ के रूप में इस लिए चुना गया क्योंकि मुश्किल वृहद आर्थिक चुनौतियों के बावजूद कंपनी ने लगातार स्थिर प्रदर्शन किया है।
रामनाथ ने कहा, ‘मेहता ने चुनौतीपूर्ण समय में एचयूएल को संभाला, एक बड़े जहाज को चलाने की जिम्मेदारी की तरह की इसका संचालन किया है और कंपनी के वित्तीय प्रदर्शन और अर्थव्यवस्था पर चौतरफा प्रभाव के लिहाज से लगातार उच्च गुणवत्ता वाले प्रदर्शन के लिए कंपनी को मजबूत बनाए रखा है।
निर्णायक मंडल टाटा समूह के स्वामित्व वाली टाइटन कंपनी के लगातार प्रदर्शन से भी प्रभावित थी, जिसकी शुरुआत 1984 में एक घड़ी कंपनी के रूप में हुई थी। टाइटन ने बाद में आभूषणों की पेशकश करनी शुरू कर दी और अब आईवियर, एक्सेसरीज, परफ्यूम और पारंपरिक परिधानों की पेशकश के साथ देश की अग्रणी लाइफस्टाइल रिटेलर कंपनी है। कंपनी दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी एकीकृत घड़ी निर्माता में शुमार है।
सी के वेंकटरामन टाइटन के प्रबंध निदेशक हैं, जो भारत में घड़ी और आभूषण उद्योग को बदलने और घरेलू खुदरा बाजार को तैयार करने के लिए जाना जाता है। इसका आभूषण ब्रांड, तनिष्क संगठित क्षेत्र का नेतृत्व करता है, जबकि टाइटन आई+ भी भारत की सबसे बड़ी आंखों के चश्मे की रिटेल कंपनी है। कंपनी विभिन्न श्रेणियों में नए ब्रांड बनाने में भी बहुत सफल रही है।
श्रॉफ ने ‘कंपनी ऑफ द इयर’ विजेता के बारे में कहा, ‘बहुत मजबूत दावेदारों के समूह के बीच यह चयन काफी मुश्किल था। लेकिन आखिरकार कारोबार की सफलता, बाजार पूंजीकरण और प्रदर्शन के मिले-जुले आधार पर कंपनी अग्रणी साबित हुई इसलिए, हमें टाइटन के चयन पर गर्व है।’
छांटे गए नामों के अलावा, सैमसंग के चयन पर निर्णायक मंडल ने कई वैश्विक नामों पर चर्चा की जिन्होंने भारत में भारी निवेश, विविधता लाने के मकसद से चीन के साथ-साथ अन्य देशों में आपूर्ति श्रृंखला की रणनीति के हिस्से के रूप में किया है। कोरियाई स्वामित्व वाली कंपनी के भारत में सूचीबद्ध नहीं होने के बावजूद सैमसंग के लगातार वित्तीय प्रदर्शन ने इसका पक्ष मजबूत किया।
सैमसंग दक्षिण पश्चिम एशिया के अध्यक्ष और सीईओ जोंगबम पार्क ही भारतीय परिचालन के प्रमुख हैं। यह पहली बार था जब निर्णायक मंडल ने बहुराष्ट्रीय कंपनी श्रेणी में एक गैर-सूचीबद्ध कंपनी का चयन किया ताकि सैमसंग द्वारा देश में किए गए भारी निवेश और एक विदेशी कंपनी द्वारा भारतीय अर्थव्यवस्था में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के योगदान को तवज्जो दी जा सके।
नैयर ने कहा, ‘हमने (सूचीबद्ध इकाइयों की) परंपरा से अलग हटकर भारत में योगदान देने वाली बहुराष्ट्रीय कंपनियों की तलाश की। देश में बड़े पैमाने पर उत्पादन, उनके द्वारा तैयार किए गए विनिर्माण, डीलर नेटवर्क और बिक्री तथा सेवा नेटवर्क तैयार करने की वजह से निश्चित रूप से सैमसंग चयन के लिए एक स्पष्ट विकल्प था, जो काफी बेहतरीन है। एक बड़ी कोरियाई कंपनी के लिए देश में इतना भरोसा रखना और आपूर्ति श्रृंखला का निर्माण करना सराहनीय है।
