राजस्थान सरकार की ‘मुख्यमंत्री डिजिटल सेवा योजना’ के तहत राज्य की 1.35 करोड़ महिलाओं को स्मार्टफोन दिया जाना है। इस योजना में देश की तीन प्रमुख दूरसंचार कंपनियों ने रुचि दिखाई है। इस परियोजना की कुल लागत 12 हजार करोड़ रुपये हैं। सरकार ने इसके लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू की थी।
राज्य सरकार की इस परियोजना के लिए आई तकनीकी बोलियों की बुधवार को जांच की गई। परियोजना प्रभारी छत्रपाल सिंह ने बताया, ‘तकनीकी बोलियों की बुधवार को जांच की गई।’ बोली पेश करने वाली चार में से तीन कंपनियां इसमें शामिल हुईं, जिसमें सार्वजनिक क्षेत्र की भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) के साथ साथ एयरटेल और रिलायंस जियो भी शामिल है। निविदा पेश करने वाली निजी कंपनी वोडाफोन इसमें उपस्थित नहीं हुई। उन्होंने बताया कि अब एक उच्च स्तरीय समिति निविदाओं का आकलन कर आगे फैसला करेगी।
अधिकारी इस प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा करना चाहते हैं ताकि अगले साल विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की इस बजटीय घोषणा को अमली जामा पहनाया जा सके। अधिकारियों को उम्मीद है कि इस प्रक्रिया को जल्द से जल्द निपटा लिया जाएगा और योजना के तहत स्मार्टफोन की पहली खेप इस त्योहारी सीजन (दिवाली) से पहले सरकार को मिल सकती है। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस साल के राज्य के बजट में ‘मुख्यमंत्री डिजिटल सेवा योजना’ की घोषणा की थी।
इसके तहत राज्य में 1.35 करोड़ ‘चिरंजीवी परिवारों’ की महिला मुखिया को तीन साल की इंटरनेट कनेक्टिविटी के साथ स्मार्ट फोन दिया जाना है। फोन में तीन साल तक इंटरनेट के अलावा वाइस कॉल और एसएमएस की सुविधा होगी। परियोजना कार्यान्वयन का जिम्मा सरकारी कंपनी राजकॉम्प के पास है। राजस्थान में अगले साल दिसंबर में विधानसभा चुनाव होने हैं। जानकारों के अनुसार ऐसे में राज्य सरकार चाह रही है कि मुख्यमंत्री गहलोत की इस महत्वाकांक्षी बजटीय घोषणा को आचार संहिता लगने से पहले ही पूरा कर लिया जाए।
