पुणे में दिव्यांग कर्मचारियों का एक विशेष रेस्तरां खुला है। टेरासिन रेस्तरां शहर का पहला ऐसा रेस्तरां है, जिसके सभी कर्मचारी दिव्यांग हैं। इसमें करीब 22 कर्मचारी हैं तथा 20 लोग प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। सुनने और बात करने में असमर्थ लोग टेरासिन रेस्तरां में सेवा प्रदान कर रहे हैं। ये कर्मचारी महाराष्ट्र के ग्रामीण इलाकों से हैं और इन्हें रेस्तरां में काम करने के लिए तीन महीने का प्रशिक्षण दिया गया है। ये कर्मचारी रेस्तरां में आने वाले ग्राहकों का स्वागत करते हैं और उन्हें मेनू कार्ड देते है। कार्ड के ऊपर एक विशेष चिह्न होता है।
रेस्तरां की मालकिन डॉ. सोनम कापसे इन कर्मचारियों को प्रशिक्षण देती हैं। वह कहती हैं, मैं खुद एक डॉक्टर हूं। मैं कई साल से ऐसे बच्चों के लिए काम कर रही हूं। मैं ऐसे लोगों के लिए एक मंच सृजित कर रही हूं। हमें उन्हें इस स्तर पर प्रशिक्षण देना था कि वे भविष्य में अपने घर-परिवार और स्वयं के लिए काम कर सकें। हम उन्हें तीन महीने से प्रशिक्षण दे रहे हैं। ये सभी कर्मचारी ग्रामीण क्षेत्रों से है। ज्यादा पढ़े-लिखे नही हैं।
डॉ. कापसे बताती हैं कि ये लोग बहुत मेहनत कर रहे हैं। इन्होंने यूरोपीय और भारतीय मेनू याद कर लिया है। हमने उन्हें सिखाया है कि ग्राहकों से संवाद कैसे करना है। इसमे उन्होंने बहुत निष्ठा दिखाई है। ऐसा मंच इन्हें पहले कभी नही मिला था। हमारे यहां मधुमेह से पीडि़त 80 साल का बुजुर्ग भी खाना खा सकता है। इससे कुछ भी दुष्प्रभाव नही होता। इसी तरह कॉलेज के युवा भी यहां खाना खा सकते हैं।