लेकिन महत्त्वपूर्ण बात यह है कि कंपनी ने यहां मोबाइल, टीवी, घरेलू उपकरणों जैसे उत्पाद बनाए जो कीमतों और वितरण के प्रसार के लिहाज से भारतीय बाजार के अनुकूल हैं। इसलिए यह हमारे देश में एफडीआई लाने के लिए एक बड़ा संदेश है।’
‘स्टार पीएसयू ऑफ द इयर’ को लेकर निर्णायक मंडल ने यह महसूस किया कि उम्मीदवार को न केवल वित्तीय पैमाने पर उत्कृष्ट होना चाहिए बल्कि दूसरी कंपनियों की प्रतिस्पर्धा का भी सामना करना चाहिए। कई कंपनियों पर चर्चा के बाद, निर्णायक मंडल ने हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स पर अपनी मुहर लगा दी क्योंकि यह कई वर्षों से लगातार स्थिर प्रदर्शन कर रहा है।
चंद्रा ने कहा, ‘यह न केवल बिक्री बढ़ाने में बल्कि लाभ में भी मददगार है और कंपनी को बाजार ने बाहरी रूप से भी पुरस्कृत किया गया है। पिछले वित्त वर्ष में इसका ऑर्डर बुक इसके आधार (सालाना राजस्व) का लगभग साढ़े तीन गुना है और यह अहम तरीके से देश के रक्षा निर्माण में योगदान देती है।’
सी बी अनंतकृष्णन हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक हैं। इस कंपनी ने वर्ष 2021-22 में 24,620 करोड़ रुपये का राजस्व और 5,080 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज किया जो वर्ष 2020-21 में 22,882 करोड़ रुपये और 3,246 करोड़ रुपये था। जोहो को ‘न्यू एज कंपनी ऑफ द इयर’ के रूप में चुने जाने पर, काका ने याद किया कि कैसे 2022 स्टार्टअप के लिए बहुत मुश्किल वर्ष था और कैसे सात सालों के तेजी वाले दौर के बाद उद्योग को पूंजी की कमी और ‘चुनौतियों’ का सामना करना पड़ा।
काका ने कहा, ‘जूरी ने जोहो का चयन किया क्योंकि यह दुनिया के लिए भारत से एसएएएस सॉफ्टवेयर तैयार करने में अग्रणी रहा है और कई वर्षों से यह अगुआ की भूमिका में है। न केवल कंपनी के वित्तीय परिणाम बल्कि मुनाफे में भी कई गुना की तेजी आई है और इसने टीयर 2 और टीयर 3 शहरों में बड़ी तादाद में लोगों को प्रशिक्षित करने में अहम भूमिका निभाई ताकि यह पता चल पाए कि बेहतर सॉफ्टवेयर कैसे तैयार किया जाए और इसकी वैश्विक पहुंच और नेटवर्क को कैसे बढ़ाया जाए। इसने कई अगली पीढ़ी की कंपनियों के लिए किफायती सॉफ्टवेयर भी दिए हैं।’ श्रीधर वेंबू जोहो कॉर्पोरेशन के संस्थापक और सीईओ हैं। उन्हें 2021 में देश के चौथे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म श्री से सम्मानित किया गया था।
निर्णायक मंडल ने ‘स्टार एसएमई ऑफ द इयर’ पर अच्छी चर्चा करते हुए कई उभरती कंपनियों के कई नामों पर बात की। मेमानी ने कहा, ‘निर्णायक मंडल ने आखिरकार बेहतर वित्तीय प्रदर्शन और हरित रसायनों पर ध्यान केंद्रित करने के कारण ‘फाइन ऑर्गेनिक इंडस्ट्रीज’ पर मुहर लगाई।’ मुकेश एम शाह मुंबई स्थित कंपनी के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक हैं, जिसने 2021-22 में 1,876 करोड़ रुपये का राजस्व और 260 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज किया, जो पिछले वर्ष की तुलना में क्रमशः 66 प्रतिशत और 116 प्रतिशत अधिक है।