facebookmetapixel
कृषि को लाभदायक बिजनेस बनाने के लिए ज्यादा ऑटोमेशन की आवश्यकताQ2 Results: टाटा स्टील के मुनाफे में 272% की उछाल, जानें स्पाइसजेट और अशोक लीलैंड समेत अन्य कंपनियों का कैसा रहा रिजल्टसेबी में बड़े बदलाव की तैयारी: हितों के टकराव और खुलासे के नियम होंगे कड़े, अधिकारियों को बतानी होगी संप​त्ति!Editorial: आरबीआई बॉन्ड यील्ड को लेकर सतर्कनिर्यातकों को मिली बड़ी राहत, कैबिनेट ने ₹45,060 करोड़ की दो योजनाओं को दी मंजूरीसीतारमण का आठवां बजट राजकोषीय अनुशासन से समझौता नहीं कर सकताटाटा मोटर्स की कमर्शियल व्हीकल कंपनी की बीएसई पर हुई लिस्टिंग, न्यू एनर्जी और इलेक्ट्रिफिकेशन पर फोकसग्लोबल एआई और सेमीकंडक्टर शेयरों में बुलबुले का खतरा, निवेशकों की नजर अब भारत परसेबी की चेतावनी का असर: डिजिटल गोल्ड बेचने वाले प्लेटफॉर्मों से निवेशकों की बड़ी निकासी, 3 गुना बढ़ी रिडेम्पशन रेटप्रदूषण से बचाव के लिए नए दिशानिर्देश, राज्यों में चेस्ट क्लीनिक स्थापित करने के निर्देश

फिर भी दिल्ली है दिल वालों की

Last Updated- December 07, 2022 | 5:01 PM IST

जिसने आज से 60 साल पहले दिल्ली को देखा हो, आज इस शहर को देखकर चकित हो जाएगा। उसके मन में एक ही सवाल बार बार आता है कि क्या यह वही दिल्ली है।


आजादी के बाद दिल्ली की रंगत जितनी बदली है शायद ही किसी शहर की बदली हो। दिल्ली के राजनैतिक ढांचे से लेकर आर्थिक ढांचे तक सभी कुछ बदल चुका है। दिल्ली के अगर रियल्टी सेक्टर की ही बात करें तो कनॉट प्लेस के दुकानदारों का कहना है कि आज से 40 साल पहले वे यहां पर दुकान के लिए 2 रुपये से लेकर 10 रुपये प्रति महीने के हिसाब से किराया देते थे।

जबकि आज किराया 1 लाख से 12 लाख रुपये तक पहुंच गया है। रिहायशी मकानों की बात करें तो कनॉट प्लेस के पास रहने वाले कुछ लोगों ने बताया कि पहली बात तो यहां आज की तारीख में कोई भी जमीन बिक्री के लिए उपलब्ध नहीं है। हां अगर कहीं से कुछ मिल भी जाए  तो आपको इसके लिए 2 लाख से लेकर 3.5 लाख रुपये प्रतिवर्ग फीट के देने पड़ेंगे।

आज के रियल्टी स्टार क्षेत्र नोएडा का इतिहास भी बड़ा विचित्र है। नोएडा प्राधिकरण के एक अधिकारी बताते है कि 70 के दशक की शुरुआत में नोएडा में कोई बसने के लिए आना नहीं चाहता था। ऐसे में सरकार ने लोगों को 20 से 25 रुपये प्रतिवर्ग फीट के हिसाब से जमीन बेची थी। आज उसी नोएडा में जमीन खरीदने के लिए लोगों को दांतो तले अंगुली दबानी पड़ रही है।

एसोटेक डेवलपर्स के निदेशक संजीव श्रीवास्तव कहते है कि 1996 में नोएडा और गाजियाबाद में जमीन की कीमत 1000 और 600 रुपये प्रतिवर्ग फीट थी जो आज लगभग 40000 और 30000 रुपये प्रति वर्ग फीट है।  इन्द्रप्रस्थ एक्सटेंशन में जिन मकानों की कीमत आज से 15 साल पहले 1 लाख रुपये थी। उनकी कीमत आज 50 से 60 लाख रुपये हो गई है।

दिल्ली के आर्थिक विकास के साथ ही यहां सब कुछ बदलता जा रहा है। बुनियादी ढांचे की ही बात अगर की जाए तो जहां 1950 में पूरी दिल्ली में गिनती के कुछ वाहन होते थे, वहीं आज रोजाना एनसीआर में लगभग 112 लाख वाहन सड़कों पर दौड़ते हैं। यह अपने आप में एक विश्व रिकॉर्ड है। विकास के चलते दिल्ली में जनसंख्या की जितनी बढ़ोतरी हुई है। शायद ही किसी और शहर में हुई हो।

आंकड़ों के हिसाब से 1901 में दिल्ली की जनसंख्या केवल 4 लाख थी जो आज बढ़कर लगभग 160 लाख के ऊपर हो चुकी है। इसके अलावा कई और अन्य छोटी-छोटी बातों को देखा जाए तो लोगों को और ज्यादा हैरत होगी कि दिल्ली कितनी ज्यादा बदल गई है। आज से 20 साल पहले किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि दिल्ली में मेट्रो जैसी ट्रेन होगी लेकिन आज दिल्ली की 65 किलोमीटर लंबी पट्टी में मेट्रो दौड़ रही है।

यही नहीं 2020 के अंत तक दिल्ली में मेट्रो का विस्तार 413 किलोमीटर की दूरी तक कर दिया जाएगा। ऐसे में यह विश्व की सबसे लंबी मेट्रो ट्रेन बन जाएगी।  हवाई यात्रा के लिए 1962 में जब इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा स्थापित किया गया था, उस समय गिनती के कुछ लोग ही हवाई यात्रा करते थे। लेकिन आज दिल्ली से प्रतिदिन 40 हजार लोग देश-विदेश की हवाईयात्रा करते है।

खाने और पकाने के मामले में भी दिल्ली ने अपनी रंगत बहुत बदली है। सत्तर के दशक में यहां गिनती के 10 से 12 होटल थे।  लेकिन आज इनकी संख्या 100 से ज्यादा हो चुकी है। खाना पकाने के लिए दिल्ली में गैस कनेक्शनों की संख्या 90 के दशक में जहां 5 से 6 लाख थी वह आज लगभग 45 लाख के आसपास है। लगातार जनसंख्या बढ़ने से संसाधन कम पड़ते जा रहे हैं।

लेकिन इसके बावजूद दिल्ली की रंगत लगातार बदल रही है। दिल्ली में पब्लिक ट्रांसपोर्ट के इस्तेमाल करने और जाम में फंसने की वजह से ही लगभग 42 करोड़ मानव श्रम घंटों का नुकसान होता है। अब अंत में अगर शिक्षा की बात की जाए तो दिल्ली का कोई अन्य विकल्प नहीं रहा है। आज दिल्ली 5 विश्वविद्यालयों, आईआईटी, 130 उच्च शिक्षा के कालेज के साथ (जिनमें 5 मेडिकल कालेज, 7 डीम्ड विश्वविद्यालय और 1 खुला विश्वविद्यालय भी शामिल है), शिक्षा का एक नया केंद्र बन गया है।

First Published - August 15, 2008 | 2:27 AM IST

संबंधित पोस्ट